हरिद्वार में ईएसआई अस्पताल तथा बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं हेतु सीएम को ज्ञापन

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संघर्षरत सत्यम के मजदूरों को समर्थन देने से रोकने का विरोध

हरिद्वार (उत्तराखंड)। संयुक्त संघर्षशील ट्रेड यूनियन मोर्चा हरिद्वार ने ईएसआई अस्पताल बनवाने तथा बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं हेतु जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तराखंड को ज्ञापन भेज। साथ ही मजदूरों को नई भर्ती हेतु कोरोना टीका की बाध्यता समाप्त करने की माँग उठाई। मोर्चा ने सत्यम ऑटो मजदूरों के आंदोलन को समर्थन देने से पुलिस द्वारा रोकने की निंदा की।

आज 14 जुलाई को मोर्चा द्वारा हरिद्वार में ईएसआई अस्पताल बनवाए जाने तथा बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं हेतु एक ज्ञापन जिलाधिकारी हरिद्वार के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार, देहरादून को प्रेषित किया गया। इन्हीं मांगों को लेकर एक ज्ञापन जिलाधिकारी हरिद्वार को भी सौंपा गया। मोर्चे द्वारा जिलाधिकारी हरिद्वार को एक अन्य ज्ञापन सिडकुल हरिद्वार में मजदूरों को नई भर्ती हेतु कोरोना टीका की अनिवार्यता को समाप्त करने हेतु भी दिया गया।

मोर्चे के संयोजक एवं फूड्स श्रमिक यूनियन आईटीसी के अध्यक्ष गोविंद सिंह ने कह कि हरिद्वार जिले में सिडकुल का बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है। सिडकुल के अलावा भी भगवानपुर, रुड़की, बहादराबाद तथा लक्शर आदि क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में उद्योग लगे हैं। पूरे जिले में कुछ हजार उद्योग हैं जिनमें दो लाख से अधिक मजदूर काम करते हैं। अक्सर नियोक्ता जब मजदूरों को काम पर रखते हैं तो मजदूरों का ईएसआई कार्ड नही बनाया जाता है। दुर्घटनाओं के दौरान मुआवजा इलाज आदि की जिम्मेदारियों से बचने के लिए तुरत-फुरत ईएसआई कार्ड बनाया जाता है। सुरक्षा उपकरणों के अभाव, बुरी कार्य परिस्थितियां, काम के दबाव तथा एक मजदूर से दो दो मशीनें चलवाने आदि के चलते अक्सर ही मजदूर बीमारियों तथा दुर्घटनाओं के शिकार होते रहते हैं।

क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के संयोजक नासिर अहमद ने कहा कि पूरे जिले में जहां की हजारों उद्योग तथा कुछ लाख मजदूर है, वहीं इएसआई का एक भी अस्पताल नहीं है। ईएसआई कॉरपोरेशन ने जिन अस्पतालों को अनुबंधित किया है उनमें इलाज करने के लिए मजदूरों को रेफर कराने व बिल भुगतान कराने के लिए मजदूरों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इलाज के लिए दौड़ भाग में मजदूरों के कई कार्य दिवस जाया होते हैं और अस्पतालों में अतिरिक्त भुगतान भी करना पड़ता है। जबकि मजदूरों के बीमा का करोड़ों रुपया हर माह कॉरपोरेशन के पास जमा होता है।

भेल मजदूर ट्रेड यूनियन के महामंत्री एवं मोर्चे के उप संयोजक अवधेश कुमार ने कहा कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम मजदूरों के पैसे से वित्त पोषित है और बीमा का पैसा वेतन भुगतान से पूर्व काटा जाता है, ऐसे में निगम का दायित्व होना चाहिए कि मजदूरों के लिए बेहतर सुविधाओं का इंतजाम किया जाना चाहिए।

इंकलाबी मजदूर केंद्र के हरिद्वार प्रभारी एवं मोर्चे के सलाहकार पंकज कुमार ने कहा कि हम उत्तराखंड सरकार के नये मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाना चाहते हैं कि मजदूरों के हालात खराब हैं बिमारी तथा दुर्घटनाओं से मजदूर आए दिन शिकार होते हैं परंतु इलाज, अक्षमता प्रमाण पत्र, वेतन भुगतान, बीमा की राशि बिलों के भुगतान तथा पेंशन आदि के लिए मजदूरों को महिनों-सालों चक्कर काटने पड़ते हैं। पूर्व में हरिद्वार में 100 बेड का ईएसआई अस्पताल प्रस्तावित है। ईएसआई अस्पताल तत्काल खोला जाए।

देवभूमि श्रमिक संगठन हिंदुस्तान युनिलीवर के महामंत्री एवं मोर्चे के कोषाध्यक्ष दिनेश कुमार ने कहा कि मजदूरों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के निदान के लिए ईएसआई अस्पताल कहां बनना बेहद जरूरी है जिसके खुलने से पूरे जिले के लाखों मजदूर लाभान्वित होंगे।

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संयुक्त संघर्षशील ट्रेड यूनियन मोर्चा हरिद्वार की माँगें-

  1. हरिद्वार सिडकुल क्षेत्र में तत्काल ही ईएसआई अस्पताल खोला जाए।
  2. प्रत्येक मजदूर बस्ती में ईएसआई डिस्पेंसरी खोली जाए।
  3. प्रत्येक मजदूर का काम पर रखे जाने के समय ही ईएसआई  कार्ड बनाया जाए ।
  4. मजदूरों की छुट्टी के समय के बाद तक डिस्पेंसरी खोली जाए ताकि डॉक्टर को दिखाने के लिए छुट्टी ना लेनी पड़े।
  5. सभी मजदूरों व उनके परिजनों को निशुल्क कोरोना टीका लगया जाए।
  6. ईएसआई में लंबित मजदूरों के भुगतान व शारीरिक अक्षमता  प्रमाण पत्र संबंधी मामले तत्काल निपटाये जाए।

ज्ञापन देने में गोविंद सिंह, अवधेश कुमार, पंकज कुमार, सत्यवीर सिंह, दिनेश कुमार, कुलदीप सिंह, हरीश, अमर सिंह, रंजना एवं नासिर अहमद आदि उपस्थित रहे।

सत्यम ऑटो के मजदूरों को समर्थन से रोकने का विरोध

ज्ञापन देने के बाद संयुक्त संघर्षशील ट्रेड यूनियन मोर्चा हरिद्वार के पदाधिकारी सत्यम ऑटो कॉम्पोनेंट्स के 300  मजदूरों  की कार्य बहाली हेतु चल रहे आंदोलन को समर्थन देने धरना स्थल पर पहुंच रहे थे जिन्हें पुलिस ने रॉकमैन गेट पर रोक दिया। इसके बाद पुलिस के साथ काफी नोकझोंक होने के बाद रॉकमैन गेट पर ही एक सभा कर सत्यम के मजदूरों का समर्थन किया गया।

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पुलिस द्वारा मोर्चा के पदाधिकारियों को सत्यम के आंदोलनरत मजदूरों के पास जाने से रोकने की घटना की निंदा की गई। यह मजदूरों के लोकतांत्रिक अधिकार का सीधे-सीधे उल्लंघन है। यह कार्रवाई स्पष्ट रूप से दिखाती है कि पुलिस प्रशासन व शासन प्रशासन कैसे सत्यम मैनेजमेंट के साथ खड़ा है। और मजदूरों की कार्य बहाली न हो सकें इसके लिए हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। मोर्चा के पदाधिकारीयों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।