ओपीएस बहाल करो: हरियाणा में पुलिस दमन के बीच जोरदार प्रदर्शन; उत्तराखंड, एमपी में भी विरोध

पुलिस द्वारा भारी दमन के बीच हरियाणा के 70 हजार कर्मचारियों का पंचकूला सीएम आवास कूच, वहीं उत्तराखंड में विशाल धरना प्रदर्शन हुआ, तो मध्यप्रदेश में भी अभियान शुरू हुआ।

पूरे देश में पुरानी पेंशन (ओपीएस) की बहाली का आंदोलन तेज होता जा रहा है। विभिन्न राज्यों के कर्मचारियों के साथ केन्द्रीय कर्मचारी भी इसके लिए मोर्चा खोल चुके हैं। छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब, झारखंड, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों में ओपीएस बहाली के साथ यह आंदोलन और गति पकड़ लिया है।

आज रविवार को हरियाणा के हजारों कर्मचारियों ने ओपीएस बहाली को लेकर पंचकूला में जोरदार प्रदर्शन किया और चेतावनी दी कि अगर ओपीएस को बहाल नहीं किया गया तो सरकार बदल दी जाएगी।

वहीं उत्तराखंड के उत्तरकाशी में आज पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों के कर्मचारियों ने विशाल धरना प्रदर्शन किया। 26 फरवरी को हल्द्वानी में विशाल प्रदर्शन का ऐलान किया।

मध्यप्रदेश में NMOPS/MP ने राज्य के मंत्रियों और विधायको को ज्ञापन देने का अभियान शुरू करके मांग की है सरकार पुरानी पेंशन बहाल करे।

हरियाणा में सीएम आवास कूच, पुलिस द्वारा दमन

हरियाणा में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर पेंशन बहाली संघर्ष समिति ने आंदोलन को तेज धार दे दी है। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत आज रविवार को लगभग 70,000 कर्मचारी विरोध करने के लिए एकत्र हुए। उर पंचकूला में हरियाणा के मुख्यमंत्री के आवास के पास धरना दिया।

मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के आवास का घेराव करने पहुंचे हरियाणा सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा। इस दौरान लाठी चार्ज के बाद कर्मचारी वहीं धरने पर बैठ गए हैं।

अभी खबर मिली है कि कर्मचारियों के धरने पर पहुंचे मुख्यमंत्री के OSD भूपेश्वर दयाल, कल CM से वार्ता कराने का आश्वासन दिया।

पेंशन बहाली संघर्ष समिति के प्रवक्ता प्रवीण देशवाल ने कहा कि राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी गई है। यह भाजपा सरकार कर्मचारियों से बात नहीं करती है। हम अपना शांतिपूर्ण विरोध जारी रखेंगे।

समिति ने 19 फरवरी को पंचकूला से कूच करके मुख्यमंत्री आवास के घेराव का ऐलान किया था। समिति के प्रदेश महासचिव ऋषि नैन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि हरियाणा सरकार लंबे समय से पुरानी पेंशन बहाली के नाम पर कर्मचारियों को गुमराह कर रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार और विपक्ष में बैठे सभी विधायक और सांसद पेंशन की सुविधा ले रहे हैं, लेकिन जीवन के 35 साल नौकरी करने वाले कर्मचारी पेंशन के लिए आंदोलन करने को मजबूर हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के उस बयान को बेबुनियाद बताया जिसमें उन्होंने पुरानी पेंशन लागू करने पर राज्यों के दिवालिया होने की बात कही थी।

वक्ताओं ने कहा कि पश्चिम बंगाल में आज तक नेशनल पेंशन स्कीम लागू ही नहीं हुई है। राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ दे रही है। अगर कर्मचारी वर्ग को नेशनल पेंशन स्कीम से सिर्फ हानि ही हानि हो रही है तो सरकार जबरदस्ती क्यों कर्मचारियों पर यह स्कीम लागू रखकर उनको मानसिक दबाव में डाले हुए है।

वर्ष 2019 में हुए चुनाव के दौरान गठबंधन की सहयोगी जजपा ने इस मुद्दे को अपने घोषणा पत्र में भी शामिल किया था।

समिति ने बताया कि नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के सहयोग से हरियाणा में संघर्ष समिति द्वारा लगातार आंदोलन चलाया जा रहा है। प्रदेश में दो लाख से अधिक कर्मचारी सरकार के इस एकतरफा फैसले के कारण पिस रहे हैं।

उत्तराखंड: उत्तरकाशी और हल्द्वानी में प्रदर्शन

उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में आज पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों के कर्मचारियों ने विशाल धरना प्रदर्शन किया। जनपद मुख्यालय के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में पेंशन बहाली की मांग को लेकर बड़ी संख्या में कर्मचारी एकत्रित हुए। इस विशाल धरना प्रदर्शन में केंद्रीय और प्रांतीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

NMOPS पुरानी पेंशन बहाली संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि देश की पांच राज्यों में पुरानी पेंशन बहाल हो चुकी है। पेंशन बहाली की मांग को लेकर हम उत्तराखंड में भी विशाल धरना प्रदर्शन और रैली कर रहे हैं। आगामी 26 फरवरी को हल्द्वानी में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर विशाल धरना प्रदर्शन और रैली होगी।

हल्द्वानी में प्रदर्शन

हल्द्वानी। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड द्वारा आज हल्द्वानी में महा रैली का आयोजन किया। महारैली में प्रदेश के विभिन्न कर्मचारी अधिकारी संगठनों के वर्तमान एवं पूर्व पदाधिकारियों ने बड़ी संख्या में प्रतिभाग किया।

इस दौरान टैक्सी स्टैंड से शुरू हुई महारैली वाटिका बैंकट हॉल तक पहुंची। जहां एक सभा का आयोजन किया गया। जिसमें पुरानी पेंशन बहाली का संकल्प लिया गया और इस बात पर रोष व्यक्त किया गया कि सरकार लगातार कर्मचारियों के साथ धोखा कर रही है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी सिंह रावत ने कर्मचारियों से आह्वान किया कि 1 मई को मजदूर दिवस के दिन देश की संसद तक मार्च के लिए अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर केंद्र सरकार को एहसास दिलाएं कि यदि पुरानी पेंशन बहाल नहीं की गई तो 2024 की डगर आसान नहीं होगी।

मध्यप्रदेश: मंत्रियों-विधायकों को ज्ञापन अभियान

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर मध्यप्रदेश में NMOPS/MP ने आज मंत्रियों और विधायको से मिलकर अपनी बात रखी और मांग की है सरकार पुरानी पेंशन बहाल करें।

दरअसल पूरे प्रदेश में 5 पेंशन महाकुंभ आयोजित करने के बाद सदस्यों ने तय किया है अब वह पूरे प्रदेश के मंत्रियों सहित 230 विधायको से मुलाकात कर मांग पत्र देकर आग्रह करेंगे, कि वह सदन में पुरानी पेंशन बहाली की मांग उठाए।

इसी के तहत NMOPS/MP के सदस्य पूरे प्रदेश में 19 से 26 फरवरी तक सभी मंत्रियों और विधायकों से मिलने का अभियान शुरू किया। रविवार को सदस्यों ने भोपाल विधायक रामेश्वर शर्मा, केबिनेट मंत्री और विधायक पी सी शर्मा से मिलकर उन्हे मुख्यमंत्री के नाम पुरानी पेंशन बहाली का ज्ञापन दिया।

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