उत्तराखंड, गुजरात, छत्तीसगढ़, यूपी, आंध्र की विभिन्न फैक्ट्रियों में हादसे; कई मज़दूरों की मौत

फैक्ट्रियों में हर दिन 3 मज़दूरों की मौत होती है। ताजा घटनाओं में पाँच राज्यों की गोदरेज, वैन पेट्रो केमिकल, ओम कांक्रीट, राठी उद्योग व फॉक्सलिंक डिजाइंस में हादसों और मौत की खबर है।
मुनाफे की आंधी हवस में फैक्ट्रियों में मज़दूरों की मौत का सिलसिला जारी है। सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय कारखानों में हर दिन 3 मज़दूरों की मौत होती है।
ताजा घटनाक्रम में विगत दो दिनों में हरिद्वार (उत्तराखंड) की गोदरेज में एक, वलसाड (गुजरात) स्थित वैन पेट्रो केमिकल में 2, राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) ओम कांक्रीट फैक्ट्री में हादसे में एक, गाजियाबाद (उत्तरप्रदेश) राठी उद्योग में क्रेन चालक श्रमिक की मौत की खबर है, जबकि आंध्र प्रदेश के तिरुपति स्थित फॉक्सलिंक डिजाइंस में भयावह आग लगी है।
उत्तराखंड: गोदरेज फैक्ट्री हरिद्वार में एक श्रमिक की मौत

हरिद्वार के सिडकुल क्षेत्र में स्थित नामी कंपनी गोदरेज में मज़दूर शाकिर आग कि चपेट में आकर पूरी तरह झूलझ गया। घटना 25 फरवरी की है। 30 वर्षीय झूलझे मज़दूर गंभीर हालत में मेट्रो हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन हालत गंभीर देखते हुए उसे डॉक्टरों ने भूमानन्द हॉस्पिटल भूमानन्द रैफर कर दिया।
दो दिन की जद्दोजहद के बाद अंततः सोमवार को डाक्टरों ने उसको मृत घोषित कर दिया।
गुजरात: वैन पेट्रो केमिकल वलसाड में दो श्रमिकों की मौत
गुजरात के वलसाड में सरिगाम GIDC में स्थित वैन पेट्रो केमिकल कंपनी में 27 फरवरी की रात करीब 11 बजे हुए विस्फोट में 2 की मौत हो गई और 2 घायल हो गए। ब्लास्ट का कारण अभी पता नहीं चल पाया है। रात को रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया था, जिसे मंगलवार सुबह फिर शुरू किया गया।
छत्तीसगढ़: ओम कांक्रीट फैक्ट्री में एक मजदूर की मौत
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव, सोमनी स्थित ओम कांक्रीट फैक्ट्री में हादसे में एक मजदूर की मौत हो गई। इधर मजदूर की मौत की जानकारी मिलने के बाद रविवार को छग मुक्ति मोर्चा सहित मजदूर संगठन ने फैक्ट्री के बाहर जमकर प्रदर्शन किया।

जानकारी के मुताबिक मजदूर नारायण साहू फैक्ट्री में कांक्रीट के बिजली पोल बनाने वाले सेक्शन में काम करता था। शनिवार शाम वह फैक्ट्री में लोहे की तार कसने काम कर रहा था, तभी 4 एमएम तार का गुल्ला टूटकर तेजी से नारायण के शरीर में जा घुसा।
मौके पर मौजूद मजदूरों की मदद से गंभीर रूप से घायल मजदूर को मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
उत्तरप्रदेश: राठी उद्योग स्टील फैक्ट्री में क्रेन चालक की मौत
गाजियाबाद के विजयनगर थाना क्षेत्र स्थित राठी उद्योग स्टील लिमिटेड फैक्ट्री में क्रेन की चपेट में आने से क्रेन चालक की मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
खबर के अनुसार मूलरूप से गांव हनुमानगढ़ प्रतापगढ़ के रहने वाले 50 वर्षीय चंद्रिका राठी उद्योग स्टील लिमिटेड फैक्ट्री में क्रेन चालक थे। उनका बेटा राजू नारायण भी फैक्ट्री में काम करता है। रविवार की शाम क्रेन चालक चंद्रिका की ड्यूटी चेंज हो रही थी, और दूसरी ड्यूटी का क्रेन चालक क्रेन में चढ़ रहा था।
इसी समय क्रेन चलने से चंद्रिका इसकी चपेट में आ गए। घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गए। बेटे ने साथी कर्मचारियों की मदद से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। यहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।

