एक दिन में 6 फैक्ट्री हादसे, 15 मौत : योगा में मस्त सरकार, जान गँवाते मज़दूर

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मुनाफे की आंधी हवस में मज़दूरों की बेबसी

देश की फैक्ट्रियों में लगातार बढ़ते हादसों में मज़दूरों का अंग-भंग होने से लेकर मौत सामान्य बात बन चुकी है। ताजा घटना में जब देश के सत्ताधारी और मुनाफाखोर योगा दिवस में मशगूल थे, उस वक़्त देश के अलग-अलग छह औद्योगिक हादसों में कम से कम 15 मज़दूरों ने अपनी जिंदगियां गँवा दी है और कई घायल हैं।

सोमवार को दिल्ली के उद्योग नगर, महाराष्ट्र के जालना, उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद, केरल के त्रिशूर और तमिलनाडु के विरुधुनगर में हुए हादसे में बच्चे-महिलाओं समेत कम से कम 14 मज़दूरों की मौत हो गई। जबकि कई मज़दूर घायल हो गए हैं।

मुनाफाखोरों के लिए ज़िंदगी का कोई मोल नहीं है। जांच की कथित खानापूर्ति के बाद सबकुछ सामान्य हो जाता है और मज़दूर जान जोखिम में डाल कर खटते रहते हैं, किसी और हादसे के इंतजार में पापी पेट के लिए मरने या अंगभंग के शिकार बनते हैं।

मुनाफे की आंधी हवस में तमाम कारखानों में ना तो सुरक्षा मानकों का पालन होता है, ना ही मजदूरों को सुरक्षा उपकरण ही दिए जाते हैं। कई मजदूरों के मास्टर रोल या रजिस्टर में नाम तक दर्ज नहीं होते। तमाम फैक्ट्रियाँ तो अवैध रूप से चल रही हैं, जिनमे से कई तो बड़ी कंपनियों के लिए ही पुर्जों का उत्पादन करती हैं। कहीं कोई लगाम नहीं है।

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योगा दिवस पर मजदूरों की मौत-

दिल्ली :

जूतों के गोदाम में भीषण आग, एक मज़दूर की मौत

पश्चिमी दिल्ली में जूतों के गोदाम में सोमवार सुबह भीषण आग लग गई। मंगलवार को एक मज़दूर का जला हुआ शव मिल। 5-6 मज़दूर अभी भी लापता हैं और आशंका है कि कुछ मज़दूर गोदाम के अंदर ही फंसे हैं।

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कुछ श्रमिक इमारत से निकलने में कामयाब रहे तो कुछ ने छलांग लगाकर अपनी जान बचाई। लेकिन, इस दौरान छह श्रमिक फैक्ट्री के अंदर ही फंसे रह गए। 

पुलिस ने बताया कि गोदाम के मालिक की पहचान पंकज गर्ग के रूप में हुई है जो फरार है। पुलिस ने घटना के संबंध में उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 308 (गैरइरादतन हत्या के प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

तमिलनाडु :

अवैध पटाख इकाई में विस्फोट, चार की मौत

तमिलनाडु के विरुधुनगर जिले में सत्तूर के निकट पटाखों की एक अवैध इकाई में हुए विस्फोट में पांच साल के एक बच्चे और दो महिलाओं समेत चार लोगों की मौत हो गई। निर्मित और गैरनिर्मित पटाखों में घर्षण की वजह से हुए विस्फोट में दुर्घटना हुई।

तमिलनाडु में अवैध पटाखा फैक्ट्री में धमाका (Photo: ANI)

पुलिस ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस संबंध में जिस मकान में विस्फोट हुआ उसके मालिक समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सत्तूर में वेंबाकोट्टाई पुलिस थानाक्षेत्र के थायिलपट्टी स्थित एक घर में यह धमाका हुआ जहां अवैध पटाखा इकाई का संचालन किया जा रहा था।

इससे पहले फरवरी में विरुधुनगर की ही एक पटाखा फैक्ट्री में आग लग गई थी। हादसे में 19 लोगों की मौत हुई थी और 25 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।

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केरल :

खदान में धमाका, एक व्यक्ति की मौत, चार घायल

केरल के त्रिशूर जिले में सोमवार को एक खदान में विस्फोट होने से एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि चार अन्य घायल हो गए। इनमें से एक की हालत गंभीर है। घटना तलप्पिल्ली तालुक में मुल्लुरकारा पंचायत में गैर-लाइसेंसशुदा खदान में हुई।

विस्फोट में 45 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई जबकि पश्चिम बंगाल के एक व्यक्ति समेत चार अन्य घायल हो गए। घायलों को त्रिशूर में विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

पुलिस ने कहा कि कुछ समय से खदान में काम नहीं चल रहा था क्योंकि उसका लाइसेंस वापस ले लिया गया था। खदान में रखे विस्फोटक में धमाका होने से घटना हुई। पुलिस ने धमाके की वजह का पता लगाने के लिये जांच शुरू कर दी है।

