मज़दूरों ने मिनी सचिवालय गुड़गांव पर प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया

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मारुति सुजुकी मज़दूर संघ के बैनर तले यूनियनों ने उठाईं माँगें

गुड़गांव-मानेसर क्षेत्र में मज़दूरों की बढ़ती समस्याएं, कोरोना महामारी के बहाने मज़दूरों के बढ़ते शोषण पर रोक लगाने, लंबित माँग पत्रों के समाधान और अस्थाई कैजुअल मज़दूरों को बेवजह निकालने, परेशान करने, वेतन कटौती आदि की माँगों को लेकर मारुति सुजुकी मज़दूर संघ के नेतृत्व में विभिन्न यूनियनों ने मिनी सचिवालय पर प्रदर्शन किया और मौजूदा समस्याओं के लिए हस्तक्षेप करके तत्काल समाधान की माँग की।

15 सितम्बर को एमएसएमएस  ग्रुप की यूनियनों द्वारा उपायुक्त महोदय गुड़गांव को सौंपे गए ज्ञापन में- मारुति सुजुकी गुड़गांव के यूनियन प्रधान व एमएसएमएस के प्रधान राजेश शर्मा, टोनी, वरुण आदि, मुंजाल शोवा गुड़गांव से सुरेन्द्र जांगड़ा आदि, सुजुकी बाइक खेड़की दौला से अमित पाढ़ा, जगपाल, सुभाष जांगड़ा आदि, मारुति पावर ट्रेन मानेसर से संदीप, सुभाष आदि, मारुति मानेसर से पवन लठवाल आदि, FMI मानेसर से सज्जन, विजेंदर राठी आदि तथा बेलसोनिका मानेसर से अतुल, जसबीर, मोहिंदर, अजित, राजेश, मुकेश, अरविंद, राजपाल रावल आदि शामिल रहे।

एमएमआई यूनियन की ओर से दिया गए ज्ञापन

एमएमआई आटोमोटिव कंप्लेंट एंप्लाइज यूनियन की ओर से दिए गए ज्ञापन में लिखा है कि ई एमएमआई आटोमोटिव कंपोनेंट इंप्लाइज यूनियन का सामूहिक माँग पत्र 15-11-2019 से लंबित है, साथ ही ठेका मज़दूरों का माँगपत्र लंबित चल रहा है, लेकिन प्रबंधन का रवैया कोरोना महामारी के बाद बदल गया है। प्रबंधन आपदा का सारा का सारा भार मज़दूरों पर डालकर अपने मुनाफे को बरकरार रखना चाहता है। प्रबंधन स्थाई कर्मचारियों के रोजगार पर हमला कर रही है।

4 सूत्री ज्ञापन में यूनियन ने माँग की है कि-

  1. नवंबर 2019 से चल रही माँग पत्र को जल्द से जल्द हल कराया जाए।
  2. कंपनी से पिछले 10 साल से काम करें ठेका कर्मचारियों को काम पर वापस लिया जाए
  3. आपदा को अवसर में बदलने की घृणित राजनीति द्वारा मज़दूर मेहनतकश पर किए जा रहे हमलों पर रोक लगाई जाए।
  4. कोरोना महामारी के नाम पर की गई वेतन सुविधाओं में कटौती बंद की जाए व की गई कटौती को वापिस किया जाए।

मारुति सुजुकी वर्कर्स यूनियन, मानेसर द्वारा प्रेषित ज्ञापन

मारुति सुजुकी वर्कर्स यूनियन, मानेसर ने मज़दूरों की मूलभूत सुविधाओं में कटौती के संबंध में ज्ञापन देते हुए समस्याएं उठाई-

  1. मारुति मानेसर के 256 निर्दोष साथियों को काम पर वापस लेने हेतु हम कई बार गुहार लगा चुके हैं। इसको संज्ञान में लेते हुए सभी साथियों को नौकरी पर वापस लेने की दिशा में सहयोग करें।
  2. पुराने कैजुअल साथियों को निकालकर टेम्परेरी वर्कर लिए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया में सुधार करते हुए पुराने कैजुअल साथियों को नौकरी पर बहाल किया जाए जो कि कोरोना पीरियड में निकाल दिए गए हैं।
  3. कोरोना पीरियड के नाम पर दूसरे राज्यों वाले साथियों को काफी परेशानी हो रही है, उनको अतिरिक्त छुट्टियां लेनी पड़ रही है।

प्रशासन इस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए कंपनियों को तत्काल दिशा निर्देश दे कि वह शीघ्र ही इन्हें सुलझाए और कैजुअल साथियों को नौकरी से ना निकाले।

मारुति सुजुकी पावरट्रेन यूनियन ने उठायीं माँगें

मारुति सुजुकी पावरट्रेन इम्पलाइज यूनियन द्वारा दिए गए ज्ञापन में मज़दूरों की मूलभूत सुविधाओं में कटौती संबंधी समस्याओं पर ध्यान आकर्षित करते हुए लिखा गया है कि- कैजुअल साथियों जो कि लॉकडाउन के पहले कार्य कर रहे थे और लॉकडाउन के कारण घर चले गए थे, यातायात की सुविधा नहीं मिल पाने के कारण उन्हें कंपनी में आने में दिक्कत हो रही थी और अब उन्हें निकाल दिया गया है और उनकी जगह पर नए कैजुअल कर्मचारी भर्ती कर दिए गए हैं।

यूनियन ने माँग की है कि जल्द से जल्द उन सभी कर्मचारियों को कार्य पर वापस लिया जाए जिन्हें लॉकडाउन पीरियड में निकाल दिया गया है। साथ ही दूसरे राज्यों से आने वाले कर्मचारियों को कोरोना के नाम पर परेशान करना बंद किया जाए।

सुजुकी मोटरसाइकिल यूनियन द्वारा दिया गया ज्ञापन

सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया एम्पलाइज यूनियन गुड़गांव ने संस्थान में प्रबंधन द्वारा श्रमिकों को बेवजह परेशान करने के बारे में ज्ञापन दिया, जिसमें कोरना महामारी के बाद प्रबंधन के बढ़ते मज़दूर विरोधी रवैया पर क्षोभ प्रकट किया गया।

इसी के साथ कोरोना की आड़ में अस्थाई मजदूरों को निकाल देने इस अस्थाई श्रमिकों के वेतन में सालाना वृद्धि नहीं करने, उनके वेतन में कटौती करने आदि की समस्याएं उठाई गई और तत्काल हस्तक्षेप करके समाधान निकालने की माँग की गई।

मारुति उद्योग कामगार यूनियन, गुड़गांव ने की माँग

मारुति उद्योग कामगार यूनियन, गुड़गांव की ओर से दिए गए ज्ञापन में मज़दूरों की मूलभूत सुविधाओं में कटौती संबंधी समस्याओं को उठाते हुए माँग की गई कि पुराने कैजुअल साथियों को निकालकर टेंपरेरी वर्कर लिए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया में प्रक्रिया में सुधार करते हुए पुराने कैजुअल साथियों को नौकरी पर बहाल किया जाए, जो कि लॉकडाउन में निकाल दिए गए हैं।

साथ ही साथ टाइम पीरियड के नाम पर दूसरे राज्य वाले साथियों को काफी परेशानी हो रही है। इसके अतिरिक्त उनको अतिरिक्त छुट्टियां लेनी पड़ रही है।

इन सारी समस्याओं को प्रशासन सुलझाने के लिए आगे आए और कैजुअल साथियों को नौकरी से ना निकाला जाए।