विद्यार्थियों को पढ़ाई के नुक्सान से भयानक मानसिक परेशानियों से गुज़रना पड़ा है। संगठनों ने विद्यार्थियों और नागरिकों को कोरोना वैकसीन लगावाने के लिए मजबूर ना करने की भी माँग की।
लुधियाना। कारखाना मज़दूर यूनियन, टेक्सटाईल-हौज़री कामगार यूनियन और नौजवान भारत सभा के प्रतिनिधि मंडल द्वारा 7 फरवरी को डी.सी. लुधियाना के मार्फत पंजाब सरकार को माँग पत्र भेज कर कोरोना के बहाने बंद रखे जा रहे प्राईमरी स्कूल तुरंत खोलने की माँग की गई। विद्यार्थियों और नागरिकों को कोरोना वैकसीन लगावाने के लिए मजबूर ना करने की भी माँग की गई है।
प्रेस ब्यान जारी करते हुए टेक्सटाईल-हौज़री कामगार यूनियन के जनरल सैक्रेटरी जगदीश ने कहा कि कोरोना बीमारी को काबू करने के नाम पर केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा लंबे समय से जनता पर तरह-तरह की बंदिशें थोपी जा रही हैं। अनेकों वैज्ञानिक तथ्यों से यह साबित हो चुका है कि कोरोना बीमारी के इलाज का इन पाबंदियों से कोई संबंध नहीं है। बल्कि इन पाबंदियों के कारण जनता का बड़े स्तर पर नुक्सान ही हुआ है।
स्कूल, कालेज, यूनिवर्सिटी और सभी शिक्षण संस्थान बंद रहने के कारण विद्यार्थियों को पढ़ाई से संबंधित बहुत बड़ा नुक्सान झेलना पड़ा है। विद्यार्थियों को पढ़ाई के नुक्सान के कारण भयानक मानसिक परेशानियों में से गुज़रना पड़ा है। विद्यार्थियों के भविष्य से बड़े स्तर पर खिलवाड़ किया गया है।
उन्होंने कहा कि जनता द्वारा बड़े स्तर पर आवाज़ उठाने के बाद पंजाब में 6वीं कक्षा से लेकर सभी बड़ी कक्षाओं के लिए स्कूल, कालेज और यूनिवर्सिटीयाँ खोलने का सरकार द्वारा ऐलान किया गया है। यह बहुत हैरानी की बात है कि छठी से निचली कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए अभी भी स्कूल बंद रखे जा रह हैं।
उन्होंने सरकार की इस अवैज्ञानिक, नाजायज़, विद्यार्थी विरोधी, जन-विरोधी नीति की ज़ोरदार निंदा करते हुए कहा कि प्राईमरी स्कूल तुरंत खोले जाने और भविष्य में भी ऐसी गैर-वैज्ञानिक पाबंदियाँ ना थोपीं जाएँ।
ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधि मंडल में कारखाना मज़दूर यूनियन की ओर से लखविंदर और कल्पना, टेक्सटाईल हौज़री कामगार यूनियन की ओर से जगदीश और विश्वनाथ, नौजवान भारत सभा की ओर से नवजोत, जसमीत और रजिंदर कौर शामिल थे।