कई जगह दमन, सरकार का अड़ियल रुख जारी
नए कृषि कानूनों को वापस लेने की माँग पर किसान संगठनों के आह्वान पर बुलाए गया ‘भारत बंद’ सफल रहा। मंगलवार को देश के ज्यादातर हिस्सों में दुकानें और कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे और परिवहन ठप्प रहा। कई स्थानों पर ट्रेन समेत यातायात बाधित रहा। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के दमन के बीच भी बंद और प्रदर्शन जारी रहा। बंद के दबाव में गृह मंत्री ने शाम को वार्ता बुलाई, लेकिन हठधर्मिता बरकरार रहने से कोई नतीजा नहीं निकला।
तमाम राजनीतिक दलों, कर्मचारी, मज़दूर, छात्र, महिला, व्यापारी व ट्रांसपोर्ट संगठनों शिक्षकों, वकीलों और न्यायप्रिय नागरिकों ने भी भारत बंद का सक्रिय समर्थन किया। बंद से आपात सेवाओं और बैंकों को दूर रखा गया था।

उल्लेखनीय है कि 13 दिनों से किसान दिल्ली सीमा पर डेरा डाले हुए हैं। सरकार और किसान संगठनों के बीच अब तक वार्ता के पांच दौर हो चुके हैं । सरकार के अड़ियल रुख के बीच किसान संगठनों ने साफ़ कर दिया है कि सरकार कॉरपोरेटपरस्त तीनो बिल व बिजली संशोधन बिल 2020 वापस ले।
सरकार अड़ियल, अमित शाह से वार्ता बेनतीजा
भारत बंद की व्यापकता को देखते हुए छठे दौर की वार्ता से ठीक एक दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को किसान नेताओं के एक समूह से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक, 13 किसान नेताओं को शाह के साथ इस बैठक के लिए बुलाया गया था।

रात 11 बजे के बाद तक चली बैठक में भी सरकार का अड़ियल रुख कायम था और कोई सहमति नहीं बनी।
बैठक खत्म होने के बाद अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मुल्ला ने कहा कि बुधवार को सरकार और किसानों के बीच कोई बैठक नहीं होने जा रही। उन्होंने बताया कि मंत्री ने कहा है बुधवार को किसान नेताओं को एक प्रस्ताव दिया जाएगा। किसान नेता सरकार के प्रस्ताव पर बैठक करेंगे।
देशभर में भारत बंद कि झलकियाँ-
दिल्ली
दिल्लीवासियों ने किसानों को अपना समर्थन विभिन्न तरीकों से व्यक्त किया। दुकानदारों ने किसानों के समर्थन में बैनर और पोस्टर लगाए। डॉक्टर्स वकीलों सहित कई पेशेवर संगठनों ने भारत बंद को समर्थन जारी किया।
दिल्ली फॉर फार्मर्स ने सरकार से तीनों कॉर्पोरेट समर्थक कृषि कानूनों को निरस्त करने की माँग की।

दिल्ली के आजादपुर, मायापुरी गोविंदपुरी, मानसरोवर पार्क, आनंद पर्वत क्षेत्रों में रैली, जुलूस व सभा करके आज के भारत बंद को समर्थन दिया गया। विभिन्न ट्रेड यूनियन, महिला संगठन, छात्र संगठन,अध्यापक संगठन, नौजवान संगठन के साथ बड़ी संख्या में मजदूरों, महिलाओं, छात्रों व बुद्धिजीवियों ने प्रदर्शनों में हिस्सा लिया।
प्रदर्शन में AIUTUC, AITUC, AIFTU(New), CITU, DDSKU, IFTU, IFTU(sarvhars), IMS, INTUC, MEK, TUCI, UTUC, AIDWA, AIMSS, CSW, NFIW, PMS, SEWA, AIDYO, DYFI, KNS, KYS, RYA, AIDSO, BSCEM, DSU, PDSU, PSU, SFI इत्यादि संगठनों ने भाग लिया।
हरियाणा
गुडगाँव। मारुति सुजुकी मज़दूर संघ व ट्रेड यूनियन काउंसिल के आहवान पर भारत बंद व किसान आंदोलन के समर्थन में गुड़गांव के मज़दूर संगठनों ने हीरो चौक पर इकट्ठा होकर लगभग 5 किलोमीटर दिल्ली जयपुर हाईवे NH 8 राजीव चौक तक जुलूस निकाला।

