छँटनी का दौर बदस्तूर जारी; अब जिओमार्ट से 1000 से ज्यादा कर्मचारी हुए बाहर, और होगी छँटनी

नौकरी मिलना तो दूर, यह नौकरी छीनने का दौर है। जियोमार्ट में छंटनी की ये बस शुरुआत भर है। आने वाले वक्त में कंपनी एक तिहाई कर्मचारियों की छंटनी की योजना बना रही है।

यह ऐसा दौर है, जहाँ नौकरी मिलना तो दूर, जिनके पास कोई नौकरी है, उनपर भी छँटनी की तलवार लटकी हुई है। मोदीनामा विकास के इसी पथ पर चलते हुए मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के ऑनलाइन होलसेल फॉर्मेट जिओमार्ट ने भी बड़ी छंटनी कर दी है।

खबर है कि जियोमार्ट ने एक हजार से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिलायंस मुख्य रूप से अपने मुनाफे को बढ़ाना चाहती है। इसके लिए जिओमार्ट ने अपने एक हजार से ज्यादा कर्मचारियों को ‘पिंक स्लिप’ जारी किया है। 

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक जियोमार्ट में छंटनी की ये अभी बस शुरुआत भर है। आने वाले वक्त में कंपनी अपने 15,000 कर्मचारियों में से करीब एक तिहाई कर्मचारियों की छंटनी की योजना बना रही है।

ज्ञात हो कि हाल ही में जिओमार्ट ने मेट्रो कैश एंड कैरी के कारोबार को भारत में संचालन के लिए अधिग्रहण किया है। छंटनी का फैसला कंपनी ने अपने इस सौदे के बाद लिया है।

बड़े बाजार पर कब्जा व और अधिक मुनाफे की हवस रिलायंस की फितरत है। कम श्रमबल से ज्यादा काम लेना इसका हिस्सा है। जिओमार्ट इसका महज उदाहरण है। 

कर्मचारियों से इस्तीफा देने को कहा

जियोमार्ट ने पिछले कुछ दिनों में अपने कॉरपोरेट ऑफिस के 500 से अधिक लोगों समेत कुल 1,000 कर्मचारियों को इस्तीफा देने को कहा है। इसके अलावा, सेल्स डिवीजन में काम करने वाले अन्य कर्मचारियों की फिक्स्ड पे सैलरी कम करने के साथ ही उन्हें वेरिएबल पे स्ट्रक्चर पर रखा है।

रिपोर्ट के अनुसार, जियोमार्ट ने प्रदर्शन सुधार योजना (PIP) के तहत पहले से ही सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी की योजना बना ली है। इसके जरिए परफॉर्मेंस के आधार पर कंपनी आगे की योजना बनाएगी।

जियोमार्ट की नई डील, कर्मचारियों पर छँटनी की तलवार

दरअसल पिछले साल रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड ने जर्मन कंपनी मेट्रो कैश एंड कैरी के भारतीय कारोबार को 2850 करोड़ रुपये में खरीद लिया था। इस डील के बाद मेट्रो कैश एंड कैरी के 3500 स्थायी कर्मचारी भी रिलायंस रिटेल का हिस्सा बन गए। पिछले हफ्ते, मेट्रो कैश एंड कैरी ने रिलायंस रिटेल के साथ अपने 31 स्टोरों की बिक्री पूरी करने की घोषणा की थी।

जियोमार्ट ने ऑनलाइन किराना बाजार में ‘डीप डिस्काउंट’ का रास्ता अपनाकर बड़ी बाजार हिस्सेदारी हासिल की है। अब कंपनी मेट्रो कैश एंड कैरी के 3500 कर्मचारियों को अतिरिक्त बोझ बताकर इसके बहाने छंटनी कर रही है।

जियोमार्ट अपने 150 से अधिक गोदामों में से आधे से ज्यादा केंद्र को बंद करने की योजना बना रही है। ये गोदाम गली-मोहल्ले के स्टोरों को किराने के सामान की सप्लाई का काम करते हैं।

खुदरा बाजार पर रिलायंस का वर्चस्व

रिलायंस इंडस्ट्रीज इन दिनों एफएमसीजी सेक्टर में अपने पैर पसारने की तैयारी में जोरदार तरीके से जुटी है। मेट्रो कैश एंड कैरी की पहुंच भारत में 30 लाख ग्राहकों तक है, जिसका मालिक अब रिलायंस है।

भारत में संगठित खुदरा और थोक व्यापार अभी भी एफएमसीजी की बिक्री का केवल 10 से 15 फीसदी है। इसमें रिलायंस जैसी कंपनियों का 50 फीसदी हिस्से पर कब्जा है।

वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, रिलायंस रिटेल ने 3300 से अधिक नए स्टोर खोलने के साथ अपने ऑफलाइन स्टोर नेटवर्क का विस्तार किया। 31 मार्च तक देश में रिलायंस रिटेल स्टोर की संख्या 18 हजार के पार पहुंच गई है।

मेट्रो कैश एंड कैरी के अधिग्रहण के बाद रिलायंस रिटेल- अमृतसर, अहमदाबाद, बेंगलुरु, दिल्ली, गाजियाबाद, गुंटूर, हैदराबाद, हुबली, इंदौर, लखनऊ, कोलकाता, मुंबई, नासिक, सूरत, विशाखापत्तनम और विजयवाड़ा जैसे शहरों में मेट्रो के स्टोर का इस्तेमाल करेगा।

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