समालखा में नेस्ले फेडरेशन के नेता जुटे; प्रबंधन द्वारा यूनियन पंजीयन रुकवाने का किया विरोध

नेस्ले के एकत्रित विभिन्न यूनियन प्रतिनिधियों ने कहा कि प्रबंधन यूनियन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप, यूनियन पंजीकरण रोकने के प्रयास, भेदभाव और डर का माहौल बंद करे!
समालखा (हरियाणा)। नेस्ले इंडिया के समालखा प्लांट में प्रबंधन द्वारा यूनियन बनने में लगातार बाधा डालने के प्रयासों के खिलाफ पांच जून को नेस्ले समालखा कारखाने के गेट पर नेस्ले इंडिया की विभिन्न इकाइयों से पहुंचे यूनियन प्रतिनिधियों ने विरोध प्रदर्शन किया।
इस दौरान टाहलीवाल, बिचोलिम, पंतनगर और समालखा प्लांटों से जुटे यूनियन प्रतिनिधियों ने संयुक्त बैठक की और प्रेस कॉन्फ्रेंस भी किया।

यूनियन प्रतिनिधियों ने लोकतांत्रिक तरीके से गठित यूनियन के पंजीकरण को रोकने के लिए प्रबंधन के दोबारा अनुचित हस्तक्षेप और यूनियन प्रतिनिधियों के शोषण के ख़िलाफ़ आक्रोश व्यक्त किया।
ज्ञात हो कि इससे पूर्व भी जब श्रमिकों ने यहाँ यूनियन गठित की थी तो नेस्ले प्रबंधन ने उसके पंजीकरण को तीन-तिकड़म से रद्द करावा दिया था।
प्रबंधन ने छलनियोजन से यूनियन पंजीयन रुकवाई थी
यूनियन प्रतिनिधियों ने बताया कि समालखा प्लांट के मज़दूरों ने जुलाई 2022 में नेस्ले वर्कर्स यूनियन का गठन किया था और इसके पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन प्रबंधन द्वारा छलनियोजन कर 18 सदस्यों के झूठे शपथ पत्र लगाकर यूनियन के पंजीकरण रद्द करवा दी थी।
इस दौरान नेस्ले वर्कर्स यूनियन के सदस्यों पर हमले हुए, जिस संबंध में नेस्ले समालखा के एचआर मैनेजर आलोक कुमार और ईआर मैनेजर मनोज तिवारी पर भी एफ़आईआर दर्ज हो चुकी है।

दोबारा यूनियन पंजीयन रुकवाने की साजिश
यूनियन प्रतिनिधियों ने कहा कि दिसंबर 2022 में नेस्ले वर्कस यूनिटी नाम के पुनः यूनियन का गठन किया गया जिसके सत्यापन की प्रक्रिया संपन्न भी हो चुकी है। लेकिन प्रबंधन फिर से अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर इसके पंजीकरण को रोकने की कोशिश में लगा हुआ है।
यूनियन के अनुसार संज्ञान में आय है कि प्रबंधन श्रम कार्यालय चण्डीगढ़ जाकर यूनियन के पंजीकरण को रोकने के लिए विभाग से अनुरोध और दबाव बनाने के प्रयास में लगा है।
यूनियन प्रतिनिधियों ने जताया आक्रोश
नेस्ले इंडिया के विभिन्न प्लांटों से आए यूनियन नेताओं ने प्रबंधन की इस हरकत पर गहरा रोष जताया। उन्होंने कहा कि यह देश में प्राप्त संवैधानिक अधिकारों, श्रम कानूनों और ट्रेड यूनियन ऐक्ट का खुला उल्लंघन है। प्रतिनिधियों कहा कि यह नेस्ले की पॉलिसी के भी विरुद्ध है।
यूनियन नेताओं ने प्रबंधन से मांग की कि वो यूनियन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करे और यूनियन का पंजीकरण रोकने और श्रमिकों के साथ भेदभाव बंद करे और डर का माहौल न बनाए।

इस दौरान ऑल इंडिया नेस्ले फेडरेशन से जुड़ी यूनियनों ने बैठक की और कहा कि नेस्ले के कई अन्य प्लांटों में यूनियन पहले से मौजूद है इसलिए समालखा में यूनियन पंजीकरण में प्रबंधन को कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए। यदि प्रबंधन अपनी गैरक़ानूनी हरकतों से बाज नहीं आता है तो नेस्ले फेडरेशन खुलकर इसके विरोध में उतरेगा, जिसका खामियाजा नेस्ले प्रबंधन को भुगतान पड़ेगा।
इससे पूर्व बीते 24 मई को नेस्ले इंडिया के विभिन्न प्लांटों के यूनियन प्रतिनिधि पंतनगर प्लांट भी पहुंचे थे, गेट पर धरना दिया था और पंतनगर में माँगपत्र पर प्रबंधन की हठधर्मिता और मज़दूरों के दमन-शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद की थी।
समालखा में हुए प्रदर्शन में नेस्ले एम्प्लाईज़ यूनियन टाहलीवाल के प्रधान सत्येन्द्र राणा, नेस्ले मजदूर संघ टाहलीवाल से कपिल राघव, नेस्ले एम्पलाईज यूनियन बिचोलिम के प्रधान मंगेश गांवकर, नेस्ले वर्कर्स यूनियन के महामंत्री विष्णु पत्तर, नेस्ले कर्मचारी संगठन पंतनगर के अध्यक्ष धनबीर सिंह राणा, नेस्ले मजदूर संघ पंतनगर से उपाध्यक्ष धीरज चंद आदि अपनी टीम के साथ उपस्थित रहे और नेस्ले वर्कर्स यूनिटी समालखा के समर्थन में अपनी बिरादराना एकजुटता प्रदर्शित की।