रुद्रपुर: बंद फैक्ट्री अपैक्स (एरा) फिर खुली; मज़दूरों ने कार्यबहाली के लिए किया सत्याग्रह

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रुद्रपुर (उत्तराखंड)। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत आज 2 मार्च को अपेक्स बिल्डसिस लिमिटेड, सेक्टर -09, प्लॉट न 11, सिडकुल पंतनगर के स्थाई श्रमिकों द्वारा अपने परिवारिजनों के साथ मिलकर गाँधी पार्क रुद्रपुर में एकदिवसीय मजदूर सत्याग्रह का कार्यक्रम किया गया। कम्पनी की हुईं नीलामी में वर्णित शर्त के अनुसार कम्पनी में कार्यरत सभी 102 स्थाई श्रमिकों की तत्काल कार्यबहाली कराके उत्पादन कार्य प्रारम्भ करने की अपील की गईं।

एरा श्रमिक संगठन के बैनर तले हुए इस कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि अपैक्स (पूर्व नाम एरा) कम्पनी मालिक ने जुलाई 2017 को कम्पनी की अचानक मिलबंदी कर दी थी। 102 स्थाई मजदूरों को बेरोजगार करके बच्चों सहित भविष्य अंधकारमय कर दिया था। मजदूरों की यूनियन ने विगत 8 साल के दौरान लेबर कोर्ट, हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और NCLT कोर्ट की दिल्ली शाखा में निरंतर कानूनी संघर्ष जारी रखा।

अंततः NCLT कोर्ट की दिल्ली शाखा के आदेश और संरक्षण में कंपनी की नीलामी (ऑक्सन) की प्रक्रिया पूरी हुईं। नीलामी प्रक्रिया में वर्णित शर्त के अनुसार क्रेता कंपनी मालिक ने विक्रेता कम्पनी मालिक से उपरोक्त 102 स्थाई श्रमिकों सहित कम्पनी को खरीदा गया है। वर्तमान समय में कम्पनी का मेन्टीनेन्स का कार्य पूर्ण हो चुका है।

जब मजदूरों की रजिस्टर्ड यूनियन द्वारा पत्र भेजकर और मुलाक़ात करके उच्च अधिकारीयों से नीलामी शर्त के अनुसार 102 स्थाई श्रमिकों को कार्य पर बहाल करने का अनुरोध किया तो वो भड़क गए। इसके पश्चात् यूनियन ने श्रम विभाग में शिकायत की। श्रम विभाग ने इसकी जाँच श्रम प्रवर्तन अधिकारी रुद्रपुर से कराई तो यूनियन की बात सच निकली। श्रम प्रवर्तन अधिकारी की जाँच रिपोर्ट के आधार पर सहायक श्रमायुक्त महोदया, ऊधम सिंह नगर ने कम्पनी को उपरोक्त 102 स्थाई मजदूरों को काम पर बहाल करने हेतु नोटिस जारी किया गया। किन्तु एक डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी मजदूरों को ना तो काम पर बहाल किया गया है और ना कम्पनी में उत्पादन शुरू किया गया है।

सुनाई दे रहा है कि श्रम विभाग द्वारा की गईं उपरोक्त कार्यवाही के बाद कम्पनी मालिक ने कम्पनी का उत्पादन कार्य शुरू करने को तीन माह और आगे बढ़ा दिया है। जबकि पहले मार्च 2025 से उत्पादन कार्य शुरू होना था जिसे अब जून माह तक के लिए टाल दिया गया है।

वक्ताओं ने कहा कि अपेक्स कम्पनी के ऊपर विभिन्न बैंकों का भारी कर्ज चढ़ा हुआ था। कम्पनी ने सिडकुल का बकाया किराया भाड़ा तक लम्बे समय से नहीं चुकाया था। इससे पिंड छुड़ाने के लिये मालिक ने कम्पनी को दिवालिया घोषित कर दिया। कम्पनी NCLT की दिल्ली शाखा चली गईं।

