केन्द्र सरकार द्वारा रसोई गैस कीमत बढ़ाने के खिलाफ गोहाना व करनाल में प्रदर्शन व पुतला दहन

घरेलू गैस सिलिण्डर 250 रु. तथा कमर्शियल सिलिण्डर 500रु. में मुहैया कराने; डीजल और पेट्रोल के दाम आधे करने व गैस सिलेंडर पर सब्सिडी को बहाल करने की माँग। दमन का विरोध।

रसोई गैस की कीमतों में एक बार फिर बढ़ोत्तरी के खिलाफ गोहाना (सोनीपत) में जन संघर्ष मंच हरियाणा व समतामूलक महिला संगठन ने विरोध प्रदर्शन के साथ केंद्र सरकार का पुतला दहन किया। तो निगधू (करनाल) में मनरेगा मजदूर यूनियन ने महँगाई और दमन का विरोध किया।

विदित हो कि गत एक मार्च से घरेलू गैस सिलिण्डर की कीमत 50 रु. बढ़ा कर 1103 रु. तथा कमर्शियल गैस सिलिण्डर की कीमत 350.5 रु. बढ़ाकर 2119.5 रु. कर दी गई है। इस बढ़ोतरी से व्यापक स्तर पर महंगाई बढ़ना तय है।

गोहाना (सोनीपत): विरोध प्रदर्शन के साथ पुतला दहन

जन संघर्ष मंच हरियाणा व समतामूलक महिला संगठन ने केन्द्र सरकार द्वारा बढ़ाई गई रसोई गैस की कीमतों के विरोध में शनिवार को गोहाना शहर में प्रदर्शन किया। इसके समापन पर समता चौक पर केन्द्र सरकार व तेल कंपनियों का पुतला दहन किया।

वक्ताओं ने कहा कि भाजपा नेताओं ने 2014 के चुनाव से पूर्व कहा था कि घरेलू गैस सिलेंडर 414 रु.से घटा कर 300 रु में उपलब्ध करवाया जायेगा। परंतु सरकार में आते ही कॉर्पोरेट की पिट्ठू मोदी सरकार ने न केवल केवल रसोई गैस के दामों को बेतहाशा बढ़ा दिया है अपितु इस पर मिलने वाली सब्सिडी को भी 3.67 पैसे कर उपभोक्ताओं के साथ क्रूर मजाक किया है। पहले ही बेरोजगारी, महंगाई, भुखमरी व भ्रष्टाचार से त्राहिमाम कर रही जनता की यह बढ़ोतरी जीना मुहाल कर देगी।

अवाम की उस दुर्दशापूर्ण स्थिति से चिन्तित दोनों संगठन सरकार से मांग करते हैं कि:

1) घरेलू गैस सिलिण्डर 250 रु.में तथा कमर्शियल सिलिण्डर 500 में मुहैया करवाया जाए,

2) डीजल और पेट्रोल के दाम आधे किए जाएं,

3) गैस सिलेंडर पर सब्सिडी को बहाल किया जाए।

निगधू, करनाल: महँगाई और दमन का विरोध

मनरेगा मजदूर यूनियन के राज्य महासचिव कामरेड सोमनाथ और नीलोखेड़ी ब्लॉक के संयोजक सतपाल कालड़ा ने कहा कि जन विरोधी मोदी सरकार ने 01 मार्च को घरेलू रसोई गैस के सिलेंडर में ₹50 की बढौतरी करके पहले से ही आसमान छूती महंगाई की मार झेल रही जनता पर एक और हमला कर दिया है। अब 14.5 किलोग्राम का घरेलू रसोई गैस का सिलेंडर ₹1103 रुपये का हो गया है। 19 किलोग्राम का कमर्शियल रसोई गैस के सिलेंडर में भी ₹350.5 की बढौतरी कर दी है और अब यह सिलेंडर ₹ 2119.5 का हो गया है।

रसोई गैस सिलेंडर के दामों में यह वृद्धि तीन राज्यों- त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड विधानसभा चुनावों के ठीक बाद की गई है। मनरेगा मजदूर यूनियन रसोई गैस के दामों में की गई बेतहाशा वृद्धि किए जाने का कड़ा विरोध करती है और मांग करती है कि वर्ष 2014 के बाद घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के दामों में की गई वृद्धि तुरंत वापिस ली जाए। कमर्शियल रसोई गैस सिलेंडर के दाम भी आधे किये जाएं।

मीडिया के नाम जारी बयान में मनरेगा मजदूर यूनियन के नेताओं ने कहा कि मौजूदा केंद्र व हरियाणा की भाजपा सरकार का एक ही काम रह गया है कि रसोई गैस के दाम बढ़ाते जाओ, दूध आदि खाद्य पदार्थों पर जीएसटी टेक्स लगाओ, डीजल पेट्रोल के दाम बढ़ाओ, बस रेल किराया बढाओ, निजीकरण के जरिये सरकारी संपत्तियां अपने दोस्त अडानी अंबानी जैसे कारपोरेट पूंजीपतियों के हवाले करो, मनरेगा बजट घटाकर मजदूरों को काम न देकर उनके मुँह से निवाला छीनो, और यदि कोई आवाज़ उठाए तो  उन पर पुलिस से लाठीचार्ज करवाओ, आंसू गैस के गोले दागो, वाटर कैनन चलाओ और झूठे मुकदमें दर्ज करके जनता की आवाज को दबाओ।

उन्होंने रसोई गैस के दामों में की बेतहाशा वृद्धि किए जाने का विरोध करने के साथ-साथ लोकतांत्रिक तरीके से सीएम आवास घेरने जा रहे हरियाणा के सरपंचों पर किए गए बर्बर लाठीचार्ज, जिसमें 100 से अधिक सरपंच बुरी तरह घायल हुए हैं और 4000 सरपंचों पर विभिन्न संगीन धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं, की भी कड़े शब्दों में निंदा की।

उन्होंने कहा कि एक लोकतांत्रिक देश में यह जनता का अपमान है कि उनके जन प्रतिनिधियों को पुलिस लाठीचार्ज में पीटा जाए। प्रदेश की जनविरोधी सरकार बीते 19 फरवरी को भी पुरानी पेंशन स्कीम की मांग कर रहे हरियाणा के कर्मचारियों को पुलिस लाठीचार्ज में बर्बरता पूर्वक पीट चुकी है।

इस प्रकार महंगाई बढ़ाना, रोजगार पर हमला, मजदूरों के अधिकारों पर हमला, मनरेगा मजदूरों को काम नहीं देना और पुलिस के सहारे मजदूरों और जनता की आवाज दबाना जैसे जनविरोधी कदम केंद्र और प्रदेश सरकार की तानाशाही है। एक लोकतांत्रिक देश में  सरकार की तानाशाही सहन नहीं की जाएगी।

मनरेगा मजदूर यूनियन सरकार की तानाशाही का पुरजोर विरोध करती है और मजदूरों और  जनता का आह्वान करती है कि वह एक होकर सरकार की जनविरोधी नीतियों व तानाशाही का विरोध करे।

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