जून-जुलाई में सभी जिलों, खंडों व तहसील में केंद्र एवं राज्य कर्मियों के संयुक्त सम्मेलन, 9 अगस्त से सभी राज्यों से रीच टू ईच नारे के साथ कर्मचारी वाहन जत्थे शुरू होंगे।
केंद्र एवं राज्य कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना की बहाली, कच्चे/संविदा कर्मचारियों को पक्का करने, रिक्त पदों को भरने और आठवें वेतन आयोग के गठन सहित अन्य मांगों को लेकर संघर्षरत कर्मचारी अब निर्णायक आंदोलन करेंगे। चार जुलाई को देशभर में धरने-प्रदर्शन किए जाएंगे।
भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर नौ अगस्त से सभी राज्यों से कर्मचारी वाहन जत्थे शुरू किए जाएंगे। यह जत्थे रीच टू ईच नारे के साथ कर्मचारियों के कार्यस्थलों पर सभाएं करते हुए तीन नवंबर को दिल्ली पहुंचेंगे, जहां विशाल जनसभा और रैली होगी।
यह निर्णय वीरवार को को नार्थ एवेन्यू पोस्ट ऑफिस बिल्डिंग नई दिल्ली स्थित कनफरडेशन ऑफ सैंट्रल गवर्नमैंट एम्पलाइज एंड वर्कर्स के मुख्यालय में आयोजित बैठक में लिया गया। बैठक में अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ और कनफरडेशन ऑफ सैंट्रल गवर्नमैंट एम्पलाइज एंड वर्कर्स के प्रतिनिधि शामिल रहे।
केंद्र व राज्य कर्मचारी संघों की बैठक
नई दिल्ली में बृहस्पतिवार को कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लाइज एंड वर्कर्स के मुख्यालय में आयोजित बैठक में कर्मचारी संगठनों ने आंदोलन की रूपरेखा तय की।
बैठक के बाद अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के प्रधान सुभाष लांबा और महासचिव ए श्री कुमार व कोषाध्यक्ष शशीकांत राय और कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लाइज एंड वर्कर्स के उपाध्यक्ष आरएन पाराशर, महासचिव एस.बी. यादव, जनार्दन मजूमदार, गिरिराज सिंह, अनिल कुमार, डी.बी. मोहंती, आर.पी. सारंग व ए. वीरमणि आदि मौजूद थे।
बैठक में ओडिशा में हुई भीषण रेल एक्सीडैंट में यात्रियों की मौत पर श्रद्धांजलि अॢपत करते हुए गहरा दुख व्यक्त किया गया और दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई।
व्यापक आंदोलन की रूपरेखा
कर्मचारी संगठनों ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि जून-जुलाई महीने में सभी जिलों, खंडों व तहसील में केंद्र एवं राज्य कर्मियों के संयुक्त सम्मेलन किए जाएंगे। आंदोलन के समर्थन में जनमत तैयार करने के लिए आम जनता के बीच जाकर जनसभाएं भी की जाएंगी।
इसी बीच 4 जुलाई को देशभर में जिला मुख्यालयों पर सामूहिक धरने प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे।
आंदोलन के अगले चरण में भारत छोड़ों आंदोलन की वर्षगांठ 9 अगस्त से सभी राज्यों से कर्मचारी वाहन जत्थे शुरू किए जाएंगे। यह जत्थे रीच टू ईच नारे के साथ कर्मचारियों के कार्यस्थलों पर सभाएं करते हुए 3 नवम्बर को दिल्ली में पहुंचेंगे।
3 नवम्बर को दिल्ली में जनसभा एवं रैली आयोजित की जाएगी। रैली में सरकार के खिलाफ निर्णायक आंदोलन का ऐलान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कर्मचारी संगठनों को नई पेंशन योजना में संशोधन कर कोई बीच का रास्ता निकालना स्वीकार नहीं है। उन्होंने आशंका जताई कि केंद्रीय वित्त सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी ऐसा करने का प्रयास कर सकती है।