वैश्विक छँटनी का दौर: फ़ेसबुक के बाद अब अमेजन फिर करेगा 9 हजार कर्मचारियों की छँटनी

बीते एक साल में 280,000 से अधिक कर्मचारियों को छंटनी हो चुकी है। दूसरे दौर में फ़ेसबुक द्वारा 10,000 से ज्यादाकर्मियों की छँटनी के ऐलान के बाद अमेजन ने भी ऐलान कर दिया है।

दुनिया में बैंकिंग संकट और मंदी के बढ़ते खतरे के बीच जारी छंटनी बेलगाम है। अमेरिका में बड़े पैमाने पर नौकरी में कटौती की है। इसमें गोल्डमैन सैक्स और मॉर्गन स्टेनली जैसे वॉल स्ट्रीट बैंकों से लेकर अमेजन, गूगल, ट्विटर और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी टेक फर्म भी शामिल हैं।

इस माह फ़ेसबुक द्वारा लगभग 10,000 कर्मियों की छँटनी के बाद दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने दूसरे दौर की छंटनी की तैयारी कर ली है और अगले कुछ हफ्तों में नौ हजारों कर्मचारियों को बाहर निकालने की योजना बना ली है।

अमेजन की ओर से कंपनी के सीईओ एंडी जस्सी ने सोमवार (20 मार्च) को इस बात की घोषणा की है। इससे पहले अमेजन बीते कुछ महीनों में 18,000 कर्मचारियों की छंटनी कर चुकी है।

अमेजन में ताबड़तोड़ छँटनी

अमेजन का फैसला कंपनी द्वारा पहले दौर में 18 हजार कर्मचारियों की छंटनी करने की घोषणा के ठीक 2 महीने बाद आया है। नवंबर 2022 में एंडी जेसी ने कहा था कि कंपनी 2023 तक कर्मचारियों को निकालना जारी रखेगी।

ज्ञात हो कि पूरी दुनिया में अमेजन के 15 लाख कर्मचारी है। अमेजन ने छँटनी के पहले दौर में अपने कुल श्रम शक्ति में से 18,000 कर्मचारियों की छंटनी की थी। अब दूसरे दौर में 9,000 कर्मचारियों की सूची तैयार की गई है। यानि इस दौर को मिलाकर कंपनी 27,000 कर्मचारियों की छंटनी कर चुकी है।

जिन कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी उन्हें 24 घंटे पहले नोटिस और सेवेरेंस पे दिया जाएगा। ये अमेजन की इतिहास में पांचवी सबसे बड़ी छंटनी होगी। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जिन कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जाएगा, उनमें ज्यादातर एडब्ल्यूएस, विज्ञापन और ट्विच में हैं।

अमेजन के सीईओ एंडी जेसी द्वारा कर्मचारियों को भेजे गए मेमो के अनुसार, कंपनी में ज्यादातर नौकरी में कटौती अमेजन वेब सर्विसेज (एडब्ल्यूएस), पीपल एक्सपीरियंस एंड टेक्नोलॉजी (पीएक्सटी), एडवरटाइजिंग और ट्विच जैसे विभागों में होगी।

अमेजन के सीईओ ने कहा कि मौजूदा समय में और निकट भविष्य में अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता दिखाई दे रही है, ऐसे में हमने अपनी लागत और हेडकाउंट को और अधिक सुव्यवस्थित करने का विकल्प चुना है। अनिश्चित अर्थव्यवस्था ने हमें लागत और कर्मचारियों की संख्या में कटौती करने के लिए मजबूर किया है।

फ़ेसबुक ने भी की दूसरे दौर में बम्पर छँटनी

इससे पहले इसी माह फ़ेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने भी एक बार फिर बड़ी छंटनी का ऐलान करते हुए कहा था कि कंपनी 10,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छुट्टी करेगी। मेटा ने बीते साल नवंबर 2022 में भी 11,000 से ज्यादा कर्मचारियों को निकाल दिया था, जो इसकी शुरुआत के बाद से सबसे बड़ी छंटनी थी।

कंपनी की ओर से दूसरे दौर की छंटनी की जानकारी भी एक ब्लॉग पोस्ट के जरिए दी गई थी।

मेटा ने 14 मार्च को घोषणा करते हुए कहा कि हम अपनी टीम में से लगभग 10,000 कर्मियों में कटौती कर सकते हैं और साथ ही लगभग 5,000 अतिरिक्त खुली भर्तियों को भी बंद किए जाने की उम्मीद है। बता दें कि कंपनी ने चार महीने पहले ही करीब 11 हजार कर्मचारियों को घर का रास्ता दिखाया है।

मेटा के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने बताया था कि कंपनी 5 हजार अतिरिक्त खुली भर्तियों को भी बंद करने की योजना बना रही है, जिन पर अब भर्तियां नहीं होंगी।

अब तक गईं दो लाख से ज्यादा नौकरियां

उल्लेखनीय है कि संकट के मकड़जाल में फंसी विश्व पूंजीवादी अर्थव्यवस्था ने अपने संकटों का बोझ मेहनतकश जनता पर डालना तेज कर दिया है। वैश्विक लुटेरों के चौधरी अमेरिका ने बड़े पैमाने पर नौकरी में कटौती की है। इसमें गोल्डमैन सैक्स और मॉर्गन स्टेनली जैसे वॉल स्ट्रीट बैंकों से लेकर अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी टेक फर्म भी शामिल हैं।

छंटनी ट्रैकिंग साइट के अनुसार, टेक जगत ने 2022 की शुरुआत से अब तक करीब 280,000 से अधिक कर्मचारियों को छंटनी की गई है। जिनमें से लगभग 40 प्रतिशत इस साल की गई है।

गूगल, फेसबुक, ट्विटर, अमेजन, डेल, जूम समेत तमाम बड़ी फर्मों से कर्मचारियों की ताबड़तोड़ छंटनी जारी है। इस दौड़ में शामिल गूगल ने बीते दिनों वैश्विक स्तर पर 12000 कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया था। साथ ही गूगल ने भारत में अपने 453 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था।

इससे पूर्व भारत में BYJU’S, अनअकैडमी और वेदांतु जैसी एडटेक कंपनियों के नेतृत्व में लगभग 44 स्टार्टअप्स द्वारा लगभग 16,000 कर्मचारियों की निकाला जा चुका है।

अब दूसरे दौर में फ़ेसबुक व अमेजन ने दूसरे दौर में बम्पर छँटनी शुरू कर दी हैं। बढ़ती मंदी के साथ यह भयावह मंज़र और भयावह रूप लेगा।

अंधाधुंध मुनाफे की दौड़ में रोजगारविहीन विकास का यह ऐसा दौर है, जब दुनिया भर में मंदी के बहाने छंटनी का सिलसिला लगातार जारी है।

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