पीएम मोदी के क्षेत्र में किसानों का दमन। हथियारबंद पुलिस ने किसानों पर लाठियां बरसाईं, खड़ी फसलों को बुल्डोजर से रौंदा, महिलाओं पर भी पुलिसिया जुल्म के खिलाफ प्रतिरोध सभा। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ट्रांसपोर्टनगर योजना से प्रभावित किसानों पर बर्बर लाठीचार्ज के विरोध में बड़ी तादाद में जुटे किसानों ने प्रदर्शन किया। भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप के बावजूद बैरवन गांव के बगीचे में किसानों का कारवां उतार पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के बैरवन गांव के बगीचे में आयोजित प्रतिरोध सभा में पुलिसिया दमन के खिलाफ किसानों ने जमकर नारेबाजी की और बीजेपी सरकार पर हमला बोला। प्रतिरोध सभा में 16 मई को गिरफ्तार 11 किसानो का फर्जी मुकदमा वापस कर तत्काल रिहाई करने एवं बर्बर पुलिस लाठीचार्ज एवं दमनात्मक कार्रवाई मे संलिप्त दोषियो पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई। पुलिसिया दमन के खिलाफ न्यायिक जांच का प्रस्ताव पारित किया गया। क्या है मामला? दरअसल, वाराणसी के मोहनसराय स्थित ट्रांसपोर्ट नगर योजना को लेकर किसान आंदोलित हैं। इस योजना के लिए मोहनसराय के बैरवन करनाडाडी में 20 वर्ष पहले 89 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन अधिग्रहीत हुई थी। अब जमीन अधिग्रहीत की जा रही है लेकिन मुआवजा पुराने दर पर दिया जा रहा है। जबकि किसान वर्तमान दर से मुआवजा मांग रहे हैं। इस मामले में 17 मई 2023 को इलाहाबाद हाईकोर्ट में फैसले की तारीख तय थी। लेकिन इससे एक दिन पहले ही 16 मई को बुल्डोजर लगाकर दमनात्मक तरीके से किसानों की जमीनों पर कब्जा करने की कोशिश की गई। जिसका किसानों ने प्रतिरोध किया। फिलहाल इस घटना के बाद हाईकोर्ट ने इस कार्रवाई पर रोक लगा दी है। उजाड़े जा रहे किसानों का ही बर्बर दमन दरअसल बीते 16 मई को ट्रांसपोर्टनगर योजना से प्रभावित किसानों के खेतों में खड़ी फसलों को रौंदे जाने पर पुलिस और किसानों के बीच तीखी झड़प हुई थी। बाद में पुलिस के जवानों ने निर्दोष किसानों पर जमकर लाठीचार्ज किया। इस घटना के बाद पुलिस ने बैरवन गांव में पहुंचकर तांडव मचाया। आधी रात में महिलाओं पर जोर-जुल्म ढाया गया। इस बीच करीब एक दर्जन किसानों को गिरफ्तार कर लिया गया। ट्रांसपोर्टनगर योजना रोहनिया विधानसभा क्षेत्र में है। यहाँ का विधायक बीजेपी समर्थक अपना दल के डॉ.सुनील पटेल हैं तो सांसद पीएम नरेंद्र मोदी हैं। किसानों में भयावह गुस्सा, न्यायिक जांच की माँग ट्रांसपोर्टनगर योजना से प्रभावित किसानों पर पुलिसिया अत्याचार और जुल्म-ज्यादती के खिलाफ बनारस के किसान गुस्से में हैं। आरोप है कि पटेल समुदाय के लोगों को निशाना बनाकर पुलिस ने लाठियां बरसाईं। पुलिसिया दमन के खिलाफ किसानों ने न्यायिक जांच और गिरफ्तार किए निर्दोष किसानों की रिहाई की मांग उठाई गई। मोहनसराय किसान संघर्ष समिति के संरक्षक किसान नेता विनय शंकर राय "मुन्ना" ने न्यायिक जांच की मांग का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से पास किया गया। इसके लिए शासन और प्रशासन को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया गया। पुलिस की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई और वाराणसी विकास प्राधिकरण की तानाशाही रवैये के खिलाफ किसान खूब गरजे। महिलाओं ने सुनाई पुलिसिया अत्याचार की कहानी किसान प्रतिरोध सभा में लाठीचार्ज में बुरी तरह घायल राधा देवी, सुनीता पटेल, उर्मिला देवी, जगरानी देवी, पूनम पटेल, साधना पटेल, वर्षा पटेल, शकुन्तला देवी, अनीता पटेल, छेदी पटेल, कल्लू पटेल, प्यारे पटेल, राहुल पटेल, संजय पटेल आदि ने सभा में अपने ऊपर हुए पुलिसिया अत्याचार की कहानी सुनाई। किसानों के हक-हकूक पर डाका डाल रही है मोदी सरकार प्रतिरोध सभा में वक्ताओं ने कहा कि बीजेपी सरकार कमेरा समाज की जमीनें लूट रही है। भूमि अर्जन एवं पुनर्वास कानून 2013 का उल्लंघन कर किसानों के हक-हकूक पर डाका डाल रही है। किसानों की उपजाऊ जमीन लूटकर गुजरात के लोगों को कौड़ियों के दाम पर दिया जा रहा है। प्रतिरोध करने पर हथियारबंद पुलिस ने किसानों पर लाठियां बरसाईं। रात में बैरवन गांव में पुलिस ने मां, बहनों और बेटियों की इज्जत व आबरू पर डाका डाला। जिन किसानों को अभी मुआवजा भी नहीं मिला था उनकी जमीनों पर खड़ी फसलों को बुल्डोजर से रौंदा गया। वक्ताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क्षेत्र में किसानों का दमन जुल्म-ज्यादती की सीमा को तोड़ता जा रहा है। सरकार की चुप्पी से यह बात प्रमाणित होती है कि उसकी सह पर ही किसानों का दमन किया जा रहा है। किसानों पर जुल्म-ज्यादती सहन नहीं किया जाएगा। घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इस मुद्दे को लेकर सड़क से सदन तक संघर्ष किया जाएगा। किसानों को रिहा करो, जुल्मी पुलिस को गिरफ्तार करो! किसान प्रतिरोध सभा की अध्यक्षता गांधीवादी नेता रामधीरज और संचालन गगन प्रकाश यादव ने किया। किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पटेल, पूर्वांचल किसान यूनियन के अध्यक्ष योगीराज पटेल समेत बड़ी संख्या में किसानों ने हुंकार भरी। गिरफ्तार किसानों की रिहाई और जुल्म-ज्यादती के पर्याय बने पुलिस अफसरों के खिलाफ एक्शन लेने की मांग उठाई। प्रतिरोध सभा में अपना दल (कमेरावादी), कांग्रेस, सपा सहित तमाम विपक्षी नेताओं तथा पूर्व व वर्तमान विधायकों ने भी आक्रोश जताया।