निजीकरण व महँगाई के खिलाफ देशव्यापी प्रतिरोध का है आह्वान
लुधियाना। मज़दूरों और नौजवानों के विभिन्न संगठनों द्वारा 15 मार्च को देशव्यापी ‘निजीकरण विरोधी दिवस’ के तहत लुधियाना के समराला चौक पर केंद्र व राज्य सरकार की निजीकरण की नीतियों के खिलाफ़ रोष प्रदर्शन किया जाएगा। यह जानकारी टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन, पंजाब के अध्यक्ष राजविंदर के जरिए संगठनों द्वारा जारी संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में दी गई।
प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक 15 मार्च को देश भर में मज़दूर-मुलाजिम संगठनों द्वारा ‘निजीकरण विरोधी दिवस’ मनाते हुए हुक्मरानों की पूँजीपति पक्षधर और मज़ूदरों, मेहनतकशों के खिलाफ़ निजीकरण की नीति रद्द करने की जोरदार माँग उठाई जाएगी। बैंक कर्मचारियों के संगठनों द्वारा सरकारी बैंकों के निजीकरण के खिलाफ़ 15-16 मार्च को दो दिन की देश व्यापी हड़ताल का ऐलान किया गया है।
संयुक्त किसान मोर्चे ने भी ट्रेड यूनियनों के आह्वान से तालमेल बिठाते हुए निजीकरण विरोधी दिवस मनाने का ऐलान किया है। संगठनों द्वारा गैस, पेट्रोल, डीजल और अन्य जरूरी चीजों की महँगाई के खिलाफ भी जोरदार आवाज़ बुलंद की जाएगी।
लुधियाना के इस रोष प्रदर्शन में कारखाना मज़दूर यूनियन, पंजाब, टेक्सटाइल हौजरी कामगार यूनियन, पंजाब, इंकलाबी मज़दूर केंद्र, लोक एकता संगठन, नौजवान भारत सभा, मोल्डर एंड स्टील वर्कर्ज यूनियन, जमहूरी अधिकार सभा और अन्य संगठन शामिल होंगे।
संगठनों का कहना है कि मोदी सरकार पूँजीपतियों के सामने मुनाफों के अंबार लगाने के लिए अर्थव्यवस्था के सरकारी क्षेत्र का खात्मा कर रही है। भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा, रेलवे, बिजली, स्टील आदि सभी क्षेत्रों के सरकारी उपक्रमों-संस्थानों को कौड़ियों के दाम पूँजीपतियों को सौंपा जा रहा है। जनता से मुफ्त व सस्ती सरकारी सहूलतें छीनकर सरकारी खजाने पूँजीपतियों पर लुटाया जा रहा है।
इन निजीकरण की नीतियों के चलते आज गैस, पेट्रोल, डीजल व अन्य जरूरी चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं, महँगाई ने जनता की कमर तोड़ दी है। पहले ही भयानक कंगाली-बदहाली का शिकार मेहनतकश जनता की हालत निजीकरण की नीति ने कहीं अधिक भयानक दी है। विभिन्न पार्टियों की राज्य सरकारें भी निजीकरण की नीति को जोर-शोर से लागू कर रही हैं।
संगठनों ने जनता को पूँजीवादी हुक्मरानों की निजीकरण और अन्य जनविरोधी नीतियों और कमर तोड़ महँगाई के खिलाफ़ सड़कों पर उतरने का आह्वान किया है।