किसान विरोधी 3 कृषि कानून, प्रस्तावित बिजली कानून, मज़दूर विरोधी 5 श्रम कोड को रद्द करने की मांग के साथ किसान मज़दूर एकता जिंदाबाद के नारे बुलंद किए गए।
मारुति सुजुकी मानेसर व गुड़गांव, हीरो मोटोकॉर्प, सत्यम ऑटो, मुंजाल शोवा, बेलसोनिका, सुज़ुकी बाईक, बजाज मोटर्स, सनबीम यूनियन, कपारो, मारुति कार उधोग विहार, हीरो मोटो कॉर्प गुड़गांव, पी & राइटर, मुंजाल शोवा, मारुति पावर ट्रेन, सुजुकी बाइक, मारुति मानेसर, सत्यम ऑटो, लुमक्स, करियर, नपिनो ऑटो मानेसर, नपिनो ऑटो उधोग विहार, बेलसोनिका आदि समेत कई यूनियनों के साथ, ट्रेड यूनियन काउंसिल के aituc, aiutuc, hms, citu, और अन्य मज़दूर संगठन, MASA के घटक मज़दूर सहयोग केंद्र, इंकलाबी मज़दूर केंद्र, व इसे साथ संग्रामी श्रमिक कमेटी, क्रांतिकारी नौजवान सभा KNS, शामिल हुए।
गुड़गांव-जयपुर हाईवे पर बिलासपुर में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इन में सीपीआईएम, किसान सभा, अखिल भारतीय खेत मज़दूर यूनियन, जनवादी महिला समिति, सीटू, भवन निर्माण मजदूर यूनियन सीटू, किसान सभा, खेत मजदूर यूनियन के मज़दूर, जनवादी व किसान नेता शामिल हैं।

कुरुक्षेत्र। जन संघर्ष मंच हरियाणा ( घटक मासा-मज़दूर अधिकार संघर्ष अभियान ) व सहयोगी यूनियन मनरेगा मज़दूर यूनियन,निर्माण कार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन ने नये बस स्टैण्ड कुरुक्षेत्र के मुख्य द्वार पर रोष प्रदर्शन किया। इसके बाद प्रदर्शनकारी ताज पार्क में अन्य कर्मचारी यूनियनो व सर्व कर्मचारी संघ ,सीटू की और से की जा रही जन सभा में शामिल हो गए।

गोहाना शहर में आज पूरे बंद के करीब था। जन संघर्ष मंच हरियाणा (घटक मासा), समतामूलक महिला संगठन, सीटू और सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले सैकड़ों की तादाद में पुरुष और महिलाएं धरना प्रदर्शन में शामिल हुए।

कैथल। जन संघर्ष मंच हरियाणा (घटक मासा), मनरेगा मज़दूर यूनियन, निर्माण कार्य मज़दूर मिस्त्री यूनियन एवं आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर यूनियन द्वारा संयुक्त रुप से भारत बंद में शामिल होकर शहर के प्रमुख जवाहर पार्क में जोरदार प्रदर्शन किया और भारतीय किसान यूनियन द्वारा आयोजित सभा में मांगों का जोरदार समर्थन किया गया।

उत्तराखंड
उत्तराखंड में किसानों के बंद को समर्थन मिला। विभिन्न किसान संगठनों तथा मज़दूर, व्यापारी व जन संगठनों ने धरना दिया। कहीं ट्रैक्टर रैली निकाली गई तो कहीं किसान धरने पर बैठ गए। वहीं पुतला दहन भी किया गया। उधम सिंह नगर व पिथौरागढ़ जिले में पूर्ण हड़ताल रही, जबकि अन्य जिलों में भी व्यापक असर रहा। रोडवेज की बसें भी ठप्प रहीं।

