मानेसर: बेलसोनिका कंपनी में समझौते के बाद हड़ताल समाप्त, मज़दूरों ने किया काम शुरू

भारी पुलिस बल द्वारा मज़दूरों को उठाने की कोशिशों को मज़दूरों ने एकता के बल पर असफल किया। 48 घंटे की हड़ताल के बाद प्रशासन की मौजूदगी में लिखित समझौता सम्पन्न हुआ।

मानेसर, गुड़गांव। लंबे समय से संघर्षरत और 48 घंटे की हड़ताल के बाद अंततः आज 1 जून को प्रशासन की मध्यस्थता में बेलसोनिका यूनियन और प्रबंधन के बीच समझौता संपन्न हो गया जिसके बाद मजदूरों ने काम शुरू कर दिया है।

समझौते के तहत निलंबित 10 साथी कंपनी ने अंदर लिए जाएंगे। बाकी बर्खास्त व निलंबित यूनियन प्रतिनिधियों की कार्यबहाली व माँगपत्र पर वार्ता जारी रहेगी। घरेलू जांच पर फैसले के लिए एक कमेटी गठित हुई है, जिसमें श्रम अधिकारी, प्रबंधन व यूनियन प्रतिनिधि होंगे।

लंबा संघर्ष, 30 जून से हड़ताल

ज्ञात हो कि मारुति की वेंडर बेलसोनिक कंपनी प्रबंधन की लुकी छुपी छँटनी और मजदूरों पर बढ़ते दमन के खिलाफ बेलसोनिका के मज़दूर लंबे समय से संघर्षरत हैं। इस दौरान प्रबंधन ने 30 मज़दूरों को बाहर कर दिया था, उनमें से 17 मज़दूर बर्खास्त थे, जिनमें यूनियन की सदस्यता लेने वाले 3 ठेका मज़दूर हैं तथा यूनियन के तीन नेताओं सहित 13 मज़दूर निलंबित हो चुके थे।

प्रबंधन की बढ़ती तानाशाही के खिलाफ मजदूरों ने क्रमिक अनशन शुरू किया, फिर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की और अंततः 30 मई 2023 की बी पालि से सभी मजदूर हड़ताल पर चले गए थे। तीनों शिफ्ट के मजदूर कंपनी के भीतर प्लांट में बैठे हुए थे, जबकि निलंबित व बर्खास्त मजदूर साथी और उनके पूरे परिवार के लोग महिलाएं बच्चे कंपनी के बाहर धरने पर डटे हुए थे।

इस दौरान पुलिस प्रशासन का पूरा दबाव मजदूरों पर लगातार बढ़ता गया। कंपनी में 20 मार्च से 20 मई तक गैर कानूनी रूप से गुंडों के रूप में बाउंसर तैनात रहे जो मजदूरों पर लगातार उग्र कार्रवाई करने की कोशिश करते रहे। उसके बाद से पुलिस की मौजूदगी बढ़ती गई।

30 मई को हड़ताल शुरू होने के बाद पुलिस की संख्या बढ़ती रही और आज सुबह से ही हजारों की संख्या में पुलिस कंपनी परिसर से लेकर चारों तरफ मौजूद रही। खाली बसें लाई गई और मजदूरों पर गिरफ्तारी का दबाव भी बनाया गया। इस दौरान मजदूरों ने भी अपनी हिम्मत को बुलंद रखा।

पूरे आंदोलन के दौरान मज़दूरों के घर की महिलायें व बच्चे भी पूरी मुस्तैदी से डटे रहे।

खबर है कि बेलसोनिका मज़दूरों की हड़ताल से मारुति में उत्पादन ठप्प हो गया था। इससे प्रशासन और ज्यादा दबाव में आ गया था।

