महाराष्ट्र परिवहन कर्मियों की हड़ताल 50 दिन से जारी

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एस टी कर्मियों की विभिन्न मांगों के साथ ही मुख्य मांग सरकारी विभाग में विलय की है। राज्य भर में कर्मचारियों की हड़ताल के कारण बसेस बंद है और आवाजाही बुरी तरह प्रभावित है।

नागपुर. अब तक की सबसे बड़ी एसटी हड़ताल के लिए आगामी 17 और 20 दिसम्बर की तिथि बहुत महत्वपूर्ण है. इन्हीं दिनों में हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला आएगा. इसी के आधार पर हड़ताल की आगामी रूपरेखा तय होगी.

कर्मचारियों का कहना है कि सरकार कोर्ट में यह बताने की कोशिश करेगी कि 50 प्रतिशत से अधिक कर्मचारी उसके साथ हैं. हड़ताल में सिर्फ 20 से 30 प्रतिशत कर्मचारी ही शामिल हैं. इसके पीछे सरकार की मंशा है कि अगर वह यह सबित करने में सफल हो जाती है तो हड़ताल को खत्म कराने के प्लान में सफलता मिल सकती है.

लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि वे भी साबित कर देंगे कि इस हड़ताल में करीब 70 प्रतिशत कर्मचारी शामिल हैं. उनका कहना है कि हड़ताल केवल इसी आधार पर जारी रह सकती है जब उसमें शामिल कर्मचारियों की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक हो. एक तरफ यह हड़ताल सरकार के लिए सिरदर्द बनी हुई है तो दूसरी तरफ कर्मचारी भी पूरे जोश से आपदाओं का सामना कर रहे हैं.

उनका कहना है कि वे किसी राजनीतिक पार्टी का संरक्षण नहीं ले रहे हैं. खुद के दम पर आंदोलन किया जा रहा है जिसमें आने वाले खर्चे को वे स्वयं वहन कर रहे हैं. मुंबई के आजाद मैंदान में चल रही हड़ताल में शामिल होने के लिए शहर के प्रतिदिन 60 से 70 कर्मचारी जा रहे हैं. जिससे सरकार पर दबाव बनाकर समस्या का हल निकाला जा सके.

कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर प्रशासन भी अब सख्त हो रहा है. बुधवार को 7 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. 11 लोगों को मंगलवार को नोटिस जारी किया गया था. इस तरह 2 दिनों में  18 कर्मचारियों को नोटिस जारी किया गया है. बुधवार को 7 बसें चलाई गईं. इन्होंने 22 फेरियां लगाईं और 1,248 किलोमीटर का सफर तय किया. इनमें करीब 998 लोगों ने यात्रा की.

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