बिजली आंदोलन के संघर्ष की जीत की खुशी में जुलुस, जन मुद्दो की लड़ाई लड़ने का संकल्प

राजस्थान सरकार द्वारा प्रतिमाह 100 यूनिट बिजली मुफ़्त देने का ऐलान मेहनतकश जनता के बिजली आंदोलन की जीत है। ग्रामीणों के बिजली कनेक्शन सहित अन्य जन मुद्दों पर संघर्ष जारी है।

नेठराना, हनुमानगढ़ (राजस्थान)। राजस्थान सरकार ने अपने आखिरी बजट में प्रतिमाह 100 यूनिट बिजली मुफ़्त देने का ऐलान किया है, जोकि बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिती की अगुवाई में चल रहे बिजली आंदोलन की बड़ी जीत है।

ज्ञात हो कि पिछले 4 सालों से नोहर-भादरा तहसील की मेहनतकश जनता बिजली बिलों में मनमानी लूट के खिलाफ बिजली आंदोलन संघर्षरत तरीके चला रही है।

इन चार सालों में इलाके की जनता ने बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिती की अगुवाई में जनता को इस लूट से अवगत कराने, राज्य सरकार और प्रशासन को चेताने और अपनी वाजिब मांगो को हासिल करने के लिए कई धरने प्रदर्शन, यात्राएं, वार्ता, ज्ञापन आदि माध्यमों से बड़े शांतिपूर्वक तरीके से आंदोलन चलाया।

इस लंबे संघर्ष पर नाजायज पुलिसिया दमन, झूठे मुकदमें और गरीब मज़दूरों किसानों के जबरन बिजली के कनेक्शन काटने की भी कार्यवाही सरकार और प्रशासन द्वारा की गई है।

इस सब के बावजूद जनता ने एकताबद्ध होकर लड़ाई लड़ी, इसी की बदौलत पिछले साल राजस्थान सरकार ने प्रतिमाह 50 यूनिट बिजली मुफ़्त देने की घोषणा की थी। और अब राज्य सरकार द्वारा अपने आखिरी बजट में प्रतिमाह 100 यूनिट बिजली मुफ़्त का ऐलान किया गया है।

बिजली उपभोक्ता संघर्ष समिती ने बताया कि जनता के कड़े संघर्ष के तले ही यह जीत हासिल हुई है। जिसका लाभ पूरे राज्य की जनता को मिलेगा।

संघर्षों से मिली जीत की खुशी में आज 16 फरवरी को नेठराना में इलाके की जनता ने बस स्टेंड नंबर 1 से इंद्रा चौक तक जुलूस निकाला और जनसभा की। जनसभा के बाद भगत सिंह चौक पर माल्यार्पण कर संघर्ष करते रहने का संकल्प लिया। जनसभा में काफी तादात में महिलाओं ने बढ़चढकर हिस्सा लिया।

सभी वक्ताओं लंबे ने संघर्ष को क्रांतिकारी सलाम किया और आंदोलन से सबक लेते हुए शिक्षा, स्वास्थ, पानी, महंगाई, रोज़गार आदि मुलभूत मुद्दो की लड़ाई एकता के साथ लड़ने का आह्वान किया।

साथ ही इस जीत को पूर्ण जीत न मानते हुए जिन ग्रामवासियों के कनेक्शन काटे गए और जो अभी तक भारीभरकम बिल न भर पाने के कारण बिजली का कनैक्शन वापस नहीं ले पाए है, उनके बकाया बिल में रियायत देने और कम किस्त पर बिल वसूलने की मांग को लेकर संघर्ष जारी रखने पर सभी ग्रामीण सहमत हुए।

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