रामनगर: सरकारी आयुर्वेदिक दवा फैक्ट्री IMPCL बेचने के खिलाफ 20 नवंबर को मज़दूर देंगे धरना

भारी मुनाफे के बावजूद फैक्ट्री बेचने से मज़दूरों में आक्रोश। ठेका श्रमिकों को फैक्ट्री में स्थाई नियुक्ति देने तथा पीएफ, बोनस तथा अन्य देय राशियों के तत्काल भुगतान की भी माँग।

रामनगर (उत्तराखंड)। सरकारी आयुर्वेदिक दवा कारखाने आईएमपीसीएल, मोहान, जिला अल्मोड़ा के विनिवेश पर रोक लगाने व ठेका मज़दूरों की पीएफ व अन्य बकाया राशि के भुगतान की मांग को लेकर ठेका मज़दूर कल्याण समिति ने आगामी 20 नवंबर को मोहान स्थित कारखाना गेट पर प्रातः 11 बजे से धरना-प्रदर्शन आयोजित करने की घोषणा की है।

5 नवंबर को पैठ पड़ाव में कारखाना मज़दूरों की आयोजित बैठक में समिति के अध्यक्ष किशन शर्मा ने कहा कि यह मजदूर की जबरदस्त मेहनत का ही परिणाम है कि पिछले वर्ष आईएमपीसीएल ने 45 करोड रुपए का मुनाफा अर्जित किया है। कोरोना लॉकडाउन के दौरान भी कारखाना मुनाफे में चल रहा था। सरकार लोगों के लिए नए रोजगार पैदा करने की जगह मुनाफे में चल रहे सार्वजनिक संस्थाओं को भी पूंजीपतियों को बेच देने पर आमादा है।

समाजवादी लोकमंच के संयोजक मुनीष कुमार ने बताया कि विगत 30 अक्टूबर को कारखाने को बेचे जाने हेतु निविदाएं आमंत्रित की गई थी। हरियाणा की कम्पनी रिसर्जेट इंडिया को आईएमपीसीएल बेचने के लिए नियुक्त किया गया है।

उन्होंने कहा कि आईएमपीसीएल को मिनी नवरत्न का दर्जा प्राप्त है तथा इस कारखाने से केवल मजदूर ही नहीं बल्कि क्षेत्र के किसान तथा अन्य लोगों की भी  जीविका जुड़ी हुई है। इस कारखाने के बिकने से उत्तराखंड से पलायन और भी अधिक बढ़ेगा अतः इसके विनिवेश को रोका जाना चाहिए।

शेखर आर्य ने कहा कि पीएफ कार्यालय में 6 वर्ष तक हुई सुनवाई के बाद मजदूरों के 1.12 करोड रुपए पीएफ आयुक्त द्वारा कारखाने से वसूली की गई थी परंतु कारखाना प्रबंधन विद्वेष में इस धनराशि को श्रमिकों को देने के लिए फॉर्म-19 अग्रसारित नहीं कर रहा है।

उन्होंने कहा कि सभी ठेका श्रमिकों को कारखाने में नियमित नियुक्ति दी जाए तथा उनकी पीएफ, बोनस तथा अन्य देय राशियों का तत्काल भुगतान किया जाए।

बैठक में पीतांबर लाल, गोविंदराम, ख्यालीराम, मंजू भट्ट, रमेश चंद्र, संतोष कुमार, प्रकाश, भूपेंद्र कुमार, चंपा रावत, लज्जावती पुष्पा देवी, हरिराम भवानी राम, समीर आदि बड़ी संख्या में श्रमिक उपस्थित थे।

%d bloggers like this: