मालिकों की शिकायत है कि लखविंदर आदि यूनियन नेता मैनेजमेंट व मज़दूरों को डरा-धमकाकर हड़ताल करवाते हैं और नुक़सान पहुँचा रहे हैं, जो कि पुलिस केस का कोई आधार नहीं बनता है।
लुधियाणा (पंजाब)। ट्रेड यूनियन नेता, कारखाना मज़दूर यूनियन पंजाब के अध्यक्ष लखविंदर सिंह के ख़िलाफ़ लुधियाणा पुलिस द्वारा शुरू की गई सीआईए पुलिस जांच के ख़िलाफ़ बढ़ते जन-दबाव के आगे झुकते हुए लुधियाणा पुलिस ने यह जांच रद्द कर दी है। अब इस मामले की जांच एडीसीपी 4 द्वारा की जाएगी।
ट्रेड यूनियन नेता लखविंदर सिंह के ख़िलाफ़ मार्शल मशीन्स लिमिटेड के मालिक-मैनेजमेंट द्वारा की गई डराने-धमकाने की मामूली और झूठी शिकायत के आधार पर लुधियाणा पुलिस द्वारा सी.आई.ए. पुलिस जांच शुरू हुई थी, जिसकी मुखालफत में तमाम ट्रेड यूनियंस, मज़दूर व जन संगठन आगे आए थे।
शुक्रवार, 13 अक्टूबर को लुधियाणा के विभिन्न जन-संगठनों का प्रतिनिधिमंडल इस मामले में पुलिस कमिश्नर दफ्तर पहुँचा। पुलिस कमिश्नर के छुट्टी पर होने के कारण प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात ए.डी.सी.पी. (औद्योगिक सुरक्षा) हरकमल कौर से करवाई गई।
प्रतिनिधिमंडल ने माँग की कि ट्रेड यूनियन नेता के खिलाफ फैक्ट्री मालिक द्वारा की गई झूठी शिकायत के आधार पर सी.आई.ए. पुलिस जांच तुरंत रद्द की जाए, पुलिस को गुमराह करने वाले शिकायतकर्ताओं के खिलाफ सख्त से सख्त धाराओं के तहत एफ.आई.आर. दर्ज की जाए, श्रम विवादों के मामलों से सबंधित भविष्य में सी.आई.ए. पुलिस का इस्तेमाल करना और अन्य झूठे पुलिस केसों में फंसाकर तंग करना, दमन का शिकार बनाना बंद किया जाए। संगठनों ने कहा कि अगर प्रशासन द्वारा मांगें नहीं मानी गई तो संघर्ष तेज़ किया जाएगा। यह जानकारी संगठनों द्वारा जारी किए गए संयुक्त प्रेस-बयान में दी गई।
प्रेस बयान जारी करते हुए संगठनों ने कहा कि झूठे पुलिस केसों खासकर सी.आई.ए. पुलिस जांच में फंसाकर तंग-परेशान करना, दमन करना, ट्रेड यूनियन और अन्य जनवादी अधिकारों को कुचलने की कोशिशें बेहद गंभीर मामला है, जिसे हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मार्शल मशीन्स मज़दूर यूनियन, पंजाब और कारखाना मज़दूर यूनियन, पंजाब मज़दूरों के अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण और कानूनी संघर्ष कर रही हैं। इन यूनियनों का नेतृत्व कर रहे लखविंदर सिंह लंबे समय से ट्रेड यूनियन संघर्ष में सक्रिय हैं।
मार्शल कंपनी के मालिक-मैनेजमेंट द्वारा वेतन, ईपीएफ, बोनस, छुट्टियां, ई.एस.आई., ग्रेच्युटी संबंधी मज़दूर के हक के करोड़ों रुपए का घपला किया गया है। श्रम कानूनों के गंभीर उल्लंघन के ख़िलाफ़ लखविंदर द्वारा मज़दूरों का नेतृत्व किया जा रहा है। मज़दूर संघर्ष को कुचलने के लिए कंपनी मालिक-मैनेजमेंट द्वारा पुलिस के जरिए और अन्य घटिया तरीकों के जरिए लखविंदर और अन्य यूनियन नेताओं-कार्यकर्ताओं-सदस्यों को डराने, धमकाने, दमन का शिकार बनाने की घटिया कोशिशें की जा रही हैं।
जन-दबाव के बाद 12 अक्टूबर की रात को शिकायत की कापी प्राप्त हुई है। कंपनी मालिकों द्वारा कहा गया है कि लखविंदर और अन्य यूनियन नेता मालिक-मैनेजमेंट और मज़दूरों को डरा-धमकाकर हड़ताल करवाते हैं और नुक़सान पहुँचा रहे हैं। शिकायत में ऐसा कोई मामला नहीं है जिसके आधार पर कोई पुलिस केस बनता हो, सी.आई.ए. पुलिस जांच की तो बिलकुल भी गुंजाइश नहीं है। जन-संगठनों ने कारखाना मालिकों का पुलिस द्वारा साथ देने का जोरदार विरोध किया है।
प्रतिनिधिमंडल में कारखाना मज़दूर यूनियन द्वारा लखविंदर और तिल्कधारी सिंह, मार्शल मशीन्स मज़दूर यूनियन की ओर से पवन कुमार, जोगिंदर सिंह और रुपिंदर सिंह, जमहूरी किसान सभा की ओर से रघुबीर सिंह बैनीपाल, इन्कलाबी मज़दूर केंद्र पंजाब के कनवीनर सुरिंदर सिंह, मोल्डर एंड सटील वर्कज यूनियन की ओर से जीएस जोहरी, पेंडू मज़दूर यूनियन मशाल के प्रधान सुखदेव सिंह, नेता छिंदरपाल सिंह, मक्खन सिंह, सूबा सिंह, भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा-धनेर) की ओर से इंद्रजीत सिंह और सुखविंदर सिंह, जमहूरी अधिकार सभा के जिला प्रधान जसवंत जीरख, सर्व-सांझा क्रांतिकारी मज़दूर यूनियन के प्रधान प्रभाकर, टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन के नेता विश्वनाथ, नौजवान भारत सभा के तरुन, लोक एकता संगठन के अध्यक्ष गल्लर चौहान शामिल थे।