अंतर्राष्ट्रीय श्रमजीवी महिला दिवस पर हिंसा, दमन-उत्पीड़न व गैर-बराबरी के खिलाफ कार्यक्रम

महिलाओं के साथ यौन हिंसा का मुखर विरोध करने, समान काम पर समान वेतन देने, कॉरपोरेटपरस्त 4 नये लेबर कोड्स, निजीकरण आदि के खिलाफ संगठित प्रतिरोध का आह्वान हुआ।

अंतर्राष्ट्रीय श्रमजीवी महिला दिवस की पूर्व संध्या पर महिलाओं पर बढ़ती हिंसा, दमन-उत्पीड़न, गैर-बराबरी के खिलाफ जन संघर्ष मंच हरियाणा द्वारा कुरुक्षेत्र में सभा व प्रदर्शन हुआ। तो राजा बिस्किट के धरनारत मजदूरों ने सिडकुल हरिद्वार में कार्यक्रम किया।

इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि सन् 1908 में अमेरिका के शहर न्यूयॉर्क में महिला मजदूरों ने विशाल प्रदर्शन किये थे। 8 मार्च 1910 को डेनमार्क के कोपेनहेगन शहर में हुए अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मेलन में मार्क्सवादी नेता क्लारा जेटकिन के प्रस्ताव पर 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई। तब से लेकर आज तक सारी दुनिया में महिलाएं जुल्म-अत्याचार व शोषण-दमन से मुक्ति हासिल करने के लिए 8 मार्च को संकल्प दिवस के रूप में मनाती हैं।

समाजवादी महिलाओं के इस सम्मेलन में महिला समाजवादी विचारक और नेता क्लारा जेटकिन का स्पष्ट कहना था कि “समाजवाद के बिना महिला मुक्ति संभव नहीं है और महिला मुक्ति के बिना समाजवाद संभव नहीं है।”

कुरुक्षेत्र में सभा व प्रदर्शन

कुरुक्षेत्र (हरियाणा)। जन संघर्ष मंच हरियाणा जिला कुरुक्षेत्र की ओर से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर 7 मार्च को महिलाओं पर बढ़ती हिंसा, दमन-उत्पीड़न, गैर-बराबरी, गरीबी के खिलाफ कीर्ति नगर, आजाद नगर, कल्याण नगर, जोशियान मोहल्ला कुरुक्षेत्र में सभा व प्रदर्शन हुआ।

मंच की नेता चन्द्र रेखा, प्रांतीय महासचिव सुदेश कुमारी, प्रान्तीय कार्यकारिणी सदस्य ऊषा कुमारी, पूजा, कोमल सीमा ने महिलाओं को 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के गौरवशाली इतिहास के बारे में विस्तार से बताया।

सुदेश कुमारी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास महिलाओं द्वारा अपने शोषण दमन, उत्पीड़न, गैर- बराबरी के खिलाफ 8 घण्टे काम, समान काम-समान वेतन, शिक्षा स्वास्थ्य व सार्वभौमिक मताधिकार आदि मांगों के लिए किए गए संघर्षों व जीत का गौरवशाली इतिहास है।

उन्होंने कहा कि महिलाओं पर हमारे देश में दोहरा अत्याचार हैं। एक तरफ वह आर्थिक सामाजिक क्षेत्र में घोर असमानता व पूंजीवादी शोषण दमन की शिकार हैं। दूसरी तरफ 5 साल की बच्ची से लेकर 90 साल की महिला कहीं भी सुरक्षित नहीं है, अपराधियों के हौसले बुलंद हैं, बिल्किस बानो के अपराधियों को महिमामंडित किया जाता है। हाथरस कांड जीता जागता उदाहरण है जिसमें पुलिस प्रशासन सरकार की अपराधियों से मिलीभगत के कारण अपराधी अदालत से छूट चुके हैं।

यौन हिंसा, घरेलू हिंसा, दहेज हत्या, कन्या भ्रूण हत्या, गैर बराबरी बढ़ती जा रही है। मोदी सरकार के महिला सशक्तिकरण के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। महंगाई बेरोजगारी बेतहाशा बढ़ती जा रही है जिसका सबसे ज्यादा बुरा असर महिलाओं व बच्चों पर पड़ रहा है। मोदी सरकार लगातार गैस  सिलेंडर के रेट बढ़ाकर तेल कंपनियां के मालिकों को मालामाल कर रही है। विधवा, घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं के लिए अपने बच्चों के पालन पोषण के लिए कोई रोजगार का प्रबंध नहीं है।

आंगनवाड़ी वर्कर, हेल्पर ,मिड डे मील, आशा वर्कर को नाममात्र का मानदेय देकर उनका खूब शोषण किया जा रहा है। मोदी सरकार कॉर्पोरेट पूंजीपतियों के टैक्स घटा रही है जबकि जीवनोउपयोगी चीजों पर टैक्स बढ़ाकर आमजनता का जीना मुहाल कर रही है। देश में घोर आर्थिक विषमता फैली हुई है।

