लखीमपुर केस में गिरफ्तार किसानों की जमानतें रदद् हो रही है, मारुति मज़दूरों को 10 साल से जमानत नहीं मिली, लेकिन कांड के दोषी, केन्द्रीय मंत्री के बेटे को जमानत मिल गयी।
संयुक्त किसान मोर्चा ने आशीष मिश्रा को जमानत मिलना दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। मोर्चा की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि चार किसानों और एक पत्रकार को दिनदहाड़े रोंदने का यह नृशंस मामला पूरे देश में कानून के राज की एक कसौटी बन गया था।
स्पष्ट प्रमाण के बावजूद हत्या के आरोपी को इतनी जल्दी जमानत मिलना और वह भी यूपी चुनाव के पहले दिन होना, आश्चर्य का विषय है।
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में पिछले साल प्रदर्शन कर रहे किसानों की हत्या के मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने पुलिस इनवेस्टीगेशन को भी खारिज कर दिया है। इसमें चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे।
संयुक्त किसान मोर्चे ने कहा है कि इस हत्याकांड के बाद से पुलिस और प्रशासन लगातार अजय मिश्र टेनी और उनके बेटे को बचाने में जुटा रहा। मामले की जांच करने और अभियुक्तों को पकड़ने में यूपी पुलिस शुरू से ही कोताही बरतती आई और मामले को कमजोर करने की कोशिश की गई।
पुलिस और सरकार की मिलीभगत इस बात से ही जाहिर होती है कि अभियुक्त आशीष मिश्र पर धारा 302 लगाई ही नहीं गई, जबकि दूसरे मामले में आरोपी किसानों पर 302 लगाई गई है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने मांग की है कि सरकार हाईकोर्ट के इस निर्णय के विरुद्ध तत्काल अपील दायर करे। साथ ही मोर्चा ने देश के अग्रणी वकीलों की राय लेकर अपील दायर करने में पीड़ित परिवारों की मदद करने का भी आश्वासन दिया है और कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता इस हत्याकांड के असली अपराधियों को सजा दिलाने से बचाने पर भारतीय जनता पार्टी पर वोट की चोट करें।
किसान एकता मोर्चा ने मिश्रा को जमानत मिलने पर किसानों से संघर्ष के लिए तैयार रहने की अपील की है। उसने ट्वीट कर लिखा कि, “एक तरफ़ लखीमपुर खीरी केस में गिरफ्तार किसानों की जमानतें रदद् हो रही है, वही कांड के दोषी, अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र को जमानत मिल गयी है।”
गौरतलब है कि किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा के खिलाफ 3 अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहे थे, तभी लखीमपुर खीरी में एक एसयूवी (कार) ने चार किसानों को कुचल दिया। इससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों की प्रतिक्रिया में भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक की मौत हो गई थी।
हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई। इस मामले में सामने आए कुछ वीडियो के बाद अब लगभग यह भी साफ हो गया है कि पत्रकार की मौत भी गाड़ी से कुचलकर ही हुई थी।
किसान नेताओं ने यह भी दावा किया था कि उस हत्यारी वाहन में मंत्री का बेटे आशीष भी था, जिसने प्रदर्शनकारियों को कुचला था, लेकिन मंत्री ने आरोपों से इनकार कर दिया था। किसान इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए शुरू से गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की गिरफ़्तारी और कैबिनेट से उनकी बर्ख़ास्तगी की भी मांग कर रहे हैं।