नीलामी की लम्बी प्रक्रिया के बाद आख़िरकार कम्पनी की नीलामी हुईं। कम्पनी मालिक उपरोक्त भारी भरकम कर्ज से मुक्त हो गए। उक्त कर्ज का चूना बैंकों के उक्त ऋण पर लगा और सरकारी संस्थाओं पर लगा। जनता के टैक्स से जमा राजकोष पर और ग्राहकों की गाढ़ी कमाई के पेंसों से चल रहे बैंकों की बैलेंस सीट पर लगा।

आजकल यह आम परिघटना बन चुकी है कि बड़े बड़े पूँजीपति बैंकों से हजारों करोड़ का ऋण लेते हैं। फिर कम्पनी को दिवालिया घोषित करके NCLT में चले जाते हैं। जहाँ चली नीलामी प्रक्रिया के तहत भारी भरकम ऋण से छुटकारा पा जाते हैं। ज्यादातर मामलों में दिवालिया कम्पनी मालिक द्वारा अपनी किसी दूसरी इकाई के द्वारा या साझेदार द्वारा ही दिवालिया कम्पनी को नीलामी के दौरान खरीद लिया जाता है। बैंकों और सरकारी संस्थाओं के हजारों करोड़ रुपये के ऋण से नीलामी के दौरान नाममात्र की राशि चुकाकर छुटकारा पा लिया जाता है।

NCLT में कम्पनियों के दिवालिया होने और नीलामी होने के ज्यादातर मामले ऐसी ही छल कपट और साजिशों से भरे रहते हैं। जिनमें कम्पनी मालिकों के दोनों हाथ में लड्डू आते हैं। गरीब मजदूरों को NCLT द्वारा पूरी तरह से नजरअंदाज करके भूखों मरने को छोड़ दिया जाता है।

अपेक्स कंपनी में भी ऐसा ही प्रतीत हो रहा है। क्रेता कम्पनी मालिक द्वारा कम्पनी के उपरोक्त 102 स्थाई मजदूरों को कार्य पर बहाल ना करना और उत्पादन कार्य शुरू ना करना कम्पनी की नीलामी प्रक्रिया में वर्णित शर्तों का घोर उल्लंघन है।

एरा श्रमिक संगठन के महामंत्री दिनेश कुमार ने कहा कि हम क्रेता कम्पनी मालिक से और शासन प्रशासन से निवेदन करते हैं कि नीलामी शर्तों के अनुसार कम्पनी के उक्त 102 स्थाई श्रमिकों को तत्काल कार्य पर बहाल करके उत्पादन कार्य प्रारम्भ किया जाये। अन्यथा मजदूर आंदोलन तेज करने को बाध्य होंगे।

आज के कार्यक्रम को एरा श्रमिक संगठन के महामंत्री दिनेश कुमार, इंट्रार्क मज़दूर संगठन ऊधम सिंह नगर के महामंत्री सौरभ कुमार, सीएसटीयू के महासचिव मुकुल, इंकलाबी मज़दूर केन्द्र के पूर्व अध्यक्ष कैलाश भट्ट, शहर सचिव दिनेश चंद्र, श्रमिक संयुक्त मोर्चा ऊधम सिंह नगर के महासचिव चन्द्र मोहन लखेड़ा, करोलिया लाइटिंग इम्प्लाइज यूनियन के अध्यक्ष हरेन्द्र सिंह, डेल्टा इम्प्लाइज यूनियन के विद्यासागर, नैस्ले श्रमिक संगठन के अध्यक्ष राजदीप बटला, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के राजेश तिवारी, देना इंडिया श्रमिक संध के कपिल चौहान आदि ने सम्बोधित किया।

संचालन एरा श्रमिक संगठन के संरक्षक सुरेंद्र सिंह ने किया। कार्यक्रम में भरत जोशी, सुनील देवल, उपेंद्र राय, इंद्रदेव, बुद्ध सेन, सुरेश कुमार, गंगा देवी, रेखा देवी, ईशरा देवी, शंकर दत्त जोशी, भूप राम, झम्मन लाल सहित भारी संख्या में मजदूर और उनके परिजन शामिल थे।

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