हरियाणा: खट्टर सरकार द्वारा किसानों का बर्बर दमन; पूरे प्रदेश में किसान उतरे सड़क पर

इस आंदोलन की जड़ में हरियाणा सरकार का सूरजमुखी को भावांतर भरपाई योजना में शामिल करने का 30 मई का आदेश है, जिसके विरोध में कुरुक्षेत्र प्रदर्शन के दौरान किसानों पर लाठी बरसे।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में किसान संगठनों ने प्रदेशभर में रोड जाम करने शुरू कर दिए हैं। हिसार, सोनीपत, रोहतक, झज्जर, सिरसा, फतेहाबाद सहित कईं जिलों से सड़क जाम की खबरें आ रही हैं। हिसार में मंगलवार देर शाम हिसार-चंडीगढ़ हाईवे पर जाम लगाया। किसान मय्यड़ रामायण टोल प्लाजा पर भी जुटे।
रोहतक में महम के पास भैणी महाराजपुर गांव में किसानों ने हाईवे जाम कर दिया। हिसार के रामायण टोल और सिरसा के भावदीन टोल पर भी किसानों ने जाम लगाए। सोनीपत के गन्नौर में भी एक घंटे सड़क जाम की गई।
किसानों ने भाजपा-जजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताया। किसान संगठनों ने कहा कि कुरुक्षेत्र में गिरफ्तार किए गए सभी किसानों को तुरंत रिहा किया जाए। अगर किसानों को रिहा नहीं किया गया तो सभी हाईवे जाम कर देंगे।

दमन के बाद किसानों का गुस्सा भड़का
सूरजमुखी खरीद को लेकर मंगलवार को किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। भाकियू के बैनर तले हजारों किसानों ने हाईवे जाम कर दिया। दोपहर करीब साढ़े 12 बजे से देर शाम तक देर शाम शाहाबाद में दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे जाम रहा। हरियाणा की भाजपा नीत खट्टर सरकार ने किसानों की माँगों के समाधान की जगह दमन का रास्ता अपनाया।
शाम सवा सात बजे पुलिस ने किसानों पर अचानक लाठीचार्ज कर दिया। इससे पहले पांच मिनट तक वाटर कैनन से पानी की बौछारें छोड़ी गई, फिर बर्बरता से बल प्रयोग किया गया। इस दौरान दर्जनों किसान घायल हो गए। अपुष्ट खबरों में एक किसान के मौत की भी खबर है।
बताया जा रहा है कि पुलिस ने करीब 40 किसानों को हिरासत में भी लिया है। इसमें भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी और प्रवक्ता राकेश बैंस भी शामिल हैं।

क्या है पूरा मामला
इस किसान आंदोलन की जड़ में हरियाणा सरकार का 30 मई 2023 का वो आदेश है जिसमें सूरजमुखी को भावांतर भरपाई योजना में शामिल कर लिया गया। कृषि विभाग ने सूरजमुखी बेचने वाले किसानों को 1000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मदद करने का एलान किया। हालांकि किसानों का आरोप है कि सरकार इस योजना की आड़ में एमएसपी पर सूरजमुखी की खरीद बंद करना चाहती है।
दरअसल हरियाणा में सूरजमुखी का दाम 4200 रुपये प्रति क्विंटल तक ही चल रहा है। जबकि इसका एमएसपी 6400 रुपये है। ऐसे में भावांतर योजना के तहत 1000 रुपये प्रति क्विंटल की सहायता मिलने के बावजूद किसानों को 1200-1400 रुपये प्रति क्विंटल का घाटा होगा। इसलिए किसान सूरजमुखी की खरीद एमएसपी पर ही करने की मांग कर रहे हैं।

