दिल्ली कूच: हरियाणा बॉर्डर पर आंसू गैस, फिर भी किसानों ने तोड़ा बैरिकेट; कल आगे बढ़ेगा कारवां

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किसानों का दिल्ली कूच: शंभू बॉर्डर पर मंजर ऐसा मानो किसानों और पुलिस के बीच जंग चल रही है। किसानों ने कहा कि हम अनाज उगाते हैं सरकार ने हमारे लिए कीलों की फसल उगाई है।

चंडीगढ़ में सरकार के साथ वार्ता बेनतीजा होने के बाद हजारों किसानों ने ‘दिल्ली चलो मार्च’ के तहत राजधानी की तरफ बढ़ना शुरू कर दिया है। हरियाणा पंजाब सीमा पर शंभू बॉर्डर से जब किसानों ने प्रवेश करने की कोशिश की तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले और रबड़ की गोलियां दागी। जींद जिले में दोनों राज्यों की सीमा पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया गया। 

शम्भू बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस ने पांच से छह स्तर की बैरिकेडिंग कर रखी थी। पुलिस की कार्रवाई से गुस्से में आए किसानों ने शाम 4 बजे पहला बैरिकेड उखाड़ दिए।

  • अंतिम खबर मिलने तक किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि केंद्र ने एक भी मांग नहीं मानी। जब तक मुद्दे हल नहीं होंगे, तब तक आंदोलन चलता रहेगा। आज (13 फरवरी) शाम होने की वजह से हम आंदोलन रोक रहे हैं। कल फिर दिल्ली के लिए कूच करेंगे।

शंभू बॉर्डर पर डटे हजारों प्रदर्शनकारी किसान हटने के लिए तैयार नहीं हैं। आंदोलनकारी किसानों ने बैरिकेडिंग्स को तोड़ दिया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे हैं और पानी की बौछारे भी डाली जा रही हैं। शंभू बॉर्डर पर चारों तरफ धुआं धुआं ही दिख रहा है। पुलिस ड्रोन से आंसू गैस के गोले छोड़ रही है। इस दमन के विरोध में किसानों की ओर से भी पथराव किया जा रहा है। प्रदर्शनकारी ड्रोन पर भी पत्थरबाजी कर रहे हैं।

किसानों और पुलिस में जंग

हरियाणा पंजाब सीमा, फेतहगढ़ साहेब से शंभू बॉर्डर पर किसानों की भारी भीड़ एकत्रित है। इस बीच हरियाणा पुलिस ने चार घंटे में करीब 80 आंसू गैस के गोले दागे गए। चारों और धुंआ-धुंआ छाया हुआ है। मंजर देखकर ऐसा है मानो किसानों और पुलिस के बीच जंग चल रही है।

हरियाणा पुलिस और अधैसैनिक बलों की टुकड़ी ने शम्भू बॉर्डर पर करीब 18 किसान आंदोलनकारियों को पकड़ा। इनमें बुजुर्ग और युवा आंदोलनकारी दोनों शामिल थे। अबतक 13 लोगों के घायल होने की सूचना है।

हरियाणा पुलिस ड्रोन के मध्यम से किसानों पर निगरानी और संख्या का आंकलन कर रही है। जमा हुई किसानों को रोकने और तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, जिसके बाद वहां अफरातफरी मच गई।

खबर है कि शंभू बॉर्डर पर किसानों को रोकने और तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया, किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया गया। हालांकि किसान थोड़ा पीछे हटकर पुनः और ताकत से आगे बढ़ रहे हैं। बैरिकेट्स को हटा दिया है।

तानाशाही: राजधानी की सरहदें सील; हर तरीके के अवरोध

एक तरफ जहां किसानों के हौसले एक बार फिर बुलंद हैं और केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए संघर्ष के लिए तैयार हैं। वही दूसरी तरफ केंद्र की मोदी सरकार और राज्य सरकारें अवरोध खड़ा करने और दमन के लिए पूरी तरह मुस्तैद हैं।

