सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर ईपीएफओ ने 15,000 की सीमा हटाई; उच्च पेंशन विकल्प का दिशानिर्देश जारी

सेवानिवृत्ति कोष निकाय ने अब अंशदाता को 15,000 रुपये प्रति माह के पेंशन योग्य वेतन से ज्यादा की अनुमति दी है। उच्च पेंशन के लिए संयुक्त रूप से आवेदन करने की अनुमति दी गई है।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने कर्मचारियों के लिए उच्च पेंशन का विकल्प चुनने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के महीनों बाद मोदी सरकार ने सोमवार को ये फैसला लिया है और नई प्रक्रिया शुरू की है।

ईपीएफओ की नई प्रक्रिया के तहत कर्मचारियों को ईपीएस यानी की कर्मचारी पेंशन योजना के तहत ज्यादा पेंशन दिया जाएगा। हालांकि इसके लिए आवेदन करना अनिवार्य है। आवेदन करने के बाद ही उच्च पेंशन का हकदार माना जाएगा। इसके लिए आवेदन करने की समय सीमा 3 मार्च, 2023 तक है।

ईपीएस के तहत उच्च पेंशन के लिए संयुक्त रूप से आवेदन करने की अनुमति दी गई है। हालांकि, यह विकल्प सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा जो 31 अगस्त 2014 को कर्मचारी भविष्य निधि के सदस्य थे और उन्होंने ईपीएस के तहत उच्च पेंशन का विकल्प नहीं चुना है। अगर इस गाइडलाइन का पालन नहीं किया जाता है, उच्च पेंशन के हकदार कर्मचारी भी कम पेंशन पा सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जारी सर्कुलर

पिछले साल नवंबर में शीर्ष अदालत ने कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना 2014 को बरकरार रखा था। अदालत ने 2014 के संशोधन में वेतन के 1.16 प्रतिशत के कर्मचारी योगदान को 15,000 रुपये प्रति माह से अधिक करने की आवश्यकता को भी समाप्त कर दिया था। इससे अभिदाताओं को योजना में अधिक अंशदान करने और तद्नुसार अधिक लाभ प्राप्त करने में सुविधा होगी।

ईपीएफओ ने अपने फील्ड कार्यालयों से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार पात्र अंशधारकों को अधिक पेंशन का विकल्प उपलब्ध कराने को कहा है। ईपीएफओ के 29 दिसंबर 2022 के सर्कुलर के मुताबिक केंद्र सरकार ने आदेश में दिए गए निर्देशों को लागू करने का निर्देश दिया है।

क्या हैं ईपीएफओ के नए नियम?

सेवानिवृत्ति कोष निकाय ने अब अंशदाता को 15,000 रुपये प्रति माह के पेंशन योग्य वेतन से ज्यादा की अनुमति दी है। निकाय ने बताया कि इसके लिए सदस्य और उनके नियोक्ता संयुक्त रूप से आवेदन कर सकेंगे। कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत नियोक्ता पेंशन के लिए ‘वास्तविक मूल वेतन’ के 8.33% के बराबर राशि काटते हैं। ऐसे में अब कर्मचारी पहले से ज्यादा पेंशन का लाभ उठा सकते हैं।

ज्ञात हो कि 22 अगस्त, 2014 के ईपीएस संशोधन ने पेंशन योग्य वेतन कैप को 6,500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति माह कर दिया था और सदस्यों को उनके नियोक्ताओं के साथ उनके वास्तविक वेतन का 8.33 प्रतिशत योगदान करने की अनुमति दी थी। अब इसे एक बार फिर बढ़ाया गया है और कर्मचारी उच्च पेंशन का विकल्प चुन सकते हैं।

क्या है नई प्रक्रिया?

खबर के मुताबिक, ईपीएफओ ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर कर्मचारी और उनके नियोक्ता ज्यादा पेंशन के लिए संयुक्त विकल्प चुन सकते हैं। इसके लिए ईपीएफओ ने कर्मचारियों को तीन भागों में बांटा हैं।

  1. ऐसे कर्मचारी व नियोक्ता जो वर्तमान वेतन सीमा 5000 या 6500 से अधिक वेतन के आधार पर अंशदान करते हैं।
  2. ऐसे लोग जो ईपीएस-95 के सदस्य थे लेकिन जिन्होंने पुरानी योजना के तहत संयुक्त विकल्प का इस्तेमाल नहीं किया था।
  3. ऐसे सदस्य जो 1 सितंबर 2014 से पहले योजना के सदस्य थे और इस तिथि के बाद भी सदस्य बने रहे।

इसके अलावा ईपीएफओ ने पिछले महीने उन कर्मचारियों के मामलों की फिर से जांच करने के निर्देश जारी किए थे, जिन्होंने वास्तविक वेतन के आधार पर उच्च पेंशन प्राप्त की थी और सितंबर 2014 से पहले सेवानिवृत्त हुए थे, लेकिन सेवानिवृत्ति कोष निकाय के साथ उच्च वेतन से जुड़ी पेंशन का विकल्प नहीं चुना था।

संबंधित क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय के प्रभारी अधिकारी उच्च वेतन के संयुक्त विकल्प के प्रत्येक मामले की जांच करेंगे। इसके बाद आवेदक को ई-मेल/डाक के जरिये और बाद में एसएमएस के जरिए फैसले की जानकारी दी जाएगी।

कैसे चुन सकते हैं उच्च पेंशन का विकल्प

  • ईपीएफओ ने कहा कि एक सुविधा प्रदान की जाएगी जिसके लिए यूआरएल को सूचित किया जाएगा;
  • सभी आवेदन रजिस्टर्ड होगा, डिजिटल रूप से लॉग किया जाएगा और आवेदक को रसीद संख्या प्रदान की जाएगी;
  • संबंधित क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय के प्रभारी कार्यालय उच्च वेतन पर संयुक्त विकल्प के प्रत्येक मामले की जांच करेंगे और आवेदक को ई-मेल/डाक के माध्यम से और बाद में एसएमएस के माध्यम से जानकारी देंगे;
  • आवेदक की ओर से कोई भी शिकायत, शिकायत पोर्टल पर उसके संयुक्त विकल्प फॉर्म को जमा करने संबंधी अगर कोई होगी तो दर्ज की जा सकती है;
  • आवेदन सभी दस्तावेजों और घोषणा पत्र के साथ अच्छे से भरकम जमा करना होगा।
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