नेस्ले प्रबंधन की ज्यादती के खिलाफ नेस्ले फेडरेशन प्रतिनिधियों के साथ मज़दूरों का धरना

ऑल इंडिया नेस्ले फेडरेशन की ओर से शामिल टाहलीवाल, समालखा व बिचोलियम यूनियन प्रतिनिधियों ने कहा कि प्रबंधन हठधर्मिता छोड़ भय का माहौल समाप्त करे, आंदोलन को बाध्य न करे।

पंतनगर (उत्तराखंड)। नेस्ले इंडिया लिमिटेड पंतनगर प्रबंधन द्वारा पूर्व समझौते का उल्लंघन, नए माँगपत्र पर समझौते की जगह श्रमिको को फर्जी नोटिस/आरोप पत्र देने, डराने-धमकाने और अत्यधिक प्रताड़ित करने के खिलाफ नेस्ले मज़दूरों ने कंपनी गेट पर एक दिवसीय धरना दिया।

इस धरने का आयोजन कंपनी की दोनों यूनियनों- नेस्ले मजदूर संघ व नेस्ले कर्मचारी संगठन ने साझे तौर पर किया। जिसमें ऑल इंडिया नेस्ले फेडरेशन की ओर से शामिल नेस्ले इंडिया टाहलीवाल, नेस्ले इंडिया समालखा, नेस्ले इंडिया बिचोलियम के यूनियन प्रतिनिधियों ने नेस्ले पंतनगर प्रबंधन की मनमर्जी का विरोध किया और संघर्षरत यूनियनों को समर्थन दिया।

पुलिस-प्रशासन द्वारा रोकने का प्रयास

इस शांतिपूर्ण वैधानिक प्रदर्शन को रोकने के लिए प्रबंधन की सह पर जिला प्रशासन व पुलिस ने काफी प्रयास किए। पहले जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी, धरना रोकने का प्रयास किया और दोनों यूनियन के 10 प्रतिनिधियों पर कथित शांतिभंग के तहत धारा 107-116 का नोटिस जारी कर दिया। हालांकि मज़दूरों ने अपना प्रदर्शन जारी रखा।

प्रबंधन की हठधर्मिता के कारण औद्योगिक अशान्ति

ज्ञात हो कि पंतनगर इकाई की दोनों यूनियनों ने प्रबंधन को नए समझौते के लिए 5 सितंबर 2022 को मांग पत्र दिया था। लेकिन पंतनगर प्रबंधन की हठधर्मिता के कारण गतिरोध बना हुआ है। प्रबंधन जानबूझकर समझौता संपन्न नही कर रहा है।

प्रबंधन ने 2020 के समझौते के कुछ बिंदुओं का स्पष्ट उल्लंघन किया है, जिसका विवाद महीनों से श्रम अधिकारी के पास लंबित है। नए माँगपत्र के 8 महीने बीत जाने के बावजूद समझौता नहीं कर रहा है। दूसरी ओर वह मज़दूरों का दमन बढ़ा रहा है।

प्रबंधन की हठधर्मिता के विरोध में दोनों यूनियनों की वार्ताकार टीम के 20 सदस्य 2 फरवरी से भूखे रहकर कार्य कर रहे हैं। समर्थन में प्लांट के समस्त श्रमिक भी उपवास रखकर भूखे रहकर कार्य कर रहे हैं और शांतिपूर्ण विरोध कार्यक्रम जारी है। जबकि प्रबंधन दमन और ज्यादती बढ़ा रहा है।

एकताबद्ध संघर्ष ही रास्ता है

दोनों यूनियन के नेताओं ने कहा कि नेस्ले प्रबंधन ने वर्ष 2020 के समझौते का उल्लंघन किया और इस उल्लंघन को दबाने के लिए कारखाने में यूनियनों द्वारा बनाए गए शांतिपूर्ण माहौल को खराब करने के लिए श्रमिको को फर्जी नोटिस/आरोपपत्र दे रहा है, जबकि दोनों यूनियनों ने अपने सूझ बूझ का परिचय दिया और शांतिपूर्ण माहौल बना कर रखा।

प्रबंधन की इन हरकतों के खिलाफ ही दोनों यूनियनों ने अपने संवैधानिक अधिकार के तहत एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया है। प्रबंधन के पास पैसे की ताक़त है, जबकि मज़दूरों के पास एकताबद्ध संघर्ष ही रास्ता है।

यूनियन नेताओं ने कहा कि नेस्ले प्रबंधन दोनों यूनियन की एकता से घबड़ा रहा है और श्रमिकों का उत्पीड़न बढ़ा रहा है, झूठे आरोपपत्र दे रहा है। प्रशासन व पुलिस का सहारा लेकर यूनियनों पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहा है।

प्रबंधन हठधर्मिता छोड़े नहीं तो आंदोलन होगा तेज

यूनियन नेताओं ने कहा कि दोनों यूनियनें सकारात्मक सोच के साथ शांतिपूर्ण समाधान की पक्षधर हैं। लेकिन यदि प्रबंधन की हठधर्मिता और दमनकारी नीतियाँ जारी रहीं तो उन्हें वैधानिक तौरपर बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

इस दौरान ऑल इंडिया नेस्ले फेडरेशन की ओर से नेस्ले इंडिया टाहलीवाल यूनिट से सत्येंद्र, हरी ठाकुर, कुलविंदर, पुनीत; नेस्ले समालखा यूनिट से मांगेराम, भवानी सिंह, जयपाल; नेस्ले बिचोलियम यूनिट से मुंगेश आदि शामिल रहे।

बाहर से आए नेस्ले अन्य यूनियन के प्रतिनिधियों ने कहा कि यदि प्रबंधन अपनी हठधर्मिता नहीं छोड़ता है और प्रबंधन भय का माहौल अति शीघ्र उसे समाप्त नहीं करता है तो आगे वे इससे भी बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।

सभा की अध्यक्षता नेस्ले मजदूर संघ के अध्यक्ष मुकेश पांडे और नेस्ले कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष धनवीर सिंह ने की तथा संचालन नेस्ले मजदूर संघ के मंत्री निर्मल पाठक व नेस्ले कर्मचारी संगठन के महामंत्री चंद्रमोहन लखेडा ने की।

इस दौरान नेस्ले इंडिया पंतनगर से सोहनलाल, दीपक अलमिया, अरविंद, अशोक द्विवेदी, सुरेंदर, दीपेश कपूर, पंकज नेगी, नवीन उपाध्याय, देवेंद्र आदि ने भी सभा को संबोधित किया।

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