सरकार की हठधर्मिता से फूटा गुस्सा
सूरजमुखी खरीद की इस नीति पर किसानों की माँग के विपरीत खट्टर सरकार की हठधर्मिता कायम रही। इस मामले में दो जून को चंडीगढ़ में शिक्षा मंत्री सहित पांच प्रशासनिक अधिकारियों के साथ किसान यूनियन के सात सदस्यों की बैठक बेनतीजा रही थी और भाकियू ने पांच जून तक का अल्टीमेटम प्रशासन को दिया था।
ऐलान के तहत मंगलवार को आखिरकार किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। भाकियू के बैनर तले किसानों ने सुबह शहीद ऊधम सिंह हाल में महापंचायत की।
महापंचायत सुबह दस बजे शुरू हुई। गुरनाम चढूनी ने प्रशासन को 12 बजे तक का अल्टीमेटम दिया था कि अगर सरकार की तरफ से कोई साकारात्मक संदेश है तो उसे किसानों तक पहुंचाया जाए।
इसी बीच चढूनी ने एसडीएम व डीएसपी के साथ बैठक भी की, लेकिन वो बेनतीजा रही। फिर डीसी व एसपी किसानों के बीच पहुंचे, लेकिन ये दोनों अधिकारी भी किसानों को आश्वस्त नहीं कर पाए।
ऐसे में चढूनी ने सड़क जाम करने की घोषणा कर दी। इसके बाद हजारों किसान शहीद ऊधम सिंह स्मारक के रास्ते शहीद को श्रद्दांजलि देने के बाद पुल की करीब 30 फीट चढ़ाई चढ़कर नेशनल हाईव पर जा पहुंचे और दोनों तरफ से जाम कर दिया। पुलिस किसानों की रणनीति समझ नहीं पाई। किसानों को रोकने के उसके सभी प्रबंध धरे के धरे रह गए।

एमएसपी पर खरीद शुरू होने पर ही हटेंगे : चढूनी
थाना शाहाबाद के सामने नेशनल हाईवे पर किसानों के बीच बैठे चढूनी ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि 10 मई से मंडियों में सूरजमुखी की आवक शुरू हो गई थी। किसान पंखा आदि लगवाने के बाद फसल वापस ले जाने को मजबूर हैं जिससे व्यर्थ का आर्थिक बोझ किसानों पर पड़ रहा है।
चढूनी ने कहा कि 30 मई को भावांतर योजना के तहत फसल की खरीद का पत्र सरकार की तरफ से जारी हुआ था, जो किसी भी किसान को मंजूर नहीं है और अब भी किसानों की एक ही मांग है कि उनकी फसल को एमएसपी पर खरीदा जाए।
उन्होंने चेताया था कि जब तक सरकार एमएसपी पर खरीद नहीं करती तो तब तक किसान सड़क नहीं छोड़ेंगे बेशक पुलिस जो चाहे कार्रवाई करे। जबरन उठाया तो पूरे प्रदेश को बंद कर दिया जाएगा।

अंबाला में 100 पर केस दर्ज
अंबाला में नाराज किसानों के प्रदर्शन को लेकर पुलिस ने किसान नेताओं सहित 100 के खिलाफ केस दर्ज किया है। खफा किसानों द्वारा मोहड़ा अनाज मंडी में मार्केट कमेटी कार्यालय पर जड़ा ताला मंगलवार पुलिस ने जबरन खुलवा दिया। दोपहर को भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और किसानों को कार्यालय के मुख्य गेट के सामने से हटा दिया। किसानों द्वारा जड़े ताले की चाबी न देने पर पुलिस ने कटर मंगवाकर उसे काटा और कर्मचारियों को भीतर भेजकर काम शुरू कराया।
पुलिस कार्रवाई से खफा किसानों ने जमकर नारेबाजी की। धक्का-मुक्की की वीडियो भी किसानों ने सोशल मीडिया पर वायरल की। वे दूसरे किसानों से मोहड़ा अनाज मंडी में जुटने की अपील करते हुए दिखाई दे रहे थे। शाम तक वहीं किसान जमा रहे।

पुलिस दमन की खबर फैलते ही पूरे प्रदेश में गुस्सा फूटा
कुरुक्षेत्र में किसानों पर लाठीचार्ज की खबर पूरे प्रदेश में आग की तरह फैल गई। हिसार के उकलाना में सूरेवाला चौक पर किसान जमा हो गए। रामायण टोल पर भी किसानों ने जाम लगा दिया। सिरसा जिले में भावदीन टोल पर ट्रैफिक बंद कर दिया गया।
फतेहाबाद के भूना में ढाणी गोपाल चौक में किसान सड़क पर बैठ गए और सिरसा-चंडीगढ़ हाईवे जाम कर दिया। रोहतक के भैणी महाराजपुर गांव में चक्का जाम हो गया। सोनीपत के नेशनल हाईवे 44 को भी किसानों ने जाम कर दिया। यही हाल रजी के अन्य हिस्सों में भी बनी हुई है।