दमन : बरेली में पुलिस का बल प्रयोग, छत्तीसगढ़ में गिरफ़्तारी
किसान विरोधी काले कानूनों के खिलाफ 5 दिसंबर को देशभर में जगह-जगह अंबानी-अडानी और पीएम मोदी के पुतले को जलाकर लोगों ने आक्रोश जताया। किसान संगठनों के आह्वान पर आयोजित हुए इस कार्यक्रम में किसान, मजदूर, महिला व छात्र संगठनों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। वहीं, बरेली में आईएमके कार्यकर्ताओं से झड़प के साथ पुलिस ने पुतला छीन लिया तो छत्तीसगढ़ में दो किसान नेताओं की गिरफ़्तारी की खबर है।
किसानों व अन्य संगठनों ने आज कई सार्वजनिक स्थानों, टोल प्लाजा, कारपोरेट कार्यालयों व पेट्रोल पम्पों व सरकारी कार्यालयों में विरोध प्रदर्शन किया। उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, ओडिशा, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, कर्नाटका, महाराष्ट्र, गुजरात, त्रिपुरा, आसाम, पुडुचेरी, आन्ध्र प्रदेश, केरल और पंजाब में भी केन्द्र सरकार व कारपोरेट घरानों के पुतले फूंके जाने की खबरें मिल रही हैं।
प्रदर्शन से साफ़ है कि लोगों का गुस्सा अब कारपोरेट विरोध में केंद्रित होता जा रहा है। पंजाब के किसानों के दिल्ली कूच से शुरू यह आन्दोलन अब एक जनांदोलन का रूप लेता जा रहा है।
वार्ता फिर बेनतीजा, 8 को भारत बंद
इस देशव्यापी आंदोलन का आह्वान अ. भा. किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े 500 से ज्यादा किसान संगठनों ने किया था। इस बीच आज 5 दिसंबर को सरकार के अड़ियल रवैये के कारण केंद्र सरकार के साथ किसानों कि वार्ता फिर असफल रही। इसलिए किसान संगठनों द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत 8 दिसंबर को भारत बंद रहेगा।

पुलिसिया दमन
इस बीच पुलिस दमन की भी खबरें आ रही हैं। उत्तर प्रदेश के बरेली में प्रदर्शन कर रहे लोगों से पुलिस ने बल प्रयोग कर पुतला छीन लिया जिसपर इन्क़लाबी मज़दूर केंद्र के कार्यकर्ताओं से पुलिस की झडप हुई। उधर छत्तीसगढ़ में मोदी-अडानी-अंबानी के पुतले जलाने के आरोप में छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेता देवन सिंह को मरवाही के नागवाही गांव से और विशाल वाकरे को सिलपहरी से पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन की झलक-
उत्तराखंड
किसान आंदोलन के समर्थन में औद्योगिक मज़दूरों की एकजुटता
रुद्रपुर (उत्तराखंड)। किसान संगठनों द्वारा देशव्यापी पुतला दहन कार्यक्रम के तहत 5 दिसंबर को श्रमिक संयुक्त मोर्चा उधम सिंह नगर के नेतृत्व में सिडकुल की विभिन्न यूनियनों व मज़दूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा) द्वारा समर्थन में शहर के अंबेडकर पार्क में सभा कर मोदी सरकार और अडानी-अंबानी-कॉरपोरेट के गठजोड़ का पुतला दहन किया।

प्रदर्शन में श्रमिक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष दिनेश तिवारी, मासा के सुरेंद्र, मज़दूर सहयोग केंद्र के मुकुल, इन्क़लाबी मज़दूर केंद्र के दिनेश, इंट्रार्क मज़दूर संगठन के सौरभ, भगवती श्रमिक संगठन के दीपक सनवाल, एलजीबी वर्कर्स यूनियन के पूरन पांडे, यजाकी वर्कर्सयूनियन के रविन्द्र पाल, लुकास टीवीएस मज़दूर संघ के सुनील जोशी, एरा श्रमिक संगठन के बुद्धसेन आदि शामिल रहे।
हरियाणा
फरीदाबाद। इंकलाबी मजदूर केंद्र और औद्योगिक ठेका मजदूर यूनियन ने किसान आन्दोलन के समर्थन में शहर के बी. के. चौक पर रिलायंस के मालिक मुकेश अंबानी, अदाणी ग्रुप के मालिक गौतम अदाणी तथा उनके चौकीदार मोदी सरकार के फिलाफ प्रदर्शन कर पुतला दहन किया।

