लंबे संघर्ष व बेमियादी अनशन के बाद एचसीएल के 13 ठेका श्रमिकों की कार्यबहाली का समझौता

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हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की सहायक कंपनी एमएमपीएल द्वारा निकले गए 13 श्रमिक कार्यबहाली के लिए तीन माह तक माइंस गेट पर धरने के बाद 13 अगस्त से बेमियादी अनशन पर थे।

झुंझुनूं (राजस्थान)। लंबे संघर्ष और 7 दिनों की बेमियादी अनशन के बाद झुंझुनूं के खेतड़ी में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) की सहायक कंपनी एमएमपीएल से निकले गए 13 श्रमिकों की कार्यबहाली के समझौते के साथ आंदोलन समाप्त हो गया।

ज्ञात हो कि एचसीएल की सहायक ठेका कंपनी एमएमपीएल ने काफी समय से काम कर रहे 13 श्रमिकों को निकाल दिया था। जिससे आक्रोशित श्रमिक कार्यबहाली की माँग को लेकर पिछले तीन माह से कोलिहान माइंस की गेट पर धरना दे रहे थे।

प्रबंधन की हठधर्मिता से समाधान न निकालने और धरने के तीन माह पूरे होने पर 13 अगस्त से श्रमिकों ने बेमियादी अनशन शुरू कर दिया था। आंदोलन के अनशन में बदल जाने के बाद प्रशासन सक्रिय हुआ।

इस बीच अनशन पर बैठे ठेका श्रमिक रूपचंद के स्वास्थ्य में लगातार गिरावट हो रही थी, तब प्रशासन की पहल पर समझौता वार्ता शुरू हुई। अंत में अनशन के सातवें दिन पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधि के समक्ष कंपनी प्रबंधन और श्रमिकों के बीच समझौता सम्पन्न हुआ।

निकले गए समस्त 13 श्रमिकों को कार्य पर वापस लेने की सहमति बनने के बाद आंदोलन को खत्म करने की घोषणा की गई। अनशन पर बैठे ठेका श्रमिकों को सीआई विनोद सांखला, पार्षद लीलाधर सैनी व कंपनी के प्रबंधक प्रशांत शर्मा ने जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया और जल्द ही काम पर वापस लेने का आश्वासन दिया है। 

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प्रबंधक प्रशांत शर्मा ने बताया कि जल्द ही कार्य के अधिकता को देखते हुए कंपनी श्रमिकों की भर्ती करेगी। उसमें पूर्व में हटाए गए 13 श्रमिकों को वरीयता दी जाएगी। इन्हें जल्द ही कार्य पर ले लिया जाएगा। कंपनी द्वारा वापस लेने की सहमति देने के बाद आंदोलन को खत्म करने की घोषणा हुई।

इससे पूर्व खेतड़ी नगरपालिका के पार्षदों ने आंदोलन का समर्थन करते हुए कंपनी द्वारा मांगे नहीं माने पर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी थी। जिसके बाद प्रशासन ने कंपनी प्रबंधन से बात कर जल्द अनशन को खत्म कराने के निर्देश दिए थे।

इस मौके पर सीआई विनोद सांखला, पार्षद लीलाधर सैनी, पार्षद हरमेंद्र चनानिया, हरीश मिश्रा, राधेश्याम, शिवलाल सैनी, लीलाधर जांगिड़, दीनबंधु झा, दीनानाथ सहित अनेक लोग मौजूद थे।