Tag: उदारीकारण
उदारीकरण के साथ सांप्रदायिकता-जातिवाद का फन फैलाता जहरीला नाग
जैसे-जैसे देश और दुनिया के मुनाफाखोरों के लिए देश का बाजार चारागाह बनता गया, जनता की बुनियादी जरूरतों- रोजी-रोटी का संकट बढ़ता गया और...
तीन दशक में महँगाई आसमान पर : यात्रा, दवा-इलाज ही नहीं,...
1982 की तुलना में आज साधारण चावल 2 रुपए से 32 रुपए, मसूर की दाल 4 रुपए से 120 रुपए, सरसों का तेल 12...
उदारीकारण के 3 दशक : मुट्ठीभर अमीरजादों के बनते ऐशगाह के...
80 के दशक में मुनाफे का एक रुपया मालिक की जेब में जाता था तो 2 रुपए 70 पैसे मज़दूर व अधिकारियों के हिस्से...
उदारीकरण के तीन दशक : मेहनतकश जनता की तबाही का कौन...
उदारीकारण-वैश्वीकरण की नीतियों और "विकास" के नारों के बीते तीन दशक मे विकास की सच्चाई क्या है? किसका हुआ विकास, कौन हुआ कंगाल? भ्रष्टाचार...