कानपुर: फर्टिलाइजर कारखाने में बंदी का नोटिस चस्पा: दो हजार श्रमिकों के सामने संकट गहराया

जेपी ग्रुप के केएफसीएल में चांद छाप यूरिया का उत्पादन होता रहा है। केन्द्र सरकार ने सब्सिडी बंद की, गेल ने गैस की आपूर्ति बंद की, उत्पादन ठप्प हुआ और बंदी का नोटिस लग गया।
कानपुर। दस साल पुराने जेपी एसोसिएट ग्रुप के कानपुर फर्टिलाइजर केमिकल्स लिमिटेड (केएफसीएल) में बंदी का नोटिस चस्पा हो गया है। इससे यहां कार्यरत 2000 मज़दूरों और उनके परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट का खड़ा हो गया है। केएफसीएल में चांद छाप यूरिया खाद का उत्पादन किया जाता था।
कानपुर के सबसे बड़े और यूपी की के महत्वपूर्ण खाद कारखाना की बंदी की घोषणा केएफसीएल के सीईओ आलोक गौड़ ने शुक्रवार अपराह्न अधिकारियों व कर्मचारियों की बैठक में की। उन्होंने कहा कि सरकार का कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। खाद पर सब्सिडी का भुगतान बंद होने से गेल के औरैया स्थित प्लांट से गैस की सप्लाई 18 दिसंबर से बंद होने के कारण उत्पादन ठप है।
ज्ञात हो कि पिछले माह 18 दिसंबर को गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) ने गैस की सप्लाई बंद कर दी थी। इसके पीछे 305 करोड़ रुपये का बकाया है। तबसे यहां यूरिया का उत्पादन पूरी तरह से ठप है।
हालांकि मंगलवार को केएफसीएल और गेल के प्रबंधन ने इस मुद्दे पर बात की है। इसके बाद से बताया जा रहा है कि अगले एक हफ्ते में केएफसीएल को गैस की सप्लाई चालू कर दी जाएगी और उत्पादन शुरू हो जाएगा।

श्रमिक नेताओं ने सौंपा ज्ञापन, जताया रोष
इस बंदी की घोषणा से मज़दूरों में काफी आक्रोश बढ़ गया।
शनिवार को श्रमिक नेताओं ने श्रम विभाग पहुंचकर रोष जताया और फर्टिलाइजर के संचालन संबंधी ज्ञापन सौंपा। आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के सेक्रेटरी असित कुमार सिंह ने श्रम प्रवर्तन अधिकारी से कहा, उस फर्टिलाइजर से करीब 1500 श्रमिकों के परिवारों का भरण-पोषण होता है। अगर तालाबंदी हुई, तो उन्हें आर्थिक संकटों से जूझना होगा।
श्रमिक नेताओं के अनुसार दिसंबर से पहले प्रबंधन की ओर से हर दो तारीख को श्रमिकों को वेतन दे दिया जाता था मगर, दिसंबर में 14 दिसंबर तक वेतन नहीं आया था। वेतन की लड़ाई लड़ने के बाद जैसै-तैसे दिसंबर का वेतन जारी करा दिया था लेकिन, अब जनवरी में प्रबंधन ने अचानक ही फर्टिलाइजर पर तालाबंदी कर दी है।

सभी प्रयास विफल रहे -प्रबंधन
कारखाने के श्रम अधिकारी प्रदीप चतुर्वेदी के अनुसार श्रमिकों का दिसंबर माह का रुका वेतन 14 जनवरी को भुगतान किया गया था। केएफसीएल के सीईओ आलोक गौड़ के अनुसार कारखाना चलाने के सभी प्रयास विफल रहे हैं।
शुक्रवार को अचानक दिल्ली से आकर दोपहर 2 बजे बैठक बुलाकर उन्होंने कारखाना चलाने में असमर्थता जताते हुए कहा कि कंपनी पर कर्मचारियों की देनदारी और बंदी की कागजी खानापूरी के आदेश एचआर हेड को दिए जा चुके हैं।
साल 2014 में बननी शुरु हुई थी चांद छाप यूरिया
कानपुर के पनकी क्षेत्र स्थित कानपुर फर्टिलाइजर केमिकल्स लिमिटेड (केएफसीएल) के अंदर चांद छाप यूरिया का उत्पादन साल 2014 में शुरू हुआ था। दिसंबर 2024 तक उत्पादन बेहतर ढंग से होता रहा। यहां प्रतिदिन 2100 टन यूरिया का उत्पादन होता रहा है।
प्रबंधन के अनुसार कानपुर में बनने वाली यूरिया दिल्ली, बिहार व उप्र के किसानों तक पहुंचती है. हालांकि, किस राज्य में कितनी यूरिया जाएगी यह केंद्र सरकार तय करती है।
केएफसीएल में जेपी एसोसिएट्स की सहायक कंपनी उत्तर भारत विकास प्राइवेट लिमिटेड की 56.76 और जेपी फर्टिलाइजर एंड इंडस्ट्रीज की 36.03 फीसदी हिस्सेदारी है। गेल के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केएफसीएल से भुगतान नहीं मिलने के कारण गैस का कनेक्शन काटा गया है। गेल को चार माह से गैस आपूर्ति का भुगतान नहीं हुआ है।
दो हजार मज़दूर करते हैं काम; सरकार ने बंद की सब्सिडी
केएफसीएल में मौजूद समय में संविदा व स्थायी कर्मियों की संख्या मिलाकर कुल 2000 मज़दूर कार्यरत हैं। केएफसीएल के जीएम अवनीश रॉय ने बताया कि प्रबंधन की ओर से श्रमिकों को दिसंबर का वेतन जारी किया जा चुका है।
प्रबंधन के अनुसार केंद्र से समय-समय पर केएफसीएल को जो सब्सिडी मिलती है, उसमें 700 करोड़ रुपये मिलने हैं। जबकि हाल ही में केएफसीएल की ओर से गेल को दो चरणों में कुल 345 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया गया है। केन्द्र सरकार द्वारा सब्सिडी बंद होने से संकट गहरा गया।
केएफसीएल पिछले 10 सालों में गेल को 17 हजार करोड़ रुपये का भुगतान कर चुका है। मौजूदा समय में केवल 305 करोड़ रुपये की देनदारी है, लेकिन गेल ने गैस सप्लाई पर रोक लगा रखी है।
प्रबंधन द्वारा उद्योग और श्रम विभाग को दी गई सूचना के मुताबिक पनकी स्थित प्लांट में गेल से गैस आपूर्ति ठप होने और सब्सिडी रुकने से 18 दिसंबर से उत्पादन बंद है। कंपनी पर कुल 650 करोड़ रुपये का बकाया था जिसमें अभी तक 345 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
वार्ता जारी; प्लांट खुलने के आसार
उपायुक्त उद्योग सुधीर श्रीवास्तव का कहना है कि केएफसीएल प्रबंधन से प्लांट संचालित करने को लेकर लगातार वार्ता जारी है। मंगलवार को जानकारी मिली है कि गेल व केएफसीएल के आला अफसरों ने आपसी चर्चा की है। उम्मीद है, इसी हफ्ते से यूरिया का उत्पादन शुरू हो जाएगा।
उधर ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस एटक के सचिव असित कुमार सिंह ने कहा कि ये मसला पीएम मोदी तक ले जाया गया है।
केएफसीएल प्रबंधन के अनुसार मंगलवार को केएफसीएल और गेल प्रबंधन ने इस अहम मामले पर चर्चा की है। उम्मीद है, बहुत जल्द कोई सार्थक फैसला लिया जाएगा।