आंध्र प्रदेश: फॉक्सलिंक डिजाइंस में लगी भीषण आग
आंध्र प्रदेश के तिरुपति में स्थित ग्लोबल टेक दिग्गज कंपनी एप्पल की केबल सप्लायर फॉक्सलिंक के एक मैन्युफैक्चरिंग फेसिलिटीज में सोमवार को भीषण आग लगने के बाद उत्पादन रोक दिया गया। हालांकि इस घटना में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।
पुलिस ने कहा कि जिन्कलामिट्टा गांव में फैक्ट्री में काम कर रहे करीब 750 लोग आग लगने के तुरंत बाद बाहर निकलने में सफल रहे। फैसिलिटी में रखे फाइबर, शीट और स्पंज के कारण आग तेजी से फैली और पूरी फैसिलिटी को अपनी चपेट में ले लिया। उन्होंने कहा कि आग लगने के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है।
1986 में स्थापित फॉक्सलिंक डिजाइंस केबल असेंबलियों, कनेक्टर्स, पावर मैनेजमेंट डिवाइस और बैटरी पैक का बनाता है और कई ग्लोबल टेक दिग्गजों को बेचता है।

हर दिन 3 मज़दूरों की होती है मौत
दरअसल मुनाफे की आंधी हवस में कारखानों में हादसे तेजी से बढ़ते जा रहे हैं, जिसमें अंग-भंग होने से लेकर मज़दूरों की जान जाने तक की घटनाएं आम होती जा रही हैं।
वर्कर्स यूनिटी में छपी एक खबर के अनुसार श्रम और रोजगार मंत्रालय के महानिदेशालय फ़ैक्ट्री सलाह सेवा और श्रम संस्थान (DGFASLI) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत के पंजीकृत फ़ैक्ट्रियों में दुर्घटनाओं के कारण हर दिन औसतन तीन मज़दूरों की मौत हुई है और 11 घायल होते हैं।
नवंबर 2022 में इंडिया स्पेंड ने DGFASLI में सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त आंकड़ों को जारी किया है और इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित हुई है।
आरटीआई जवाब के अनुसार, भारत में रजिस्टर्ड फ़ैक्ट्रियों में हर साल होने वाली दुर्घटनाओं में 1,109 श्रमिकों की मौत हो गई और 4,000 से अधिक श्रमिक घायल हुए। ये 2017 से 2020 के बीच आंकड़ों के आधार पर है।
वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि यह संख्या और भी ज्यादा है क्योंकि बड़े पैमाने पर असंगठित क्षेत्रों में होने वाले हादसों की रिपोर्ट दर्ज ही नहीं की जाती है।
रिपोर्ट बताती है कि 2018 और 2020 के बीच कम से कम 3,331 श्रमिकों की मौतें दर्ज की गईं, लेकिन इन आंकड़ों से पता चलता है कि इसी अवधि के दौरान केवल 14 लोगों को फैक्ट्री अधिनियम, 1948 के तहत अपराधों के लिए सज़ा मिली।
DGFASLI ने फ़ैक्ट्रियों के राज्य मुख्य निरीक्षकों और औद्योगिक सुरक्षा और स्वास्थ्य निदेशकों से व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य (OSH) के आँकड़े एकत्र किये हैं। ये आंकड़े केवल पंजीकृत फ़ैक्ट्रियों के आंकड़ों को दर्शाता है। जबकि भारत में लगभग 90 फ़ीसदी मज़दूर ऐसे हैं जो अनौपचारिक क्षेत्र में काम करते हैं।
वहीं अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा 2015 में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, हर साल, दुनिया भर में 3,50,000 से अधिक मज़दूरों की मौतें औद्योगिक दुर्घटनाओं के कारण होती हैं और इन दुर्घटनाओं की वजह से 31.3 करोड़ गंभीर घायल होते हैं।