नेस्ले पंतनगर श्रमिकों के पक्ष में ऑल इंडिया नेस्ले वर्कर्स फेडरेशन का सभी प्लांटों में आंदोलन का नोटिस

एक साल से पंतनगर में लंबित है माँगपत्र। नेस्ले इंडिया के बिचोलियम, टाहलीवाल, समालखा, पोंडा, चोलाडी, नंजनगुड व पंतनगर प्लांटों में 3 अक्टूबर से शुरू होगा विरोध कार्यक्रम।
नेस्ले इंडिया पंतनगर में करीब एक साल से लंबित माँगपत्र पर प्रबंधन की लगातार जारी हठधर्मिता से नाराज ऑल इंडिया नेस्ले वर्कर्स फेडरेशन (AINWF) ने नेस्ले इंडिया के शीर्ष प्रबंधन को भारत के सभी सात प्लांटों में आंदोलन का नोटिस दिया है।
फेडरेशन, जिससे नेस्ले इंडिया की सभी यूनियनें सम्बद्ध हैं, विवाद के समाधान के लिए लगातार प्रयासरत रहा। उसने शीर्ष प्रबंधन को तीन पत्र भेजे, लेकिन प्रबंधन की हठधर्मिता कायम रही। अंततः नेस्ले इंडिया के सभी सात प्लांटों की समस्त यूनियन प्रतिनिधियों की ऑनलाइन बैठक में विरोध पत्र देने का निर्णय बना।
प्रबंधन को फेडरेशन द्वारा भेजे पत्र में दो चरणों में आंदोलन/विरोध कार्यक्रम की सूचना दी गई है। इसके तहत 3 से 12 अक्टूबर तक सभी यूनियनों की पूरी कार्यकारिणी द्वारा प्रतिरोध कार्यक्रम लिए जाएंगे। यदि फिर भी प्रबंधन का अड़ियल रुख बना रहा तो 16 से 31 अक्टूबर तक भारत स्थित सभी प्लांटों के समस्त मज़दूर प्रतिरोध कार्यक्रम में शामिल होंगे।
यदि प्रबंधन फिर भी नहीं चेता और अन्य इकाइयों के समान 1 जनवरी से समझौता लागू करने और माँगपत्र का सर्वमान्य समाधान न निकलने पर फेडरेशन कोई कठोर फैसला ले सकता है।
एक साल से माँगपत्र लंबित
नेस्ले पंतनगर इकाई की दोनों यूनियनों- नेस्ले मज़दूर संघ व नेस्ले कर्मचारी संगठन ने प्रबंधन को नए समझौते के लिए 5 सितंबर 2022 को मांग पत्र दिया था। लेकिन पंतनगर प्रबंधन की हठधर्मिता के कारण एक साल से विवाद और गतिरोध लगातार जारी है।
यूनियन प्रतिनिधियों के अनुसार प्रबंधन ने 2020 के समझौते के कुछ बिंदुओं का भी उल्लंघन किया है, जिसका विवाद भी श्रम अधिकारी के पास लंबित है। उधर प्रबंधन द्वारा मज़दूरों पर दबाव बनने के लिए कई श्रमिकों को फर्जी आरोप पत्र देने, घरेलू जांच के बहाने परेशान करने का क्रम जारी है।
यही नहीं, शांतिपूर्ण वैधानिक प्रदर्शन को रोकने के लिए प्रबंधन की सह पर जिला प्रशासन व पुलिस ने जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी, धरना रोकने का प्रयास किया और दोनों यूनियन के 10 प्रतिनिधियों पर कथित शांतिभंग के तहत धारा 107-116 के तहत पाबंद कर दिया था।
उधर श्रमिक संघर्ष लगातार जारी है। प्रबंधन की हठधर्मिता के विरोध में दोनों यूनियनों की वार्ताकार टीम 2 फरवरी से भूखे रहकर कार्य कर रही है। कोई समाधान न निकालने से प्लांट के समस्त श्रमिको ने भी भूखे पेट अपनी शिफ्ट में काम शुरू किया। लेकिन प्रबंधन बेरहमी से इसकी अनदेखी करता रहा।
इस बीच 24 मई को नेस्ले पंतनगर गेट पर आयोजित एक दिवसीय धरना कार्यक्रम में नेस्ले फेडरेशन के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। इन्हीं स्थितियों में मज़दूरों का शांतिपूर्ण विरोध कार्यक्रम जारी है। अब फेडरेशन ने आंदोलन की कमान संभाली है।
फेडरेशन ने नेस्ले इंडिया प्रबंधन को भेजा विरोध पत्र
ऑल इंडिया नेस्ले वर्कर्स फेडरेशन (AINWF) के अध्यक्ष मुंगेश और सचिव सतेंद्र द्वारा नेस्ले इंडिया के हेड ऑफिस गुड़गांव विरोध पत्र भेजा गया है।


पत्र में लिखा है कि 17 जुलाई 2023 को हुई फेडरेशन की बैठक में नेस्ले की सभी सात इकाइयों की ओर से पारित प्रस्ताव के तहत फेडरेशन ने मांग रखी थी कि पंतनगर के समझौते को अन्य सभी नेस्ले की इकाइयों के समान 1 जनवरी 2023 से लागू किया जाना चाहिए। परंतु अत्यंत क्षोभ का विषय है कि प्रबंधन मामले को सुलझाने की जगह आइडियल रुख के साथ अनिच्छुक दिखा।
फेडरेशन द्वारा प्रबंधन को समझाने के समस्त प्रयास के बावजूद प्रबंधन के अडियल और नकारात्मक रुख से सौहार्दपूर्ण समाधान का कोई रास्ता नहीं निकला सका। ऐसे में अत्यंत दुख से सूचित करना पड़ रहा है कि अब विरोध कार्रवाई शुरू करने के अलावा कोई भी दूसरा विकल्प नहीं है।
फेडरेशन ने 11 सितंबर 2023 को हुई बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है कि फेडरेशन से जुड़े सातों प्लांट की सभी यूनियनों की कार्यकारिणी द्वारा उत्पादन कार्य को प्रभावित किए बिना 3 अक्टूबर 2023 से 12 अक्टूबर तक पहले चरण में विरोध प्रदर्शन होगा।
यदि फिर भी प्रबंधन का अड़ियल रुख बना रहा तो 16 से 31 अक्टूबर तक भारत स्थित समस्त सात प्लांटों के फेडरेशन से जुड़े सभी सदस्य/ श्रमिक प्रतिरोध कार्यक्रम में शामिल होंगे।
नेस्ले मज़दूर संघ के मंत्री निर्मल पाठक व नेस्ले कर्मचारी संगठन के महामंत्री चंद्रमोहन लखेड़ा ने बताया कि इसकी सूचना नेस्ले इंडिया लिमिटेड के समस्त प्लांट- बिचोलियम, टाहलीवाल, समालखा, पोंडा, चोलाडी, नंजनगुड व पंतनगर की यूनियनों ने अपनी-अपनी इकाई के प्रबंधन को दे दी गई है।