कुरुक्षेत्र: मनरेगा मज़दूर यूनियन का जिला सम्मेलन सम्पन्न; सीईओ को दिया माँगों का ज्ञापन

नई कमेटी गठित। आक्रोश जताकर कहा- मजदूर मनरेगा काम पाने के लिए हर रोज दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं मगर मोदी सरकार ने वर्तमान मनरेगा बजट घटाकर मात्र 60000 करोड़ कर दिया है।
कुरुक्षेत्र (हरियाणा)। मनरेगा मजदूर यूनियन की जिला इकाई कुरुक्षेत्र का तीसरा सम्मेलन आज 21 फरवरी को स्थानीय रामलीला ग्राउंड में जिला प्रधान मेवाराम की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। संचालन महासचिव सोमनाथ ने किया।
सम्मेलन के आरंभ में पिछले 2 साल के दौरान यूनियन द्वारा किए गए कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत हुई। सम्मेलन के बाद पुराना बस अड्डा से बीडीपीओ कार्यालय थानेसर तक जोरदार प्रदर्शन किया गया और बीडीपीओ थानेसर की मार्फत सीईओ जिला परिषद कुरुक्षेत्र के नाम ज्ञापन दिया गया।

इस दौरान मनरेगा मजदूरों की दयनीय हालत पर चर्चा रखते हुए जिला प्रधान मेवाराम ने कहा कि जिला में बहुत से गांव ऐसे हैं जहां काम देना तो दूर रहा मजदूरों के आज तक मनरेगा जॉब कार्ड भी नहीं बनाए गए। जब मनरेगा मजदूरों द्वारा काम मांगने का लिखित आवेदन किया जाता है तो तुरंत ऑनलाइन भी दर्ज नहीं किया जाता है। काम नहीं दिए जाने पर बेरोजगारी भत्ता भी नहीं दिया जाता है। काम के औजार नहीं दिए जाते हैं। किसी भी गांव में मनरेगा रोजगार दिवस नहीं मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यूनियन आज मजदूरों की मांगों बारे जो ज्ञापन दे रही है यदि यह मांगें शीघ्र ही पूरी नहीं की गई तो जोरदार आंदोलन किया जाएगा।
राज्य प्रधान कामरेड नरेश कुमार ने कहा कि मोदी व खट्टर सरकार पूरी तरह मजदूर विरोधी सरकार है। आज मजदूर मनरेगा काम पाने के लिए हर रोज दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं मगर मोदी सरकार ने सभी मजदूरों को पूरे 100 दिन काम देने के लिए पर्याप्त बजट रखने की बजाय वर्ष 2023-24 का मनरेगा बजट घटाकर मात्र 60000 करोड कर दिया है।
उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस बयान का कड़ा विरोध किया कि मनरेगा काम की मांग घट रही है। उन्होंने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि सरकार हरियाणा के किसी भी गांव में यूनियन की हाजिरी में जाए तब पता चलेगा कि कितने अधिक मजदूर मनरेगा काम लेना चाहते हैं ।
महासचिव सोमनाथ नें आगामी 2 वर्षों के जिला कार्यकारिणी का पैनल पेश किया और जिसमें जिला प्रधान- मेवाराम, उपप्रधान- रोशनलाल, सचिव- नरेश कुमार, सह सचिव- कर्मवीर, कैसियर- बलकार सिंह व कार्यकारिणी सदस्य- पाला राम, सुनीता, मांगेराम, सुलोचना, बाला तथा विमला को चुना गया।
सम्मेलन को उपप्रधान रोशन लाल, सुलोचना मिर्जापुर, सुनीता सलपानी कलां, कर्मवीर लोटनी, परमजीत कौर बोधनी, नीरू देवी लुखी, बलकार सिंह बारणा आदि ने भी संबोधित किया।
सीईओ जिला परिषद कुरुक्षेत्र के नाम दिए गए ज्ञापन की माँगें-
- ब्लॉक थानेसर के गांव- बारना, लोहार माजरा, मिर्जापुर, लुक्खी, कमोदा, ज्योतिसर, दबखेड़ी, ब्लॉक इस्माइलाबाद के गांव- सलपानी खुर्द, सलपानी कलां, अजराना खुर्द, ब्लाक पेहवा के गांव- संधौला, संधौली, रूआ, बोधनी, चनालहेडी आदि के मजदूरों को तुरंत काम दिलवाया जाए।
- विन गांव के अधिकांश मजदूरों को मनरेगा जॉब कार्ड नहीं किए गए हैं इसलिए मिर्जापुर सहित सभी गांव के मजदूरों के जॉब कार्ड मजदूरों को दिया जाना सुनिश्चित किया जाए।
- गांव कमोदा और बोधनी के बहुत से मजदूर परिवार पिछले लंबे अरसे से मनरेगा जॉब कार्ड बनवाना चाहते हैं, उनके मनरेगा जॉब कार्ड बनवाने के लिए इन गांवों में विशेष कैंप लगाकर जॉब कार्ड बनाए जाएं और काम दिया जाए।
- प्रत्येक गांव में 15 दिन में एक बार मनरेगा रोजगार दिवस मनाया जाए।
- मजदूरों को काम के औजार- कस्सी, गैंती, तसले आदि दिए जाएं।
- काम की योजना बनाने तथा मनरेगा काम का सोशल ऑडिट करवाये जाने के समय मनरेगा मजदूरों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
- मनरेगा की बकाया मजदूरी का भुगतान करवाया जाए और मेटों की मजदूरी का भुगतान मजदूरों के साथ करवाया जाए।
- ब्लाक कार्यालयों में पर्याप्त मनरेगा स्टाफ भर्ती किया जाए।
- सभी पात्र मजदूरों को पशु शेड योजना का लाभ दिया जाए।
- प्रत्येक कार्य दिवस के पूरा होने के बाद मजदूर के जॉब कार्ड में मजदूर की हाजिरी भरी जाए. कार्यस्थल पर मनरेगा कानून के अनुसार सुविधाएं दी जाएं।