इंटरार्क मज़दूरों के बच्चों ने कुमाऊँ कमिश्नर को दिया ज्ञापन, समझौता लागू कराने की अपील

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7 मई को जिलाधिकारी आवास तक पदयात्रा निकालकर उग्र आंदोलन की दी चेतावनी। कहा जिला प्रशासन उच्च न्यायालय के आदेश, कानूनों और समझौते के उल्लंघन पर मूकदर्शक बना हुआ है।

नैनीताल (उत्तराखंड)। ऊधमसिंह नगर जिला प्रशासन की मध्यस्थता में हुए समझौते को लागू कराने के लिए इंटरार्क कंपनी के मजदूरों के बच्चों ने आज 3 मई को कुमाऊँ कमिश्नर नैनीताल से मुलाकात कर ज्ञापन दिया और न्याय की गुहार लगाई।

बच्चों ने कुमाऊँ कमिश्नर से अनुरोध किया कि तत्काल मसले का हल निकाला जाए, तांकि 7 मई को महिलाओं को मजदूरों व क्षेत्र की जनता के साथ डीएम आवास तक पदयात्रा निकालने और बच्चे बाल सत्याग्रह करने को विवश न हों।

इंटरार्क मजदूर संगठन द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि ऊधमसिंह नगर जिला प्रशासन की मध्यस्थता में हुए समझौते को लागू कराने एवं इंटरार्क मजदूरों के पक्ष में उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा जुलाई 2020 को दिए आदेश को लागू कराने की मांग को लेकर मजदूरों का आंदोलन अब उग्र रूप ग्रहण करने लगा है।

उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा जुलाई 2020 में आदेश जारी कर मजदूरों के उत्तराखंड राज्य से बाहर ट्रांसफर करने पर रोक लगाई हुई है। 15 दिसंबर 2022 को जिला प्रशासन की मध्यस्थता में 64 मजदूरों की कार्यबहाली करने एवं 1700 रुपये वेतन वृद्धि करने आदि बिंदुओं पर लिखित समझौता संपन्न हुवा था। जिसमें एडीएम, एसपी व एएलसी रूद्रपुर ने मध्यस्थता की थी।

किन्तु इसके पश्चात भी इंटरार्क कंपनी सिडकुल पन्तनगर व किच्छा के प्रबंधन द्वारा उत्तराखंड उच्च न्यायालय के उक्त आदेश की घोर अवमानना एवं कंपनी के स्टैंडिंग ऑर्डर का घोर उल्लंघन करके  3 अप्रैल 2023 को 32 श्रमिकों का उत्तराखंड से बाहर अविधिक रूप से स्थानांतरण कर दिया।

जिला प्रशासन की मध्यस्थता में हुए उक्त समझौते के तहत ओडी से लौटे 28 मजदूरों की कार्यबहाली कराने के स्थान पर गेटबन्दी कर दी गई है। जिस कारण उत्तराखंड उच्च न्यायालय के उक्त आदेश को लागू कराने और जिला प्रशासन की मध्यस्थता में हुए उक्त समझौते को लागू कराने को मजदूरों द्वारा किया जा रहा आंदोलन निरन्तर बढ़ता ही जा रहा है।

https://mehnatkash.in/2022/12/18/agreement-concluded-in-interarc-after-a-long-struggle-64-suspended-workers-reinstated/

अब इस आंदोलन के समर्थन में महिलाओं के साथ ही मजदूरों के बच्चे भी उतर पड़े हैं। इसी क्रम में मजदूरों के बच्चे आज कुमाऊँ आयुक्त के नैनीताल स्थित कार्यालय के समक्ष उपस्थित हुए।

बच्चों ने उन्हें ज्ञापन प्रेषित कर अवगत कराया कि इंटरार्क प्रबंधन द्वारा उत्तराखंड उच्च न्यायालय के जुलाई 2020 के आदेश की घोर अवमानना करके, उत्तराखंड के मॉडल स्टैंडिंग ऑर्डर एवं इंटरार्क कंपनी के स्टैंडिंग ऑर्डर का घोर उल्लंघन करके 32 मजदूरों का अविधिक रूप से उत्तराखंड से बाहर स्थानांतरण कर दिया है और उनमें से 28 मजदूरों की विगत एक माह से गेटबन्दी कर दी गई है।

जिला प्रशासन की मध्यस्थता में हुए समझौते को प्रबंधन ने ताक पर रख दिया है। समझौते के अनुसार तय वेतनवृद्धि के हिसाब से एरियर भी नहीं दिया जा रहा है। मजदूरों ने इसकी शिकायत अनगिनत बार एडीएम महोदय व एएलसी से व महिलाओं द्वारा डीएम महोदय से की जा चुकी है। किंतु कोई कार्यवाही न हुई।

https://mehnatkash.in/2023/04/24/enforce-the-agreement-interarc-workers-sent-memorandum-to-company-headquarters-noida/

बच्चों ने कुमाऊँ कमिश्नर महोदय के समक्ष चिंता जाहिर की कि जिला प्रशासन उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश को, भारत के उक्त कानूनों को और जिला प्रशासन की मध्यस्थता में हुए उक्त समझौते को लागू  नहीं करा रहे है और मूकदर्शक बनकर उच्च न्यायालय के आदेश, कानूनों और समझौते पर इंटरार्क कंपनी द्वारा पोती जा रही कालिख को चुपचाप देख रहे है।

बच्चों का कहना था कि उपरोक्त को लागू करवाने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की ही बनती है। किन्तु यह बात जिला प्रशासन में बैठे आईएएस अधिकारी शायद भूल चुके हैं इसीलिए कार्यवाही करने के स्थान पर मूकदर्शक बनकर मजदूरों को ही शांति बनाए रखने का पाठ पढ़ा रहे हैं।

बच्चों ने कुमाऊँ कमिश्नर महोदय से अनुरोध किया कि तत्काल मसले का हल निकाला जाए, तांकि 7 मई को महिलाओं को मजदूरों व क्षेत्र की जनता के साथ डीएम आवास तक पदयात्रा निकालने को विवश न होना पड़े और बच्चे बाल सत्याग्रह करने को विवश न हों।

ज्ञापन देने के लिए पछास से महेश, सौरभ कुमार पटेल, डॉली, आयूष, उत्कर्ष, अर्चना, अभिनंदन, ध्रुब, अन्तरा, अमृता आदि उपस्थित रहे।

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