बेरोज़गारों का फूटा गुस्सा, जगह-जगह लाठीचार्ज और गिरफ्तारियाँ!
17 सितम्बर विशेष दिन बन गया, जब प्रधानमंत्री मोदी के 70वें जन्मदिन को देश के युवाओं ने ‘राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस’ व ‘जुलमा दिवस’ के रूप में मनाया। दिनभर सोशल मीडिया पर #NationalUnemploymentDay, #राष्ट्रीय_बेरोज़गार_दिवस, और #जुमला_दिवस टॉप पर ट्रेंड करते रहे। इस दौरान कई जगहों पर पुलिस ने छात्रों पर लाठी चार्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया।
दमन के बीच जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन
‘युवा हल्ला बोल’ आंदोलन की अपील पर इस दिन को युवाओं ने ‘जुमला दिवस’ की तरह मनाया तो कई अन्य युवा संगठनों और राजनीतिक दलों ने ‘बेरोज़गारी दिवस’ का आह्वाहन भी किया था। इसी के तहत राजधानी दिल्ली से लेकर देश के ज्यादातर राज्यों में बेरोजगारों का प्रदर्शन दिनभर जारी रहा। देश भर में छात्र-युवा सड़कों पर उतरे, कई जगहों पर मशाल जुलूस निकाले गए।

इलाहबाद में कई जगहों पर छात्र-युवा सड़कों पर उतर आए। जहाँ उनकी पुलिस से जमकर भिड़ंत हुई। बालसन चौराहे पर युवा मंच के बैनर तले हजारों छात्र-युवाओं ने भर्ती में संविदा प्रथा खत्म करने, खाली पदों को भरने, रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने, निजीकरण पर रोक लगाने जैसे सवालों को लेकर प्रदर्शन किया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह समेत ग्यारह युवाओं को गिरफ्तार कर लिया।

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में बीएचयू के छात्रों ने एक बड़ा मशाल जुलूस निकालकर राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस मनाया। इस दौरान छात्रों ने अपनी डिग्रियों की प्रतियां भी जलाईं।

लखनऊ में प्रदर्शन के बीच यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ओमवीर समेत 18 नेताओं को योगी सरकार ने जेल भेज दिया है। वहीं अलीगढ़ में बेरोजगार दिवस पर प्रदर्शन कर रहे कई कार्यकर्ताओं को योगी सरकार ने जेल भेज दिया है।
बिहार के कई जिलों में छात्र-युवा सड़कों पर उतरे। मोदी और नीतीश सरकार की रोजगार विरोधी नीतियों के खिलाफ छात्र-युवाओं ने मशाल जुलूस निकाल पर अपना विरोध दर्ज कराया।

झारखंड में भी युवाओं ने मशाल जुलूस निकाल पर अपने गुस्से को प्रगट किया। जयपुर में सामूहिक रूप से युवाओं ने फाँसी लगाकर सांकेतिक प्रदर्शन किया।

उत्तराखंड में कई जिलों में प्रदर्शन हुए, तो हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमांचल, गुजरात आदि राज्यों से भी जगह-जगह प्रदर्शन कर युवाओं ने गुस्से का इजहार किया। भोपाल में भी 50 से ज्यादा लोग गिरफ्तार हुए।

सोशल मिडिया पर भी टॉप ट्रेंड
जहाँ एक तरफ देश के कई शहरों में युवा आबादी सड़क पर उतर कर राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस मनाते हुए बेरोज़गारी के खिलाफ़ विरोध-प्रदर्शन करती रही। वहीँ सोशल मीडिया प्र भी आन्दोलन विकराल रूप ले लिया। फेसबुक से लेकर यूट्यूब तक विरोध के विभिन्न रूप दिखे, वहीँ ट्विटर पर #nationalUnemployDay, #बेरोज़गार दिवस, और #राष्ट्रीय_जुमला_दिवस टॉप ट्रेंड करता रहा।

गिरफ़्तारी की निंदा, रिहाई की माँग
देशभर के विभिन्न जनवादी, यूवा, छात्र संगठनों और राजनैतिक पार्टियों ने मोदी-योगी सरकार द्वारा युवाओं पर हुए लाठीचार्ज व गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मोदी-योगी सरकार को युवाओं पर दमन ढाने की जगह रोजगार के सवाल को हल करना चाहिए।

नेताओं ने सरकार से बिना शर्त युवाओं की अविलंब रिहाई की माँग करते हुए कहा कि देशी-विदेशी पूँजी की सेवा में लगी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है। आपदा को मुनाफे के अवसर में बदल दिया है। रोजगार की जगह छंटनी तेज हुआ है, स्थाई की जगह संविदा और फिक्स टर्म का धंधा बढ़ गया है। बेरोजगारी भयावह रूप ले चुकी है।
आन्दोलनकारियों ने कहा कि यदि सरकार ने रोजगार के सवाल को हल नहीं किया तो यह उसके लिए घातक साबित होगा।

ज्ञापन के जरिए आंदोलनरत बेरोजगार युवाओं की प्रमुख माँगे
- सरकारी नौकरी में संविदा पर रखने के प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाये।
- माध्यमिक, उच्चतर, प्राथमिक, पुलिस समेत प्रदेश में सभी विभागों में खाली पदों का विज्ञापन जारी किया जाए।
- सभी लंबित भर्तियों को जल्द से जल्द पूरा किया जाये।
- सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आदेशित 8300/ 2018 तदर्थ शिक्षकों के पदों का अधियाचन मँगा कर विज्ञापन जारी किया जाए साथ ही साथ निश्चित समय सीमा में भर्ती पूरी की जाए ।
- रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने के लिए प्रदेश सरकार प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को प्रेषित करे।
