Tag: कविता

इस सप्ताह : पीठ पर बंधा घर !

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शुभकामना / मोती जैसलमेरीदुनिया में सबसे सुंदर सुबह वह होगी, जब हर सैनिक के हाथ में हथियार नहीं, खेल के सामान होंगे।किसी सैनिक का परिवार, डर व आशंका में...

इस सप्ताह : एक काली कविता !

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एक काली कविता / अमिता शीरींमैं काली हूं मैं बहुत काली हूं लेकिन मैं सुन्दर हूं. बहुत सुंदर.बहुत पहले जब आतताइयों ने छीन के फेंक दिया था मुझे मेरी मां...

इस सप्ताह : देवेंद्र कुमार बंगाली की कविताएं !

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हिंदी के विलक्षण कवि देवेंद्र कुमार बंगाली ( 18 जुलाई 33-18जून 1991) बुद्ध भूमि कसया कुशीनगर में पैदा हुए थे। उनके लिखने की शुरूवात...

कविताएँ इस सप्ताह : माफ़ करना !

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माफ करना / महेश केळुसकरहिंदी अनुवाद : उषा वैरागकर आठलेहे आसमानी परमपिता! माफ कर देना उस जाँच आयोग को और न्यायालय को भी। उन्हें भी माफ करना,...

कविताएं इस सप्ताह : मैदान पर पत्तियां सूख रही हैं !

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भूख / कुमार विश्वबंधुभूख जरूरी है खाना खाने के लिए खाना जरूरी है जिन्दा रहने के लिएभले जिन्दा रहना जरूरी न हो सब के लिए, पर जो जिन्दा हैं उनके...

इस सप्ताह की कविता : गरीब अब गहरे जाल में फंस...

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यही मौका है / नबारुण भट्टाचार्य(अनुवाद - लाल्टू)यही मौका है, हवा का रुख है ग़रीबों को भगाने का मज़ा आ गया, भगाओ ग़रीबों को कनस्तर...

इस सप्ताह की कविता : हर दिन फ़ादर मदर का !

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वो शख्स सूरमा है ..मगर बाप भी तो है रोटी खरीद लाया है तलवार बेचकर-मैराज़ फैजाबादीतुम्हारी कब्र पर मैं / निदा फ़ाज़लीतुम्हारी कब्र...

इस सप्ताह : भवानी प्रसाद मिश्र की कविताएँ !

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एक आगमनआता है सूरज तो जाती है रात किरणों ने झाँका है होगा प्रभात नये भाव पंछी चहकते है आजनए फूल मन मे महकते हैं आज नये...

कविताएँ इस सप्ताह : यदि तुम नहीं मांगोगे न्याय !

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यदि तुम नहीं मांगोगे न्याय / कुमार अंबजयह विषयों का अकाल नहीं है यह उन बुनियादी चीजों के बारे में है जिन्हें थक कर या खीझ...

कविताएँ इस सप्ताह : वे इसी पृथ्वी पर हैं !

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वे इसी पृथ्वी पर हैं / भगवत रावतइस पृथ्वी पर कहीं न कहीं कुछ न कुछ लोग हैं जरूर जो इस पृथ्वी को अपनी पीठ...
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