किसानों के प्रदर्शन के ऐलान से घबड़ाई सरकारों ने पहले से ही दिल्ली आने वाले सभी सरहदों को सील कर दिया है। हरियाणा-पंजाब बॉर्डर को किसी देश की सरहद की तरह मजबूत और अभेद्य बना दिया है। सीमेंट की दीवारें, लोहे के बैरिकेड्स, कंटीली तारें और यही नहीं सड़कों पर लोहे की मोटे कीलें भी जड़ दी गई हैं।

सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। सिंघु बॉर्डर पर पुलिस ने कंट्रोल रूम बनाने के अलावा CCTV कैमरे भी लगाए है। ड्रोन की मदद से इलाक़े की निगरानी भी की जा रही है। पुलिस ने कई बार मॉक ड्रिल भी कर चुकी है।

हरियाणा में 15 जिलों में धारा-144 लागू कर दी गई है। साथ ही मोबाइल इंटरनेट सेवा और बल्क एसएमएस पर प्रतिबंध है। दिल्ली की तीन प्रमुख सीमाओं सिंघु, टीकरी, गाजीपुर में लोहे और कंक्रीट के बैरिकेड लगाए गए हैं। हरियाणा सरकार ने पुलिस अर्द्धसैनिक बलों 114 कंपनिया तैनात की हैं।

दिल्ली में 12 मार्च तक धारा 144 भी लगी हुई है। दिल्ली मेट्रो के नौ स्टेशनों पर कुछ गेट बंद कर के यात्रियों के प्रवेश और निकास को नियंत्रित किया है। साथ ही दिल्ली-नोएडा के बॉर्डर एरिया के स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है। सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए लाल किले को भी बंद कर दिया गया है और बैरीकेडिंग लगा दी गईं।

नरवाना-पंजाब बॉर्डर पर पुलिस ने किसानों पुलिस ने मिर्च से भरे वाटर कैनन का प्रयोग किया। इसके साथ ही आंसू गैस के गोले भी दागे। इसके साथ ही पुलिस प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए ड्रोन के जरिए भी आंसू गैस के गोले छोड़ रही है।

हरियाणा के जींद में कंक्रीट स्लैब, लोहे की कीलें, बैरिकेड्स, कंटीले तार, पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान तैनात किए गए हैं।

दिल्ली कूच रोकने के लिए केंद्र द्वारा पंजाब में पचास फीसदी कम डीजल और बीस फीसदी कम गैस ही भेजी जा सकी है।

गाजीपुर बार्डर पर दर्जनभर से ज्यादा किसान नेताओं को हिरासत में भी लिया गया है।

भोपाल पुलिस ने पूरे मध्य प्रदेश में करीब 150 किसानों को गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली की ओर जा रही कर्नाटक संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से दिल्ली जा रहे किसानों को ट्रेन से नीचे उतार दिया।

जगह-जगह लगा ट्रैफिक जाम, लोग परेशान

सिंघु बॉर्डर पर आम लोगों को पुलिस बैरिकेडिंग की वजह से आने जाने में दिक्कतों का सामना करना पर रहा है, लोगों को अपने परिवार के साथ काफी दूर तक पैदल चलना पड़ रहा है। गुरुग्राम से लेकर गाजीपुर तक पुलिस की बैरिकेडिंग की वजह से जाम की स्थिति बनी हुई है। सरकार की इस कुनीति से आम लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है

मोदी सरकार की हठधर्मिता से किसानों से बातचीत रही बेनतीजा

सोमवार को सरकार और किसानों के बीच देर रात तक चली बातचीत बेनतीजा रही। किसानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि सरकार ने एमएसपी का वादा किया था उसके दो साल निकल गए, बहुत कुछ कर सकते थे। किसानों ने कहा कि हम अनाज उगाते हैं सरकार ने हमारे लिए कीलों की फसल उगाई है।

हाईकोर्ट का दाखल: “बल का इस्तेमाल आखिरी उपाय हो”

इस बीच यह मामला हाई कोर्ट भी पहुंचा है। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने केंद्र एवं राज्य सरकारों को नसीहत दी है कि बल प्रयोग अंतिम विकल्प होना चाहिए और किसानों के साथ बैठकर मसले का हल निकालें।

