अमेरिका के 50 राज्यों के 120 स्थानों पर 150 से अधिक समूहों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के ख़िलाफ़ ‘हैंड्स ऑफ!’ विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें नागरिक अधिकार संगठन, श्रमिक संघ, एलबीजीटीक्यू+ समर्थक, चुनाव कार्यकर्ता आदि शामिल थे. प्रदर्शनकारी सामाजिक से लेकर आर्थिक एजेंडे तक ट्रंप की नीतियों से नाख़ुश हैं. नई दिल्ली: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अरबपति एलन मस्क के देश चलाने के तौर-तरीके से नाराज लाखों लोगों ने शनिवार को अमेरिका के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया. जनवरी 2025 में ट्रंप के पदभार संभालने के बाद से उनके विरोध में यह अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन बताया जा रहा है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 50 अमेरिकी राज्यों के 1,200 से अधिक स्थानों पर ‘हैंड्स ऑफ!’ विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए. शनिवार को राज्य की राजधानियों, संघीय भवनों, कांग्रेस कार्यालयों, सामाजिक सुरक्षा के मुख्यालयों सहित बोस्टन, शिकागो, लॉस एंजिल्स, न्यूयॉर्क और वाशिंगटन डीसी जैसे अन्य शहरों में प्रदर्शनकारियों की भीड़ उमड़ी. प्रदर्शन कर रहे उदारवादी (Liberal) प्रदर्शनकारी सामाजिक से लेकर आर्थिक एजेंडे तक ट्रंप की नीतियां से नाखुश थे. एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ‘हैंड्स ऑफ!’ विरोध प्रदर्शन 150 से अधिक समूहों द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें नागरिक अधिकार संगठन, श्रमिक संघ, एलबीजीटीक्यू+ के पक्षधर, चुनाव कार्यकर्ता और अन्य शामिल थे. ट्रंप और मस्क के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल एक संगठन इंडिविजिबल के अनुसार, लंदन और पेरिस में विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए 600,000 से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर किए थे. ट्रंप और मस्क की डोज (DOGE), अर्थव्यवस्था, आव्रजन और मानवाधिकारों से संबंधित नीतियों के विरोध में ये प्रदर्शन हो रहे हैं. ‘द हैंड्स ऑफ!’ विरोध प्रदर्शनकारियों ने तीन मांगें रखी है- ट्रंप प्रशासन में अरबपतियों के कब्जे और भ्रष्टाचार का अंत, मेडिकेड, सामाजिक सुरक्षा और अन्य कार्यक्रमों जिन पर लोग निर्भर हैं.. उसके लिए धन में कटौती को रद्द करना, और ट्रांस लोगों, आप्रवासियों और अन्य समुदायों पर हमलों को रोकना. रिपोर्ट के अनुसार, ह्यूमन राइट्स कैंपेन एडवोकेसी ग्रुप के अध्यक्ष केली रॉबिन्सन ने वाशिंगटन के विरोध प्रदर्शन में बोलते हुए ट्रंप प्रशासन द्वारा एलबीजीटीक्यू+ समुदाय के साथ किए जा रहे व्यवहार की आलोचना की. उन्होंने कहा, ‘हम जो हमले देख रहे हैं, वे सिर्फ़ राजनीतिक नहीं हैं, वे व्यक्तिगत हैं. वे हमारी किताबों पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं, वे एचआईवी रोकथाम फंड में कटौती कर रहे हैं, वे हमारे डॉक्टरों, शिक्षकों, हमारे परिवारों और हमारे जीवन को अपराधी बना रहे हैं. यह डोनाल्ड ट्रंप का अमेरिका है और यह मुझे पसंद नहीं है. हम यह अमेरिका नहीं चाहते. हम वह अमेरिका चाहते हैं जिसके हम हकदार हैं, जहां सम्मान, सुरक्षा और स्वतंत्रता हममें से कुछ लोगों की नहीं, बल्कि हम सभी की है.’ न्यूयॉर्क शहर के मिडटाउन मैनहट्टन में हज़ारों लोगों ने मार्च निकाला. मैसाच्युसेट्स के बोस्टन में हज़ारों लोग इकट्ठा हुए और अपने हाथों में ‘हैंड्स ऑफ’, ‘हमारे लोकतंत्र से हाथ हटाओ’, ‘हमारे सामाजिक सुरक्षा से हाथ हटाओ’ और ‘विविधता समानता समावेशन अमेरिका को मजबूत बनाता है’ जैसे नारे लिखे हुए पोस्टर पकड़े हुए थे. फ्लोरिडा के पोर्ट सेंट लूसी के आर्चर मोरन ने कहा, ‘उन्हें हमारी सामाजिक सुरक्षा से दूर रहना चाहिए, और जिन चीज़ों से उन्हें दूर रहना चाहिए उसकी सूची बहुत लंबी है.’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘यह शानदार है कि उनके पदभार ग्रहण करने के कितनी जल्दी बाद से ये विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए.’ विरोध प्रदर्शनों के बारे में पूछे जाने पर ह्वाइट हाउस ने एक बयान में कहा, ‘राष्ट्रपति ट्रंप की स्थिति स्पष्ट है.. वह हमेशा हकदार लाभार्थियों के लिए सामाजिक सुरक्षा, मेडिकेयर और मेडिकेड की रक्षा करेंगे. वहीं, डेमोक्रेट्स का रुख अवैध विदेशियों को सामाजिक सुरक्षा, मेडिकेड और मेडिकेयर लाभ देना है, जो इन कार्यक्रमों को दिवालिया कर देगा और अमेरिकी वरिष्ठ नागरिकों को बर्बाद कर देगा.’