छत्तीसगढ़: 25 से 29 जुलाई तक कर्मचारियों-शिक्षकों का काम बंद कलम बंद आंदोलन

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आंदोलन में प्रदेश का हर सरकारी कर्मचारी भाग लेकर दफ्तर के कामकाज से अलग रखेगा। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने भी अपना समर्थन दे दिया है, जिससे शिक्षक भी स्कूल नहीं जाएंगे।

रायपुर. छत्तीसगढ़ के अधिकारी-कर्मचारी प्रशासनिक अव्यवस्था से तंग आ चुके हैं. अब छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की तरफ से काम बंद करने का एलान कर दिया गया है. इसमें प्रदेश का हर सरकारी कर्मचारी भाग लेकर दफ्तर में होने वाले कामकाज से खुद को अलग रखेगा. ऐसे में आने वाले दिनों में आम आदमी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के प्रवक्ता विजय झा ने बताया कि इसे लेकर रायपुर में एक बैठक रखी गई थी. बैठक में आंदोलन की रूपरेखा तय की गई है. महंगाई भत्ता और भाड़ा भत्ता को लेकर यह आंदोलन पूरे प्रदेश में किया जाएगा. बड़ी तादाद में रायपुर में भी कर्मचारी जुटेंगे और अपनी आवाज बुलंद करते हुए विरोध प्रदर्शन करेंगे, रैलियां निकाली जाएंगी.

छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के पदाधिकारियों ने बताया कि यदि मौजूदा दौर में महंगाई भत्ता और भाड़ा भत्ता लागू कर दिया जाए तो हर कर्मचारी को 5000 अधिक मिलेंगे. इस तरह से देखा जाए तो हर महीने सरकारी दफ्तर में काम करने वाले हर कर्मचारी का 5000 रुपए महीने का नुकसान हो रहा है. प्रदेश के अलग-अलग विभागों में लगभग 5 लाख कर्मचारी काम करते हैं इस आंदोलन में सभी कर्मचारी संगठन एक साथ काम कर रहे हैं.

25 जुलाई से 29 जुलाई तक चलने वाले काम बंद कलम बंद आंदोलन में छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने भी अपना समर्थन दे दिया है. छत्तीसगढ़ के स्कूलों में काम करने वाले टीचर भी स्कूल नहीं जाएंगे, ऐसे में स्कूलों को बंद रखने की नौबत भी सामने आ रही है. हालांकि स्कूल बंद रहेंगे या नहीं इसे लेकर शिक्षा विभाग की तरफ से कोई स्पष्ट निर्देश जारी नहीं किया गया है, मगर टीचरों ने कह दिया है वो स्कूल नहीं जाने वाले.

कर्मचारी नेताओं ने रायपुर में प्रदेश स्तरीय बैठक आयोजित की. इस दौरान शासन से मांग की गई है कि केंद्र की तरह महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की जाए, सातवें वेतनमान के अनुरूप भाड़ा भत्ता स्वीकृत किया जाए . इस आंदोलन में लगभग 75 कर्मचारी संगठन एक साथ आंदोलन में शामिल हो रहे हैं

पत्रिका से साभार