मोदी सरकार के कॉरपोरेटाइजेशन प्लान के ख़िलाफ़ एकजुट संघर्ष
देश की 41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के 70,000 कर्मचारियों ने 12 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। कर्मचारियों ने ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड को कॉरपोरेटाइज करने के सरकार के प्लान के विरोध में यह फैसला लिया है। इस स्ट्राइक को तीन ट्रेड यूनियंस भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ, ऑल इंडिया डिफेंस एंप्लॉयीज फेडरेशन और इंडियन नेशनल डिफेंस वर्कर्स फेडरनेशन ने भी समर्थन दिया है। इनमें से भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ आरएसएस से जुड़ा संगठन है। बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक आईएनडीडब्ल्यूएफ के जनरल सेक्रेटरी आर. श्रीनिवासन ने कहा कि स्ट्राइक का नोटिस छह सप्ताह पहले ही दिया गया था।
इससे पहले बीते साल भी कर्मचारियों ने 23 अगस्त को हड़ताल का ऐलान किया था, लेकिन रक्षा मंत्रालय की ओर से यह कहा गया था कि अभी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के कॉरपोरेटाइजेशन का फैसला नहीं लिया गया है। ऐसे में हड़ताल को टाल दिया गया था। हालांकि इसके बाद सरकार ने फिर हाई लेवल कमिटी का गठन किया था ताकि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के ऑपरेशन को ओवरहॉल किया जा सके।श्रीनिवासन ने कहा, ‘हमारा कहना है कि यदि सरकार ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों का प्रोडक्शन बढ़ाना चाहती है और तकनीकी सुधार चाहती है तो उसे हाई-लेवल कमिटी का गठन करना चाहिए और स्टडी करना चाहिए। हम इसे लेकर सहमत हैं।’
कर्मचारी संगठनों ने जो तीन मांगे रखी हैं, उनमें कैपेसिटी बढ़ाने और तकनीकी सुधार के लिए एक्सपर्ट कमिटी का गठन करना, कॉरपोरेटाइजेशन न किया जाना और मौजूदा कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा और सर्विस कंडिशन को बेहतर रखने की बात शामिल है। हालांकि इस बीच सरकार की ओर से हड़ताल को टालने के प्रयास किए जा रहे हैं। कर्मचारी संगठनों के साथ 15 सितंबर और 25 सितंबर को मीटिंग की जा चुकी है। हालांकि कर्मचारी संगठनों का कहना है कि जब तक ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के कॉरपोरेटाइजेशन का फैसला नहीं बदला जाता है, तब तक हड़ताल के फैसले को वापस नहीं लिया जा सकता।
जनसत्ता से साभार