हरिद्वार: संघर्षरत राजा बिस्किट मज़दूरों के हक़ में मज़दूर महापंचायत सफलता पूर्वक सम्पन्न

महापंचायत में राजा बिस्किट के मज़दूरों की गैरकानूनी गेट बंदी को खुलवाने, मज़दूर विरोधी चार लेबर कोड्स को रद्द करने व विकराल होती ठेकेदारी प्रथा के खिलाफ आवाज बुलंद हुई।

हरिद्वार (उत्तराखंड)। आज 19 फरवरी को सिडकुल हरिद्वार में राजा बिस्किट के गेट पर मजदूर महापंचायत का आयोजन हुआ। जहां ट्रेड यूनियनों व सामाजिक संगठनों के साथ संघर्षरत राजा बिस्किट मजदूरों के परिवार जनों व सिडकुल के सड़कों मजदूर ने भागीदारी की।

मजदूर महापंचायत में सुबह 10 बजे से अलग-अलग यूनियन के प्रतिनिधि व सिडकुल के मजदूर इकट्ठा होने लगे, सिडकुल पुलिस प्रशासन ने फैक्ट्री के आसपास जाम का हवाला देकर पंचायत को बाधित करने की पुरजोर कोशिश की, लेकिन मजदूरों ने एकता के दम पर पुलिस प्रशासन को पीछे हटने को मजबूर कर दिया।

मजदूर महापंचायत की शुरुआत इंकलाबी मजदूर केंद्र की सांस्कृतिक टीम द्वारा क्रांतिकारी गीत “हम जुल्मतो से देश को आजाद करायेंगे” से हुई। राजा बिस्किट के मजदूरों की गैरकानूनी गेट बंदी को खुलवाने व चार मजदूर विरोधी लेबर कोड्स को रद्द करने व विकराल होती ठेकेदारी प्रथा के खिलाफ वक्ताओं द्वारा बातें रखी गई।

मजदूर महापंचायत के अध्यक्षीय मंडल में राजा बिस्किट के मजदूर नेता बृजेश कुमार, इंकलाबी मजदूर केंद्र केंद्रीय उपाध्यक्ष पंकज कुमार, संयुक्त संघर्षशील ट्रेड यूनियन मोर्चा के संयोजक व फूड्स श्रमिक यूनियन (आईटीसी) के अध्यक्ष गोविंद सिंह, देवभूमि श्रमिक संगठन (हिंदुस्तान यूनिलीवर) के पूर्व महामंत्री दिनेश कुमार, भेल मजदूर ट्रेड यूनियन (बीएमटीयू ) के अध्यक्ष राजकिशोर, सीमेंस वर्कर यूनियन (c&s इलेक्ट्रिक लि.)के मजदूर नेता अशोक गिरी, एवरेडी मजदूर कमेटी के अनिल कुमार सैनी, कर्मचारी संघ सत्यम ऑटो के महिपाल सिंह, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के संयोजक नासिर अहमद, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की निशा, परिवर्तनकामी छात्र संगठन की रश्मि, प्रगतिशील भोजन माता संगठन की रजनी, एवरेस्ट इण्डस्ट्रीज मजदूर यूनियन भगवानपुर के महामंत्री सुनिल कुमार आदि पदाधिकारी शामिल रहे।

वक्ताओं ने स्पष्ट कहा कि राजा बिस्किट का प्रबंधन अपने आप को श्रम विभाग से ऊपर समझ रहा है। सीधे तौर पर श्रम अधिकारियों की अवमानना कर रहा है। उप श्रम आयुक्त हरिद्वार द्वारा 6 फरवरी को वार्ता में कहा गया था कि गेट बंदी विधि अनुरूप नहीं है और मजदूरों का उपस्थित रजिस्टर पूर्ववत खोला जाये। परंतु राजा मैनेजमेंट 7 फरवरी से कंपनी से गायब है और गैर कानूनी सेवा समाप्ति के पत्र मजदूरों के घरों में भेज रहा है। ऐसे में वह मजदूरों का 4 साल का ओवरटाइम का पैसा 2 साल का बोनस व अन्य देय का कम्पनी भुगतान नहीं करना चाहती है।

मजदूर यूनियन से आये प्रतिनिधियों ने कहा कि राजा प्रबंधन स्थाई मजदूरों को कंपनी से बाहर कर ठेका मजदूरों से कंपनी चलाना चाहता है इसी कारण वह कानूनी तौर पर कंपनी बंदी नहीं कर रहा है उल्टा-सीधा हिसाब देकर भाग रहा है।

वक्ताओं ने 4 मजदूर विरोधी श्रम संहिताओं को रद्द करने पर जोर दिया। कहा कि इससे मजदूरों की हालात डेढ़ सौ साल पुराने गुलामी की स्थिति में पहुंच जाएंगे। कंपनी के मालिक पर कोई लगाम नहीं होगी। मजदूरों का बेतहाशा शोषण उत्पीड़न होगा। ठेकेदारी प्रथा में रखो और निकालो की नीति पर मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा पीएफ, ईएसआई से भी वंचित किया जा रहा है। अधिकांश कंपनियों में मजदूरों को न्यूनतम वेतन भी  नहीं दिया जा रहा है। ट्रेड यूनियन  अधिकारों पर हमला कर, सरकारें पूजीपतियों को शोषण की खुली छूट दे रहे हैं।

मजदूर प्रतिनिधियों एक स्वर में कहा कि हम सब मिल कर प्रतिरोध करेंगे और जिस तरह सिडकुल के अंदर मालिकों की और प्रबंधकों की एसोसिएशन है उसी तरह सभी कंपनियों के मजदूरों को साथ लेकर संयुक्त संघर्षशील ट्रेड यूनियन मोर्चा हरिद्वार आगामी समय में मजदूरों को जागरूक कर व्यापक आंदोलन की रुप रेखा बनाएगा। शोषण उत्पीड़न का डटकर मुकाबला करेगा।

मजदूर महापंचायत में बृजेश कुमार, बिशनपुरी, अवधेश कुमार, निशु कुमार, प्रति, विना कविता, सुनिल सिह, तेज पाल सिंह, अमित चौहान, संचित कुमार, देवेंद्र सिह आदि लोगों ने बाते रखी। संघर्षरत राजा बिस्किट मजदूरों के परिवार जनों व सिडकुल के सड़कों मजदूर ने भागीदारी की। मजदूर महापंचायत का समापन क्रांतिकारी गीत “जागो फिर एक बार जागो रे, जागे थे भगतसिंह प्यारे” से हुआ।

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