अंततः समझौता संपन्न

यूनियन प्रधान मोहिन्दर कपूर ने बताया कि एसडीएम, एसीपी, सिटी मजिस्ट्रेट, डीएलसी, एएलसी आदि प्रशासनिक व श्रम अधिकारियों के साथ सुबह से ही वार्ता का दौर चलता रहा और अंततः समझौता संपन्न हुआ। जिसके तहत दोनों पक्षों में सहमति बनी की-

  • 30 मार्च 2023 को निलंबित 10 श्रमिकों को प्रबंधन तीन किस्तों में वापस ले लेगा, जिनमें से 3 श्रमिकों को 2 जून से, उसके 7 दिन बाद 3 श्रमिकों को और उसके 7 दिन बाद बाकी चार श्रमिकों को कार्य पर वापस लेगा, लेकिन इन सब की घरेलू जांच चलती रहेगी;
  • यूनियन के प्रधान महेंद्र कपूर, महासचिव अजीत सिंह और संगठन सचिव सुनील कुमार की भी घरेलू जांच कार्रवाई चलेगी, फिलहाल उन्हें कार्य पर लेने की सहमति नहीं बनी है;
  • एक जांच कमेटी गठित हुई है, जिसमें डीएलसी, एएलसी, प्रबंधन प्रतिनिधि और एक यूनियन प्रतिनिधि शामिल होंगे। घरेलू जांच के दस्तावेजों की रिपोर्ट पर फैसला यह कमेटी लेगी;
  • पिछले दिनों बर्खास्त 17 श्रमिकों, जिनमें 14 श्रमिक स्थाई हैं तथा तीन ठेका श्रमिक हैं, के संबंध में वार्ताओं के द्वारा सकारात्मक पहल द्वार कार्यबहाली का समाधान किया जाएगा;
  • समझौते में यह भी तय हुआ है कि हड़ताल के दौरान किसी भी श्रमिक पर प्रबंधन बदले की भावना से कोई भी अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं करेगा।
  • मांग पत्र के संबंध में यह सहमति बनी है की दोनों पक्ष एक माह के अंदर वार्ता करके समाधान करेंगे। अन्य बिंदुओं पर भी दोनों पक्षों की वार्ता द्वारा समाधान निकाला जाएगा।

उपरोक्त समझौते के बाद हड़ताल समाप्त हो गई। 48 घंटे बाद आज ‘बी’ पाली से मज़दूर काम पर चले गए।

जबतक पूरा न्याय नहीं मिल जाता लड़ाई जारी रहेगी

यूनियन ने बताया कि जैसा कि सभी साथियों को पता है बेलसोनिका कंपनी में काफी लंबे समय से संघर्ष चल रहा है। आज सुबह 15 गाड़ियां सरकारी रोडवेज खाली गाड़ियां बुलाई गई और भारी मात्रा में मौजूद पुलिसकर्मियों ने बेलसोनिका के मजदूरों को गाड़ियों में डालने की कोशिश की।

सभी साथियों ने एक दूसरे के हाथ पकड़ कर अपनी कड़ी को मजबूत किया और तय किया कि जब तक हमारा फैसला नहीं हो जाता जब तक हम यहां से नहीं उठेंगे।

मौके पर प्रशासनिक व श्रम अधिकारी पहुंचे और यूनियन को वार्ता के लिए बुलाया, जहाँ लगातार बातचीत के बाद समझौता सम्पन्न हुआ।

यूनियन ने कहा कि आज जिस तरह गुड़गांव के अंदर मजदूर की दशा है और बिखराव है, ऐसे में बेलसोनिक के साथियों ने अपनी ताकत से, अपनी एकता से, अपनी मजबूती से, अपने साहस से जो फैसला लिया उनके जज्बे को सलाम है।

यूनियन ने संघर्ष में सहयोगी सभी संगठनों, यूनियनों और साथियों को धन्यवाद दिया और कहा कि लड़ाई हमारी बंद नहीं हुई, जबतक पूरा न्याय नहीं मिल जाता लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।

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