उत्तर प्रदेश
पुलिस से कार्यकर्ताओं की झड़प, पुतला जप्त
बरेली। किसान आंदोलन के समर्थन में बरेली के सेठ दामोदर स्वरूप पार्क में इंकलाबी मजदूर केंद्र की सभा चल रही थी। यहां कार्यकर्ता भारत सरकार का पुतला फूंकने का प्रयास करने लगे। जिसके बाद पुलिस ने हलका बल प्रयोग करके पुतला छीन लिया और पुतला फूंकने से रोका। पुलिस की तानाशाही पर यहां मौजूद इंकलाबी मजदूर सभा के कार्यकर्ताओं ने पुलिस के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।

इस प्रदर्शन में इन्क़लाबी मजदूर केंद्र, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, प्रगतिशील सांस्कृतिक मंच , क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, ऑटो रिक्शा टेंपो चालक वेलफेयर एसोसिएशन के कार्यकर्ता शामिल थे।
बदायूँ। किसानों ने अडानी-अंबानी और मोदी के पुतले फूंके। इस मौके पर हुई सभा में नेताओं ने कहा कि संघ-भाजपा की मोदी सरकार लुटेरे कारपोरेट घरानों अम्बानी-अडानी और अमेरिकी कंपनियों की गुलामी कर किसानों, मजदूरों, गरीबों समेत आम जनता और देश से गद्दारी कर रही है।

कृषि विरोधी कानूनों के खिलाफ सीपीआई, सीपीआईएम, भाकपा माले व एसयूसीआई ने संयुक्त रूप से जिला कचहरी में धरना देकर राष्ट्रपति को सम्बोधित तीन सूत्रीय मांगपत्र जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा। धरने के पश्चात वामदलों के कार्यकर्ताओं ने लक्ष्मी चैराहे पर प्रधानमंत्री का पुतला फूंका।

बहराइच। रिहाई मंच ने किसान आंदोलन को समर्थन किया। नये कृषि कानून को वापस लिए जाने और एमएसपी पर गारंटी कानून बनाए जाने को लेकर राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी, बहराइच के पेशकार के जरिए ज्ञापन सौंपा।
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ किसान सभा और आदिवासी एकता महासभा सहित छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन के घटक संगठनों ने आज गांव-गांव में मोदी-अडानी-अंबानी के पुतले जलाएं और किसान विरोधी काले कृषि कानूनों और बिजली कानून में संशोधन को वापस लेने की मांग की।

पुतला दहन के लिए 2 किसान नेता गिरफ्तार
एक बयान में छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन के संयोजक सुदेश टीकम और छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते ने बताया कि मोदी-अडानी-अंबानी के पुतले जलाने के आरोप में मरवाही के नागवाही गांव से देवान सिंह मार्को और सिलपहरी से विशाल वाकरे को गिरफ्तार किया गया है। ये दोनों मरवाही जिले में छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेता हैं। छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन ने इसकी निंदा करते हुए उन्हें रिहा करने की मांग की है।
पंजाब
लुधियाना में इन्क़लाबी मज़दूर केंद्र, पंजाब (घटक मासा) व अन्य संगठनों ने मोदी सरकार की शवयात्रा निकली और उसका दहन किया।

बिहार
बिहार में भी आज जगह-जगह जाम लगाया गया जिसमें वाम दलों और उनके जनसंगठनों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। किसान संगठनों ने 5 दिसंबर को पूरे देश में पीएम मोदी और अंबानी-अडानी समेत कॉरपोरेट कंपनियों का पुतला फूँकने का ऐलान किया था। बिहार में इसका ख़ासा असर देखा जा रहा है।

मध्य प्रदेश
राज्य के विभिन्न हिस्सों में पुतला दहन कार्यक्रम के साथ किसानों व अन्य जन संगठनों ने रोष जताया। विदिशा में भी मोदी और कार्पोरेट का पुतला दहन किया गया।

राजस्थान में 10 दिसंबर को पुतला दहन
अखिल भारतीय किसान सभा राजस्थान राज्य कमेटी के बैनर तले प्रदेश के किसान 7 दिसंबर को जयपुर दिल्ली हाईवे से दिल्ली की ओर कूच करेंगे। साथ ही 10 दिसंबर को गांव गांव में पीएम मोदी का पुतला जलाया जाएगा। गोष्ठियों, सभाओं धरना प्रदर्शन के माध्यम से भाजपा.आरएसएस सरकार की नीतियों और किसानों पर दमन के खिलाफ जनजागरण अभियान जारी रहेगा।
