इससे बिजली का निजीकरण होगा, निजी कंपनियों के पास बेरोक-टोक लूट के असीमित अधिकार होंगे और आम जनता महंगे दामों पर बिजली खरीदने के लिए मजबूर होगी।
वेदांत भवन में मप्र बिजली उपभोक्ता एसोसिएशन के तत्वाधान में कन्वेंशन का आयोजन हुआ। कन्वेंशन में केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे बिजली संशोधन विधेयक को रद्द करने की मांग उठाई। एसोसिएशन की मप्र संयोजिका रचना अग्रवाल ने बताया कि यह अधिनियम बिजली का निजीकरण करेगा और आम जनता को महंगे दामों पर बिजली खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
निजी कंपनियों के पास बेरोक-टोक लूट करने के असीमित अधिकार होंगे। क्रॉस सब्सिडी खत्म हो जाएगी इसके तहत सबको फ्लैट रेट पर बिजली मिलेगी। यह आम जनता के साथ धोखा है, यानी किसान मजदूर और बड़े-बड़े उद्योगपतियों को पूंजीपतियों को एक रेट पर बिजली मिलेगी। इसके तहत प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे जिसमें मोबाइल की तरह पहले रिचार्ज कराना होगा। उसके बाद ही बिजली का इस्तेमाल उपभोक्ता कर पाएगा।
यह भी उपभोक्ताओं की परेशानियों को और बढ़ा देगा। यह विधेयक निजी पुलिस रखने का अधिकार दे देता है। बिजली कंपनी के पास सामान कुर्क करने का भी अधिकार होगा। कंवेंशन में मनोज नंदा, हरिसिंह, रमाशंकर कुशवाह, अनूप शर्मा, शिशुपाल मौजूद रहे।
दैनिक भास्कर से साभार