उन्नाव के रूस्तम फूड्स फैक्ट्री में सेफ्टी टैंक सफाई के दौरान दो सफाई कर्मियों की मौत

अंध मुनाफे की देन: फैक्ट्री में मज़दूरों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है। वहीं बीते पाँच सालों में सीवर व सेप्टिक टैंक की सफाई करते कम से कम 400 सफाई कर्मचारी अपनी जान गंवा चुके हैं।

देश मे सीवर, सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान जान गंवाने वाले मजदूरों का सिलसिला लगातार जारी है। बीते साल सरकार द्वारा लोकसभा में बताए आँकड़े के अनुसार 2017 से 2022 तक कम से कम 400 सफाई कर्मचारी अपनी जान गंवा चुके हैं। जबकि राज्यसभा में बताया था कि बीते पाँच सालों में 20 राज्यों में कम से कम 352 सफाई कर्मचारी सीवर एवं सेप्टिक टैंक की सफाई करते हुए मर चुके हैं।

ताजा घटना उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले का है, जहां आज बुधवार को दही थाना क्षेत्र के रूस्तम फूड्स फैक्ट्री में सेफ्टी टैंक की सफाई करने उतरे दो मजदूर बेहोश हो गए। जिनको जिला अस्पताल ले जय गया और डाक्टर ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।

मृतक श्रमिकों में छुन्नू (26) पुत्र कन्हई सदर कोतवाली के इब्राहिम बाग और राहुल रैदास (25) पुरवा कोतवाली क्षेत्र के बेहटा गांव निवासी थे। दोनों श्रमिक दही थाना के औद्योगिक क्षेत्र स्थित रूस्तम फूड्स में काम करते थे।

खबर के अनुसार दोनों श्रमिक फैक्ट्री के टैंक की सफाई करने उतरे थे। इसी दौरान दोनों जहरीली गैस की चपेट में आकर बेहोश हो गए। यह देख वहां मौजूद श्रमिकों में हड़कंप मच गया। प्रबंधन ने उसे ठेकेदार तालिब के साथ जिला अस्पताल भिजवाया। जहां डाक्टर ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।

घटना की जानकारी होने पर मृतकों के परिजन फैक्ट्री पहुंच गए और हंगामा करने लगे। परिजनों ने बताया कि उनका बेटा सात साल से इसी फैक्टी में नौकरी कर रहा था। फैक्ट्री में सुरक्षा के उपयुक्त साधन तक नहीं हैं।

घटना की सूचना पर सीओ सिटी आशुतोष कुमार, दही थाना प्रभारी भीम शंकर मिश्रा मौके पर पहुंचे। परिजनों को बमुश्किल शांत कराया और जैसा कि होता है, मामले की जांच पड़ताल की। दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया।

इस प्रकार दो और मजदूर मुनाफे की भेंट चढ़ गए, जिसे फिर हादसे का नाम दे दिया गया।

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