नेस्ले इंडिया की सभी इकाइयों में माँगपत्र पर समझौता संपन्न; फिर पंतनगर में समझौता क्यों नहीं?

प्रबंधन की हठधर्मिता के विरोध में दोनों यूनियनों का नेतृत्व लंच का बहिष्कार कर भूखे रहकर कार्य कर रहा है। जबकि प्रबंधन समझौते की जगह श्रमिकों का उत्पीड़न बढ़ा रहा है।

पंतनगर (उत्तराखंड)। इस समय नेस्ले इंडिया लिमिटेड, पंतनगर में मज़दूरों में भारी रोष व्याप्त है। कारण माँगपत्र पर नेस्ले इंडिया की समस्त इकाइयों में समझौता संपन्न हो चुका है परंतु पंतनगर इकाई में प्रबंधन की हठधर्मिता के कारण गतिरोध बना हुआ है।

यूनियनों का कहना है कि पंतनगर इकाई में प्रबंधन जानबूझकर समझौता संपन्न नही कर रहा है। वह दोनों यूनियन की एकता से घबड़ा रहा है और श्रमिकों का उत्पीड़न बढ़ा रहा है, झूठे आरोपपत्र दे रहा है। प्रबंधन के उत्पीड़न के कारण प्लांट में एक श्रमिक की शुक्रवार को तबीयत बिगड़ गई और उसे प्रबंधन गुप्त तरीके से एंबुलेंस से हॉस्पिटल ले गया जिसमे कोई भी सहायक डॉक्टर भी नही था।

पुरानी सहमति से प्रबंधन मुकरा क्यों?

ज्ञात हो कि पंतनगर इकाई की दोनों यूनियनों- नेस्ले मजदूर संघ व नेस्ले कर्मचारी संगठन ने 5 सितंबर 2022 को अपना मांग पत्र प्रस्तुत किया था। पुराना समझौता 31 मार्च, 2023 को समाप्त हो रहा है। पिछले समझौते के वक़्त दोनों पक्षों में यह सहमति बनी थी कि यूनियनें पहले माँगपत्र देती हैं तो 31 दिसंबर 2022 तक नया समझौता सम्पन्न करके 3 माह पूर्व 1 जनवरी 2023 से ही लागू हो जाएगा।

यूनियन नेताओं का कहना है कि तत्कालीन प्रबंधन व हेड ऑफिस के अधिकारियों द्वारा यह विश्वास दिलाया गया था कि हम आगामी समझौते में मीटिंग अति शीघ्र प्रारंभ करेंगे और हम इस वर्ष की जो राशि दिखा रहे हैं वहीं से आगामी समझौते पर वार्ता प्रारंभ करेंगे।

यूनियन प्रतिनिधियों ने कहा कि इसी आधार पर और प्रबंधन द्वारा शीघ्र समझौता करने के आश्वासन पर हमने वार्ता हेतु समय से पूर्व ही अपना मांग पत्र प्रस्तुत कर दिया था। फिर भी प्रबंधन मूकदर्शक बना रहा। यूनियनों ने जब वार्ता हेतु पत्र दिया तब प्रबंधन थोड़ा सक्रिय हुआ और वार्ता की महज औपचारिकता ही करता रहा और मिटिंगो की संख्या बढ़ाता रहा जो कि निंदनीय है।

शांतिपूर्ण विरोध व उपवास कार्यक्रम जारी

प्रबंधन की हठधर्मिता के विरोध में दोनों यूनियनों की वार्ताकार टीम, जिसमें 20 प्रतिनिधि शामिल हैं, ने 2 फरवरी से लंच का बहिष्कार कर दिया है और वे भूखे रहकर कार्य कर रहे हैं। इसके समर्थन में प्लांट के समस्त श्रमिकों ने एक दिन उपवास रखा और खाने का बहिष्कार किया। साथ ही शांतिपूर्ण विरोध कार्यक्रम जारी है।

यूनियनों की एकता से घबड़ाये प्रबंधन ने श्रमिक उत्पीड़न बढ़ाया

नेताओं ने बताया कि पंतनगर यूनिट की दोनों ही यूनियनों- नेस्ले मजदूर संघ व नेस्ले कर्मचारी संगठन ने वर्ष 2019 के समझौते के समय एक साझा नेस्ले श्रमिक संयुक्त मोर्चा बनाया, जिससे स्थानीय प्रबंधन से लेकर हेड ऑफिस तक के अधिकारी अत्यधिक परेशान हैं और वह इस  मोर्चा की एकता को तोड़ने का संपूर्ण प्रयास कर रहे हैं। समझौता ना होने का यह भी एक महत्वपूर्ण और मूल कारण है।

यूनियनों का कहना है कि पंतनगर का एचचार विभाग जानबूझकर की फर्जी दस्तावेज तैयार कर रहा है, गो स्लो डाउन जैसे झूठे आरोप लगा रहा है। जबकि संपूर्ण कारखाना ऑटोमेशन से चलता है। जानबूझकर यूनियन प्रतिनिधियों को ललकारा जा रहा, मज़दूरों को डराया-धमकाया जा रहा है, झूठे आरोपपत्र दिए जा रहे हैं। शुक्रवार को एक श्रमिक पर प्रबंधन ने ऐसा दबाव बनाया कि उसकी तबीयत बिगड़ गई और अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।

प्रबंधन के उकसावे में नहीं फसेंगे, संघर्ष रहेगा जारी

नेताओं ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि पंतनगर का प्रबंधन उकसावे जैसा माहौल बना कर मारुति जैसा कोई षड्यंत्र रच कर यूनियन को फसाने का भरपूर प्रयास कर रहा है।

यूनियनों का कहना है कि वे प्रबंधन के किसी उकसावे में नहीं फँसेंगे। उनका शांतिपूर्ण विरोध कार्यक्रम तबतक जारी रहेगा, जबतक सम्मानजनक समझौता नहीं हो जाता।

About Post Author

भूली-बिसरी ख़बरे