उधमसिंह नगर जिले में किसान संगठन बंद लागू कराने के लिए सड़कों पर उतरे। जिले में बंद सफल रहा।

रुद्रपुर में किसानों के साथ व्यापार मंडल साथ आया और पूरा बाज़ार, यहाँ तक कि ठेली-फाड़ भी बंद रहे। रणजीत सिंह पार्क में सर्वदलीय सभा हुई, जिसमे किसान व व्यापारी संगठनों के साथ श्रमिक संयुक्त मोर्चा, मासा के घटक संगठन मज़दूर सहयोग केंद्र व इन्क़लाबी मज़दूर केंद्र, ठेका मज़दूर कल्याण समिति आदि शामिल रही। इंट्रार्क मज़दूर संगठन रैली के रूप में शामिल हुआ।

हरिद्वार जिले के लक्सर में विभिन्न किसान यूनियन एवं इंकलाबी मजदूर केंद्र, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन व भेल मज़दूर ट्रेड यूनियन के कार्यकर्ताओं ने आंदोलन का समर्थन करते हुए शामिल है।

उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बंद को असफल करने के लिए दमन का सहारा लिया। कई जगह धारा-144 पाबंद किया। विपक्ष के कई नेताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया। बरेली में क्रन्तिकारी संगठन के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। राजधानी लखनऊ में पुलिस ने परिवर्तन चौक से बंद के समर्थन में मार्च निकालते भाकपा माले, ऐपवा, आइसा, आरवाईए, ऐक्टू आदि के दर्जनों कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए। इसके बावजूद तमाम जिलों में बंद का व्यापक असर दिखा।

बरेली। भारत बंद के दौरान बरेली के जनवादी संगठन इंकलाबी मज़दूर केंद्र (घटक मासा), क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, ऑटो रिक्शा टेंपो चालक वेलफेयर एसोसिएशन और प्रगतिशील सांस्कृतिक मंच के कार्यकर्ताओं ने सेठ दामोदर स्वरुप पार्क में हो रही सभा को पुलिस द्वारा रोका गया व कार्यकर्ताओं को पुलिस गिरफ्तार कर पुलिस लाइन ले गई।

राज्य के विभिन्न हिस्सों में विपक्षी व वाम दलों के आलावा, वर्कर्स फ्रंट, बुनकर वाहनी, रिहाई मंच आदि ने भी प्रदर्शनों में हिस्सा लिया।

राजस्थान
राजस्थान के अनेक इलाकों में असर मिला-जुला रहा। प्रदेश की राजधानी जयपुर में मंडियां बंद थीं, लेकिन दुकान खुली थीं।
जयपुर में व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों व दुकानदारों द्वारा बंद को पूर्ण समर्थन देकर अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखे। व्यापारियों, दुकानदारों, ट्रांसपोर्टर्स, टैक्सी चालक, रोडवेज कर्मचारी और मेहनतकश तबकों द्वारा जुलूस निकाला गया।

नीमराना। राजस्थान से टीकरी बॉर्डर रवाना हुए किसान जत्थे का बहरोड़ में मज़दूरों ने स्वागत किया और मज़दूर किसान एकता के नारे बुलंद हुए। जहाँ डाइकिन एयर कंडीशनिंग मज़दूर यूनियन नीमराना, टोयोडा गोसाई श्रमिक एकता यूनियन नीमराना, ऑटोनेम यूनियन बहरोड़ के मज़दूर शामिल हुए।

