चक्रवात अम्फान से बंगाल में तबाही

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 72 लोगों की मौत, कई मकान गिरे

पश्चिम बंगाल और ओडिशा में चक्रवाती तूफान अम्फान (Cyclone Amphan) से भारी तबाही हुई है. दोनों ही राज्यों में सैकड़ों पेड़ उखड़ गए और कई दीवारें गिरी हैं. तूफान के कहर से बंगाल में 72 लोगों की मौत हो चुकी है. चक्रवात अम्फान के पश्चिम बंगाल में दीघा और बांग्लादेश में हटिया द्वीप के बीच तट से टकराने के बाद तटीय क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है. मौसम विभाग के अनुसार पश्चिम बंगाल तट पर अम्फान के पहुंचने के दौरान चक्रवात के केंद्र में हवा की गति 160-170 किमी प्रति घंटे थी. तूफान के केंद्र का व्यास 30 किमी का था. चक्रवात अम्फान ने ओडिशा और बंगाल में मचाई तबाहीओडिशा और बंगाल समेत 8 राज्यों में तूफान का अलर्ट जारी

अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को पश्चिम बंगाल तट की ओर बढ़ रहे चक्रवात के दौरान तेज हवाओं के साथ-साथ भारी बारिश हुई. इससे बड़ी संख्या में पेड़ उखड़ गए वहीं कच्चे मकानों को भी खासा नुकसान हुआ. कई कच्चे मकान भी ढह गए.अम्फान ने भारत के साथ-साथ बांग्लादेश में भी तबाही मचाई है. चक्रवाती तूफान से बांग्लादेश में 7 लोगों की मौत हो गई. साथ ही कई इलाके जलमग्न हो गए और सैकड़ों मकान क्षतिग्रस्त हो गए.ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक बांग्लादेश के तटीय जिलों में चक्रवात से कई निचले इलाके डूब गए, तटबंध टूट गए, पेड़ उखड़ गए और मकान ध्वस्त हो गए.

चक्रवात ‘अम्फान’ ने करीब 160 से 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बुधवार की शाम 5 बजे बांग्लादेश तट पार करना शुरू किया. इससे पहले बांग्लादेश ने 20 लाख से अधिक लोगों को शिविरों में भेज दिया था. साथ ही सेना को भी तैनात किया गया था.चक्रवाती तूफान अम्फान ने बंगाल के दीघा, ओडिशा के भद्रक और बालासोर में तबाही के निशान छोड़े हैं. चक्रवात की वजह से बड़ी संख्या में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ने के साथ मकानों को काफी नुकसान हुआ है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद बाबुल सुप्रियो के घर के पास की दीवार भी गिर गई है.

ओडिशा के निचले तटीय इलाकों और कच्चे मकानों में रह रहे 1.41 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. इन लोगों को 2,921 आश्रय स्थलों में रखा गया है जहां उन्हें भोजन और अन्य सुविधाएं मुहैया करायी जा रही हैं.चक्रवात के ओडिशा तट से गुजरने के बाद पुरी, खुर्दा, जगतसिंहपुर, कटक, केंद्रपाडा, जाजपुर, गंजाम, भद्रक और बालासोर जिलों में विभिन्न स्थानों में मंगलवार से भारी बारिश हुई है. कुछ इलाकों में अभी भी बारिश हो रही है.चक्रवात के दौरान 12 तटीय जिलों में एनडीआरएफ और ओडीआरएएफ की 36 टीमों को तैनात किया गया. इसके अलावा, अग्निशमन सेवा की 250 से अधिक टीमों और ओडिशा वन विकास निगम की 100 इकाइयों को भी तैनात किया गया.क्षतिग्रस्त इलाकों में उखड़े हुए पेड़ों से बाधित सड़कों को युद्धस्तर पर साफ किया जा रहा है. वहीं अगर बिजली की आपूर्ति बाधित होती है तो उसे जल्द से जल्द बहाल की जाएगी. इससे पहले ओडिशा में पिछले साल 3 मई को आए ‘फानी’ तूफान के कारण करीब 64 लोगों की मौत हो गई थी.

कोलकाता में उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना तथा पूर्वी मिदनापुर में खपरैल से बने मकानों के ऊपरी हिस्से तेज हवाओं में उड़ गए. बिजली के खंभे टूट गए या उखड गए. भारी बारिश के कारण कोलकाता के निचले इलाकों में सड़कों और घरों में पानी जमा हो गया. चक्रवात के कारण ओडिशा के पुरी, खुर्दा, जगतसिंहपुर, कटक, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, गंजम, भद्रक और बालासोर जिलों के कई इलाकों में तेज बारिश हुई.तूफान की रफ्तार से बंगाल के मिदनापुर, दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली और ओडिशा के केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, जाजपुर और जगतसिंहपुर सीधे प्रभावित हुए हैं. असम, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और जम्मू-कश्मीर में भी तूफान का ऑरेंज अलर्ट है.

मौसम विभाग के अनुसार पश्चिम बंगाल तट पर पहुंचने के समय चक्रवात के केंद्र के पास हवा की गति 160-170 किमी प्रति घंटा थी. वहीं, कोलकाता से गुजरते समय चक्रवात की हवा की गति 113 किमी प्रति घंटा रही. वहीं, भारतीय मौसम विभाग के डायरेक्टर जनरल मत्युंजय महापात्र ने कहा कि 20 मई को बंगाल की खाड़ी में दबाव बनने से लेकर चक्रवात के लैंडफॉल, समय और रास्ते को लेकर मौसम विभाग के अनुमान सही साबित हुए हैं.

आज तक से साभार