यूपी: डायल 112 हेल्पलाइन महिला कर्मियों का वेतन वृद्धि को लेकर प्रदर्शन, दर्ज हो गया मुक़दमा

हक़ के लिए सड़क पर उतरी आपातकालीन हेल्पलाइन की महिला कर्मियों पर पुलिस ने बलवा भड़काने, प्रदर्शन कर रास्ता बाधित करने समेत कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की आपातकालीन हेल्पलाइन ‘डायल 112’ की कई महिला कर्मचारियों ने मंगलवार को बेहतर वेतन और अन्य लाभों की मांग करते हुए लखनऊ मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
द हिंदू के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की मांग करने पर कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया.
विरोध करने वाले कर्मचारियों में से एक सोनल ने बताया, ‘हम पिछले सात सालों से एक ही वेतन पर काम कर रहे हैं. अब हमारी मांग 18,000 रुपये इन-हैंड वेतन, साप्ताहिक अवकाश और महीने में दो सवेतन अवकाश की हैं.’
डायल 112, हेल्पलाइन राज्य में किसी भी तत्काल सहायता- पुलिस, एम्बुलेंस, अग्निशमन और अन्य आपातकालीन सेवाओं के लिए मदद देती है.
प्रदेश में विपक्ष के नेता और समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस प्रदर्शन को लेकर सरकार पर निशाना साधा और संविदा कर्मचारियों की हिरासत को शर्मनाक और निंदनीय बताया.
अखिलेश ने कर्मियों की मांगों का पत्र और प्रदर्शन की एक तस्वीर साझा करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, ‘ये ‘डायल 100’ के किसी एक ‘संवाद अधिकारी’ का ‘पीड़ा-पत्र’ नहीं है बल्कि हर एक का है. मुख्यमंत्री जी से मिलने से पहले ही रात भर ठंड में बैठकर अपनी मांग करने वाली बहन-बेटियों को सुबह हिरासत में ले लिया गया. भाजपा का नारी वंदन का सत्य रूप ‘नारी बंधन’ है. शर्मनाक, निंदनीय, असहनीय!’
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘अब सुनने में आया है कि ‘डायल 100’ का ठेका भी पोर्ट, एयरपोर्ट, रेल की तरह किसी ‘प्रिय पार्टनर’ को दिया जा रहा है . महिलाओं को आरक्षण देने की बात करने वाले उन्हें हिरासत दे रहे हैं. कहीं नाम बदलने वालों ने ‘आरक्षण’ का नाम ‘हिरासत’ तो नहीं कर दिया है.’
अमर उजाला के अनुसार, पुलिस ने कई प्रदर्शनकारी कर्मचारियों के खिलाफ नामजद और 200 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसमें उन पर बलवा भड़काने, प्रदर्शन कर मार्ग बाधित करने, आपातकालीन सेवा बाधित करने और सरकारी निर्देशों के उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं.
अख़बार के मुताबिक, सोमवार दोपहर से यह प्रदर्शन शुरू हुआ था, जहां मुख्यालय पर धरना दे रही महिलाओं को हटाने के लिए पुलिस ने अमानवीय तरीके अपनाए. सोमवार रात में न सिर्फ उन्हें पानी लेने से रोक दिया, बल्कि उनके वॉशरूम पर ताला भी लगा दिया गया.
हालांकि, प्रदर्शनकारी महिलाएं धरने पर बैठी रहीं और मंगलवार सुबह सीएम आवास जाने का प्रयास किया. इस दौरान उनकी पुलिस से तीखी झड़प देखी गई. इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सड़क पर घसीटकर बसों डाला और ईको गार्डन भेज दिया. बताया गया कि पुलिस के बलप्रयोग से एक महिला बेहोश हुईं और एक गर्भवती की हालत बिगड़ गई. इनके अलावा कई महिलाओं ने चोटिल होने की बात भी कही है
आज तक की रिपोर्ट बताती है कि ईको गार्डन में महिलाओं का प्रदर्शन जारी है. यूपी डायल 112 में आउटसोर्स में करीब छह सौ महिलाएं काम काम करती हैं, जिसमें से तकरीबन सौ कर्मी प्रदर्शन कर रही हैं.
वेबसाइट के अनुसार, प्रदर्शन और बवाल के बीच डायल 112 का प्रभार संभाल रहे एडीजी अशोक कुमार सिंह से लेकर आईपीएस नीरा रावत को दे दिया है, जो 1090 हेल्पलाइन का संचालन देखती हैं.
प्रदर्शनकारी महिलाएं नियुक्ति पत्र दिए जाने की मांग भी कर रही हैं. ऐसा बताया जा रहा है कि वे जिस आउटसोर्सिंग कंपनी के लिए काम कर रही थीं, उसका क़रार खत्म हो गया है और नई कंपनी को टेंडर दे दिया गया है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्हें नियुक्ति पत्र दिए जाने की जगह नई भर्ती भी शुरू कर दी गई है. धरने पर बैठी कर्मियों ने कंपनी के सीईओ और ज़िम्मेदार लोगों को बुलाने की मांग भी की है.
द वायर से साभार