भादरा (हनुमानगढ़)। बन्द के समर्थन में भादरा उपखण्ड अधिकारी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें माँग की गई की मोदी सरकार को तुरंत प्रभाव से इन काले कानूनों को रद्द करना चाहिए व बिजली अधिनियम 2020 को भी खारिज किया जाना चाहिए, साथ ही साथ किसान हित में जल्द से जल्द कदम उठाए जाने चाहिए। इस दौरान क्रांतिकारी नौजवान सभा, मनरेगा मजदूर यूनियन हनुमानगढ़ व अन्य जन संगठनों के सदस्य मौजूद रहे।

पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल में बंद सफल रहा। प्रदर्शनकारियों ने राज्य में कई स्थानों पर रेल पटरियों को जाम किया और सड़कों पर धरना दिया। बंद का असर राज्य में देखने को मिला, जहां निजी वाहन सड़कों से नदारद रहे और बस, टैक्सी जैसे सार्वजनिक वाहनों का परिचालन सामान्य से कम रहा।

मुर्शिदाबाद में SWCC (घटक मासा) द्वारा रैली निकाली गई।
बिहार
भारत बंद का आज बिहार में भी अच्छा खासा असर देखा गया। राजधानी पटना आज सबसे बड़ी गतिविधियों का केंद्र रहा। डाकबंगला चौराहा को वामपंथी व अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं-कार्यकर्ताओं ने घंटों जाम करके रखा।

रोहताश। भारत बंद का समर्थन ग्रामीण मजदूर यूनियन, बिहार प्रखंड करगहर ने प्रखंड स्थिति बड़की महुली में धान के कटनी का काम बंद करके किया।
झारखंड
जमशेदपुर। ग्राम सभा, शहीद स्मारक समिति एवं झारखंड जनतांत्रिक महासभा द्वारा भारत बंद के समर्थन में जमशेदपुर के डिमना चौक से नेशनल हाइवे होते हुए 15 किमी दूर स्थित नारगा चौक तक सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक चक्का जाम किया गया।

बंद के समर्थन में सरायकेला-खरसांवा के चांडिल बाजार में रैली का आयोजन किया गया।

पंजाब
पंजाब में भारत बंद का जबरदस्त असर दिखाई दिया बठिंडा जिले के रामपुरा फूल में काफी संख्या में किसान संगठनों के सदस्य रेलवे ट्रैक पर बैठ गए। राज्य में बंद के दौरान किसान और अन्य संगठन ने विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन किया। किसानों ने कई जगहों पर सड़कों पर धरना दिया, ट्रैक्टर खड़े कर मार्ग को जाम किया। अधिकतर स्थानों पर बाजार बंद रहे। अधिकतर स्थानों पर बसें व सार्वजनिक परिवहन नहीं चले और यातायात भी प्रभावित हुई।

भारत बंद के तहत लुधियाना के मज़दूरों, नौजवानों व अन्य तबकों के संगठन 8 दिसंबर को समराला चौक में रोष प्रदर्शन किया। इसमें टेक्सटाइल हौज़री कामगार यूनियन, मोल्डर एंड स्टील वर्कर्ज यूनियन, जमहूरी अधिकार सभा, नौजवान भारत सभा, कारखाना मज़दूर यूनियन, लोक एकता संगठन, तर्कशील सोसाइटी आदि शामिल रहीं।

मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में भी बंद का काफी असर रहा। बंद के समर्थन में प्रदर्शनकारियों ने राज्य के होशंगाबाद जिले के सिवनी-मालवा क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन किया. क्रांतिकारी किसान मजदूर संगठन के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की और नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की।

छत्तीसगढ़
राजधानी रायपुर में भी भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला है। दुर्ग-भिलाई सहित समूचे जिले में बंद का असर रहा। व्यापारिक संगठन चेम्बर ऑफ कॉमर्स और कैट से जुड़े व्यापारी भी किसानों के समर्थन में रहे। यही हालत बिलासपुर, राजनांदगांव, धमतरी और बस्तर में भी है।

महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के अनेक हिस्सों में कृषि उपज विपणन समितियां (एपीएमसी) बंद रहीं। मुंबई और अधिकतर हिस्सों में किसानों के साथ मज़दूरों व जनवादी संगठनों ने प्रदर्शन किया। ‘स्वाभिमानी शेतकारी संगठन’ के सदस्यों ने बुलढाणा जिले में मलकापुर स्टेशन पर चेन्नई-अहमदाबाद नवजीवन एक्सप्रेस को रोककर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया।

उड़ीसा
किसान संगठनों, ट्रेड यूनियन और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने भुवनेश्वर, कटक, भद्रक और बालासोर में रेल पटरियों पर धरना दिया जिससे ट्रेन सेवाएं भी प्रभावित हुईं।

भुवनेश्वर में टीयूसीआई व सीआईए एमएल (रेड स्टार), घरई कामगार यूनियन आदि ने समर्थन में प्रदर्शन किया।

असम
असम में हजारों प्रदर्शनकारियों ने ‘भारत बंद’ में हिस्सा लिया। कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। राज्य में पेट्रोल पंपों के संघों द्वारा बंद को समर्थन देने के कारण तेल टैंकरों की भी आवाजाही बाधित रही।

आंध्र प्रदेश
आन्ध्र प्रदेश में भारत बंद शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। राज्य सरकार ने सार्वजनिक बस सेवाओं पर रोक लगाकर बंद का समर्थन किया। बंद समर्थकों ने अपना प्रदर्शन ज्यादातर बस स्टेशनों तथा राजमार्गों पर किया। राजमार्गों पर यातायात अवरुद्ध रहा। शिक्षण संस्थान भी बंद रहे।
तमिलनाडु
तमिलनाडु में बंद के साथ प्रदर्शन हुए और कई जगह यातायात प्रभावित रहा। चेन्नई, तिरुचिरापल्ली, तंजावुर, कुड्डालूर समेत कई जगहों पर प्रदर्शन हुए। किसान संगठनों, वाम दल समेत अन्य सहयोगी दलों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया।

तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में टीयूसीआई (घटक मासा) द्वारा समर्थन में प्रदर्शन किया गया।

केंद्र शासित प्रदेश पांडिचेरी में बंद का असर दिखा। बसें, टैक्सियां और ऑटो सड़कों पर नहीं दिखे। बंद के समर्थन में दुकानें और कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे और राज्य सरकार के कार्यालयों में भी कर्मचारियों की उपस्थिति कम रही।
कर्नाटका
कर्नाटक में किसानों और कामगारों के प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरने से जनजीवन प्रभावित हुआ। कर्नाटक राज्य रैयता संघ और हसिरू सेना (ग्रीन ब्रिगेड) द्वारा आहूत बंद का राज्य में कई संगठनों और दलों ने समर्थन किया था।
बेंगलुरु, मैसुरू, बेलगावी, हुब्बली-धारवाड, रायचुर, तुमकुरु, मंगलुरु, बीदर, विजयपुरा, हासन, चिकमंगलुरु, चामराजनगर, कोप्पल, कोलार, चिकबल्लापुर और अन्य स्थानों पर प्रदर्शन मार्च, रैलियां निकाली गईं।

किसान संगठन, कन्नड़ आंदोलन समर्थक संगठन तथा विभिन्न संगठनों की ओर से भारत बंद का आह्वान का धारवाड़ जिले में व्यापक समर्थन मिला।
गुजरात
गुजरात में प्रदर्शनकारियों ने कुछ जगहों पर राजमार्ग बाधित करने का प्रयास किया और मार्ग पर जलते हुए टायर रख दिए।

ऑटो, टैक्सी व ट्रक यूनियनें हड़ताल पर

किसानों के ‘भारत बंद’ में मंगलवार को ट्रांसपोर्ट यूनियन व ऑटो और टैक्सी संघों ने भी भाग लिया और सड़कों पर वाहनों को नहीं उतारने का फैसला किया था, जिससे देश के तमाम हिस्सों में ट्रक, टैक्सी व ऑटो संचालन प्रभावित रहा। इसका कहीं व्यापक तो कहीं थोडा कम असर पड़ा।