डाइकिन नीमराना 8 श्रमिक कोरोना संक्रमित, प्रबंधन की लापरवाही को लेकर श्रमिक आक्रोशित

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डाइकिन नीमराना प्लांट के अंदर कोविड-19 का संक्रमण फैलता जा रहा है। अभी तक 8 श्रमिक संक्रमित हो चुके हैं। इसके बावजूद कोविड-19 से श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही पूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है और संक्रमण को रोकने के नाम पर प्लांट के अंदर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।

22 जून को प्लांट के अंदर कोविड-19 का पहला केस आने के बाद कंपनी प्रबंधन द्वारा संक्रमित श्रमिक का इलाज कराने से मना कर दिया गया और संक्रमित श्रमिक के संपर्क में आए सभी श्रमिकों का सैंपल भी नहीं लिया गया और ना ही अन्य श्रमिकों को उसके बारे में सूचित किया गया।

अन्य सभी मामलों में भी कंपनी प्रबंधन द्वारा संक्रमित श्रमिक का इलाज करवाने से मना करते हुए उसे घर भेज कर होम क्वॉरेंटाइन में रहने के लिए कह दिया गया। अगर प्लांट के अंदर पहला केस आने के बाद ही सही तरीके से श्रमिकों की सैंपलिंग की गई होती और होम क्वॉरेंटाइन के बजाय इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था की गई होती तो कोविड-19 संक्रमण के इतने मामले सामने नहीं आते।

ज्ञात हो कि ₹8000 से ₹15000 कमाने वाले श्रमिक व्यक्तिगत मकान लेकर नहीं रहते बल्कि एक कमरे में चार पांच श्रमिक एक साथ रहते हैं जिससे कोविड-19 संक्रमण की संभावना अधिक है और होम क्वॉरेंटाइन भी संभव नहीं है।

डाइकिन प्रबंधन द्वारा कोविड-19 को लेकर श्रमिकों के प्रति लापरवाही बरतना मानवीय भूल नहीं की जा सकती। इतना ही नहीं प्लांट के अंदर प्रबंधन पक्ष और श्रमिकों के बीच भेदभाव किया जा रहा है। आधे से ज्यादा प्रबंधन और स्टाफ घर बैठकर काम कर रहा है और ऑपरेटर्स को लाइन पर बुलाकर काम करवाया जा रहा है इससे श्रमिकों का मनोबल निश्चित रूप से प्रभावित होता है।

दूरदराज के इलाकों में फंसे श्रमिकों के काम पर ना पहुंचने पर उनका वेतन काटने और काम से निकालने की धमकी दी जा रही है। प्लांट के अंदर रखा थर्मल स्कैनर भी सही तरीके से काम नहीं कर रहा है।
स्थानीय निवासियों और मकान मालिकों द्वारा भी श्रमिकों को प्रताड़ित किया जा रहा है और कमरा खाली करने की धमकी दी जा रही है। श्रमिकों की इस समस्या की तरफ भी प्रबंधन आंख मूंदकर बैठा है।
उपरोक्त स्थितियों में यह स्पष्ट है डाइकिन प्रबंधन अपने श्रमिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा और कोविड-19 के संक्रमण को रोकने को लेकर गंभीर नहीं है।

बुधवार को जब श्रमिकों ने प्रबंधन से मिलकर प्लांट के अंदर कोविड-19 के बढ़ते मामलों और प्रबंधन की जिम्मेदारी के ऊपर बात करने की कोशिश की तो प्रबंधन ने लिखित वार्ता करने से मना कर दिया।

बृहस्पतिवार 9 जुलाई को यूनियन प्रधान ने एडीएम अलवर और श्रम विभाग के अधिकारियों से मिलकर सारे मामले की जानकारी दी और श्रमिकों की सुरक्षा की दिशा में तुरंत कार्रवाई की मांग की। श्रमिकों की मांगे है कि –
1. प्लांट के अंदर सभी श्रमिकों का स्वेब सैंपल लेकर कोविड 19 संक्रमण की जांच किया जाए।
2. सभी श्रमिकों को कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक सुरक्षा उपकरण जैसे N 95 या 3 प्लाई सर्जिकल मास्क, फेस शिल्ड इत्यादि उपलब्ध कराए जाएं।
3. कोविड-19 से संक्रमित श्रमिक इलाज एवं देखभाल की समूची व्यवस्था कंपनी प्रबंधन द्वारा की जाए।
4. संक्रमण ज्यादा चलने की स्थिति में प्लांट के अंदर उत्पादन बंद किया जाए।
5. कोरोना संकट और लॉकडाउन के बहाने प्लांट के अंदर श्रमिकों के अधिकारों को कुचलने और उनका शोषण करने की कोशिश बंद की जाए।

अलवर जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति काफी खराब होती जा रही है। 8 जुलाई को 60 मामले सामने आए हैं। औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण यहां प्रवासी श्रमिकों का आवागमन शुरू हो गया है मगर ज्यादातर कंपनियों में सुरक्षा के उपाय ना के बराबर है। कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए और संक्रमित व्यक्तियों की पहचान के लिए आसपास के आवासीय इलाकों में सैंपल कलेक्शन, 14 दिन के इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन और रेंडम टेस्टिंग की जरूरत है।