चंद्र रेखा ने कहा कि तानाशाह मोदी सरकार ने आंदोलनकारियों का दमन तेज कर दिया है। भाजपा व सहयोगी संगठन अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के युवाओं की गाय के नाम पर निर्मम हत्या कर रहे हैं। हिंदुत्ववादी कट्टरपंथी ताकतें फेक न्यूज़ सोशल मीडिया आदि पर फैलाकर जाति धर्म क्षेत्र व हिंदू मुस्लिम तमिल बिहारी आदि के नाम पर घोर नफरत पैदा कर रही हैं जिससे पूंजीपति वर्ग का बेरोकटोक शोषण जारी है। उन्होंने बढ़ती नशाखोरी अश्लीलता के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

उषा कुमारी ने कहा कि मोदी सरकार ने कॉरपोरेट जगत को मालामाल करने के लिए व मजदूर वर्ग को कमजोर करने के लिए 4 लेबर कोड पास करके पहले से ही हासिल मजदूरों के अधिकारों पर हमला किया है। मोदी सरकार तमाम कल्याणकारी सरकारी संस्थानों उद्योगों बैंकों, रेलवे, बंदरगाह ,सड़कों व अन्य संस्थानों को पूंजीपतियों के हवाले कर रही है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने ऊपर बढ़ते अत्याचार का खात्मा करने की लड़ाई खुद लड़नी होगी।

उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रदेश की महिलाओं को बधाई दी और कहा कि आज मजदूरों के लिए चलाई जा रही तमाम कल्याणकारी योजनाएं ढकोसला साबित हो रही हैं। महिला मजदूर को अपने आप को मजदूर साबित करने के लिए भी काफी संघर्ष करना पड़ता है। आज भी समान काम समान वेतन का कानून कागजी बना हुआ है।

उपस्थित महिलाओं ने संकल्प लिया कि वे सरकार की महंगाई बढ़ाने वाली कॉरपोरेटपरस्त नीतियों, सांप्रदायिक नफरत फैलाने वाली फूटपरस्त साजिशों, शोषण दमन के खिलाफ संगठित होकर संघर्ष तेज करेंगी। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस जिंदाबाद के नारों के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।

हरिद्वार: संघर्षरत राजा बिस्किट मज़दूरों ने किया कार्यक्रम

हरिद्वार (उत्तराखंड)। सिडकुल हरिद्वार में राजा बिस्किट के धरनारत मजदूरों ने 8 मार्च अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर महिला दिवस के अवसर पर एक सभा की। क्रांतिकारी गीत के साथ सभा शुरू हुई।

इंकलाबी मजदूर केन्द्र के जय प्रकाश ने महिला दिवस के इतिहास के बारे में बताते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मजदूर महिला दिवस को सभी मजदूर-मेहनतकश महिलाओं को पुरुष मजदूरों के कंधे से कन्धा मिलाते हुये पूंजीवादी व्यवस्था एवं नारी मुक्ति के सबसे बड़े दुश्मन हिन्दू फासीवादियों के विरोध में क्रान्तिकारी संघर्ष को तेज करने का संकल्प लेना होगा।

किसी भी महिला के साथ यौन हिंसा का मुखर विरोध करना होगा और इस विरोध में पुरुष मजदूरों को भी शामिल होना होगा। महिला मजदूरों को पुरुष मजदूरों से कम वेतन दिये जाने, कॉरपोरेटपरस्त 4 नये लेबर कोड्स और उनके महिला विरोधी प्रावधानों का सभी महिला-पुरुष मजदूरों को संगठित प्रतिरोध करना होगा और अपने हर संघर्ष को मजदूर राज- समाजवाद के लिये संघर्ष से जोड़ना होगा।

राजा बिस्किट के मजदूर प्रतिनिधि बृजेश कुमार ने कहा कि महिला और पुरुष मजदूरों की साझा दुश्मन यह उपभोक्तावादी, व्यक्तिवादी, मुनाफे पर आधारित पूंजीवादी व्यवस्था है इसके खिलाफ साझा संघर्ष से ही मजदूरों का राज समाजवाद लाया जा सकता है।

इस अवसर पर प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र, इंकलाबी मजदूर केंद्र, भेल मजदूर ट्रेड यूनियन, राजा बिस्किट मजदूर संगठन, परिवर्तनकामी छात्र संगठन व संयुक्त संघर्षशील ट्रेड यूनियन मोर्चा हरिद्वार आदि संगठनों द्वारा महिला विरोधी पूंजीवादी उपभोक्तावादी अश्लील संस्कृति का दहन का किया गया।

सभा में भेल मजदूर ट्रेड यूनियन के बृज राज सिंह, इमके के पंकज कुमार, वीना, सूरज शाह, बृज मोहन आदि उपस्थित रहे।

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