अदालत ने कहा है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखी जाए, बल का इस्तेमाल आखिरी उपाय हो। हाईकोर्ट ने कहा है कि कानून- व्यवस्था बनाए रखी जाए। सभी मुद्दों का सौहार्दपूर्ण ढंग से हल निकले। सभी पक्षों को बैठकर मामले का समाधान निकालना चाहिए। बल प्रयोग अंतिम विकल्प होना चाहिए और जहां तक हो सके इससे बचना चाहिए। किसानों को धरना प्रदर्शन करने के लिए एक जगह सुनिश्चित करके देनी होगी।

अदालत ने केंद्र, पंजाब और हरियाणा से इस मुद्दे पर स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार, पंजाब सरकार, दिल्ली सरकार और यूटी प्रशासन सहित दोनों किसान यूनियन को नोटिस जारी कर अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। इस मुद्दे पर गुरुवार को सुनवाई होगी।

पूरी तैयारी से निकले हैं किसान

पंजाब के कई इलाकों से किसान दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं। मंगलवार, 13 फरवरी की सुबह फतेहगढ़ साहिब के गुरुद्वारे में किसान मज़दूर मोर्चा के नेताओं ने ‘दिल्ली चलो’ की सफलता के लिए प्रार्थना की। और फिर कारवां दिल्ली की ओर बढ़ चला। किसान फिलहाल 500 ट्रैक्टर ट्रॉलियों के साथ निकले हैं। उनके साथ बड़ी संख्या में महिलाएं और बुजुर्ग भी हैं।

पिछली बार की तरह इस बार भी किसान पूरे इंतजाम के साथ अपने-अपने घरों से निकले हैं. 6 महीने का राशन, पर्याप्त डीजल आदि लेकर चल रहे हैं। कई किसान जेसीबी और मिट्टी की बोरियों के साथ दिखाई दिए। किसानों ने कहा कि इसका इस्तेमाल बैरिकेड तोड़ने के लिए किया जाएगा।

‘चलो दिल्ली मार्च’ का कौन कर रहा है नेतृत्व?

इस मार्च में लगभग 20 हजार किसान 2500 ट्रैक्टर्स से दिल्ली पहुँच सकते हैं। ‘चलो दिल्ली मार्च’ को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसानों के अलावा देश के अलग -अलग हिस्सों से किसान संगठित हो रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर इसका नेतृत्व कर रहे हैं। किसानों ने केंद्र सरकार के सामने 12 मांगें रखी हैं।

किसानों ने कहा-

दिल्ली कूच पर निकले किसानों का कहना हैं कि “हमने धरती में फसल और फूल बोये हैं और अब हम जब अपना हक़ लेने दिल्ली जा रहे हैं तो वो (सरकार) हमारे लिए कील और कांटे बो रही है।”

किसान नेता, पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि लगभग 10,000 लोग यहां शंभू सीमा पर हैं। किसान यहां शांतिपूर्ण स्थिति बनाए हुए हैं और ड्रोन के जरिए हमारे खिलाफ आंसू गैस का इस्तेमाल किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार तो हमारे साथ दुश्मन जैसा बर्ताव कर रही है। आंदोलन करना हमारा लोकतांत्रिक हक है, लेकिन हमें रोका जा रहा है। हमारे सोशल मीडिया अकाउंट्स बैन किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा और पंजाब के बीच ऐसी किलेबंदी है कि लगता है ये दोनों भारत के राज्य नहीं हैं बल्कि अलग-अलग देश हैं। लेकिन यह विरोध तब तक जारी रहेगा सरकार हमारी मांगों से सहमत है।

इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम मोदी ने नाम चिट्ठी लिखी है, जिसमें लिखा कि, 16 फरवरी को प्रस्तावित, औद्योगिक-क्षेत्रीय हड़ताल से पहले एक बार फिर आपको इस उम्मीद में पत्र लिख रहे हैं कि, आपकी सरकार इसका कारण समझेगी। हम किसानों और श्रमिकों के 21 सूत्री मांग चार्टर के समर्थन में 16 फरवरी, 2024 को औद्योगिक/क्षेत्रीय हड़ताल और ग्रामीण भारत बंद के हमारे अखिल भारतीय आह्वान की पूर्व संध्या पर आपको एक बार फिर इस उम्मीद में लिखते हैं कि आपकी सरकार इस पर गौर करेगी।”