श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी घट रही है: सरकारी रिपोर्ट
महामारी के प्रभाव और व्यापक नौकरी संकट को दर्शाने वाले एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार जुलाई-सितंबर 2020 तिमाही के दौरान भारत में महिला श्रम भागीदारी दर गिरकर 16.1% हो गई, जो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे कम है।

महामारी के प्रभाव और व्यापक नौकरी संकट को दर्शाने वाले एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार जुलाई-सितंबर 2020 तिमाही के दौरान भारत में महिला श्रम भागीदारी दर गिरकर 16.1% हो गई, जो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे कम है।
सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा सोमवार देर रात जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल-जून 2020 तिमाही के दौरान जब भारत ने कोविड -19 वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सख्त लॉकडाउन की घोषणा की थी, उस समय श्रम बल में महिलाओं का भागीदारी प्रतिशत गिरकर 15.5% के निचले स्तर पर आ गया था।
विश्व बैंक के अनुमानों के अनुसार, भारत में दुनिया में सबसे कम महिला श्रम शक्ति भागीदारी दर है। एक तिहाई से भी कम महिलाएं – जिन्हें रिपोर्ट में 15 या उससे अधिक उम्र का माना गया है – काम कर रही हैं या सक्रिय रूप से नौकरी की तलाश कर रही हैं।
विश्व बैंक के अनुमानों के अनुसार, भारत में महिला श्रम भागीदारी दर 2019 में गिरकर 20.3 प्रतिशत हो गई थी, जो 2005 में 26% से अधिक थी, जबकि महिला श्रम भागीदारी दर पड़ोसी बांग्लादेश में 30.5 प्रतिशत और श्रीलंका में 33.7% थी।
भारत में अधिकांश नियोजित महिलाएं ऐसे काम करती हैं जिसमें कम कुशलता की ज़रूरत होती है, जैसे कि खेत और कारखाने में मज़दूरी और घरेलू कामगार का काम और ये को क्षेत्र हैं, जो महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
सितंबर 2020 में समाप्त हुए तिमाही के नवीनतम जारी डेटा के अनुसार पुरुष श्रमिकों के बीच 12.6% की तुलना में महिलाओं के बीच बेरोजगारी दर 15.8 फीसदी तक पहुंच गई।
मई की चरम अवस्था के बाद कोरोनो वायरस संक्रमण के मामलों में गिरावट के बाद राज्य सरकारों द्वारा पाबंदियों में ढील देने के बाद देश में अधिकांश आर्थिक गतिविधियां फिर से शुरू हो गई हैं। सरकारी अधिकारियों ने कहा कि इससे सभी श्रमिकों के लिए अधिक रोजगार सृजित करने में मदद मिलेगी
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में जुलाई माह में बेरोजगारी दर 9.17% के जून के आंकड़े से गिरकर 6.95% हो गई है ।
रायटर्स