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महाराष्ट्र :

फैक्ट्री में विस्फोट, चार श्रमिकों की मौत

महाराष्ट्र के जालना जिले में सप्ताहांत में एक इस्पात विनिर्माण इकाई में हुए विस्फोट के दौरान घायल हुए चार श्रमिकों की निजी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने सोमवार को बताया कि हादसे में घायल हुए सरोज कुमार कबी, अवधेश कुमार पाला, हेमंत कुमार और श्याम सुंदर यादव की रविवार को मौत हो गई।

महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) क्षेत्र में स्थित सपाश्रृंगी स्टील मिल में शनिवार को एक ब्वॉयलर फट गया और गर्म पिघला हुआ लोहा श्रमिकों पर गिर गया। इस घटना में 10 श्रमिक घायल हुए थे। चार श्रमिकों को जालना के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था जबकि छह अन्य को औरंगाबाद ले जाया गया।

कंपनी के प्रबंधक के खिलाफ कथित लापरवाही के लिए मामला दर्ज हुआ है और जांच हो रही है।

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उत्तरप्रदेश :

विस्फोट से मकान की छत गिरी, एक की मौत

उत्तरप्रदेश के फर्रूखाबाद जिले में अवैध रूप से पटाखा बनाते हुए विस्फोट के बाद रसोई गैस का सिलेंडर फटने से एक मकान ध्वस्त हो गया जिससे एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई तथा दो अन्य जख्मी हो गए।

पुलिस ने सोमवार को बताया कि फर्रुखाबाद-एटा सीमा पर स्थित मेरापुर थाना क्षेत्र के देवसनी गांव में निरंजन लाल के घर में रविवार देर शाम अवैध रूप से पटाखे बनाते समय उनमें विस्फोट हो गया। उसके थोड़ी ही देर बाद घर में रखे रसोई गैस सिलेंडर में भी विस्फोट हो गया।

घटना में घर में आग लग गई और मकान की छत ढह गई। अग्निशमन दल ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया और मलबे को हटाया जिसमें महेश (30) का शव बरामद किया गया।

हादसे में अनुराग (14) और अजीत (13) गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अनुराग, निरंजन का पुत्र है।

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बिजनौर देव रबड़ फैक्ट्री में एक की मौत, दो गंभीर

बिजनौर देव रबड़ फैक्ट्री में गर्म पानी के टैंक का पाइप अचानक फट गया। पानी इतना गरम था कि इसकी चपेट में आने से तीन मजदूर गंभीर रूप से झुलस गए।

बिजनौर: रबड़ फैक्ट्री में हादसा, एक मजदूर की मौत दो गंभीर

फैक्ट्री में मौजूद गार्ड ने तीनों को अस्पताल में भर्ती तो करा दिया लेकिन एक मजदूर की गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया जंहा उसकी मौत हो गई।

ये दुर्घटना नहींहत्या है!

ये चंद घटनाएँ महज बानगी हैं, जो हालत की भयावहता की तस्वीर देते हैं।

बार-बार हादसों और चेतावनियों के बाद भी स्थिति भयावह बनी हुई है। मुनाफे की आंधी हवस में सुरक्षा मानदंडों का पालन किये बगैर खतरनाक फैक्ट्रियों में भी अंधाधुंध उत्पादन होता रहता है। कई फैक्ट्रियाँ अवैध रूप से काम कर रही हैं, जहाँ हादसे तैयार रहते हैं। ये फैक्ट्रियां प्रशासन के सांठ गाठ चलती रहती हैं।

दरहकीक़त, ये दुर्घटना नहीं हत्या है। कातिलों में सत्ता में बैठे लोग शामिल है जिन्होंने ऐसे मज़दूरों की मौत की परिस्थिति बनाई और बनाते ही जा रहे हैं।

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नए श्रम कोड के बाद क्या होगा?

मोदी सरकार लंबे संघर्षों से हासिल मौजूदा कानूनों को चार श्रम कोडों में बदल चुकी है। मजदूरों के देशव्यापी विरोधों के बावजूद सरकार अब उन्हें लागू करने की तैयारी में है। मौजूद कानूनों के समय ये हालत हैं तो श्रम कानूनों के पंगु हो जाने के बाद क्या होगा, समझ जा सकता है।

यह साफ़ है कि मज़दूर वर्ग के लिए झूठे विकास के सपनों के आड़ में वेतन गुलामी, मौत और अंधकार से भरे हुए भविष्य के अलावा कुछ भी नहीं। मज़दूर वर्ग के लिए, मज़दूर वर्ग द्वारा, पूर्ण सामाजिक आर्थिक राजनीतिक बदलाव से, पूंजीवाद से परे एक व्यवस्था में ही सबकी मुक्ति संभव है।