पंतनगर: शोषण के खिलाफ डॉल्फिन कंपनी के 5 प्लांट के मज़दूर आंदोलित, फिलहाल हड़ताल समाप्त

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कंपनी में बड़ी संख्या में महिला मज़दूर काम करती हैं। कम वेतन व सुविधाओं के साथ महिला मज़दूरों को पुरूष मज़दूरों से कम वेतन मिलता है। श्रमिकों के शौचालय पर भी पाबंदी है।

पंतनगर (उत्तराखंड)। उधमसिंह नगर जिले के सिडकुल पंतनगर स्थित डॉल्फिन कम्पनी के करीब 4 हजार मज़दूर 4 जनवरी को एकबार फिर सड़क पर उतार गए।

पीपी, एपीएन, यूएसपीओटी, एएमपीपी सहित डॉल्फिन पांच प्लांटों के मजदूरों ने 4 जनवरी को सुबह से ही अपनी 10 सूत्रीय मांगपत्र को लेकर हड़ताल कर दी।

यहाँ पर चार पहिया वाहन के शीटकबर, मेट, स्टिकर आदि बनाने वाली इस कंपनी में बड़ी संख्या में महिला मज़दूर काम करती हैं। कम वेतन के साथ यहाँ सुविधाएं भी बेहद कम हैं। महिला मज़दूरों को पुरूष मज़दूरों से कम वेतन दिया जाता है।

जहाँ पुरुष मज़दूरों को घण्टे के 9000 रुपए मिलते हैं, वहीं महिला मज़दूरों को लगभग 7 हजार रुपये ही मिलते हैं। श्रमिकों के शौचालय पर भी पाबंदी है। बोनस भी नहीं मिलता है।

ऐसी विकट स्थिति में 4 जनवरी को मज़दूरों ने वेतन वृद्धि, बोनस आदि मांगों को लेकर हड़ताल कर दी। आनन-फानन में सिडकुल पुलिस भी पहुंच गई। इस बीच भाजपा के नेताओं के कहने पर मांगों पर बिना लिखित वार्ता के ही समझौता करवा दिया और हड़ताल समाप्त हो गई।

ज्ञात हो कि इससे पूर्व इसी फैक्ट्री में एक श्रमिक की मौत के बाद श्रमिक सड़क पर उतार चुके हैं।

हालांकि मज़दूरों में आक्रोश है और वे रविवार को अपनी आगे की रणनीति बनाएंगे। जबकि माँगपत्र पर वार्ता श्रम विभाग में जारी रहेगी।