मध्यप्रदेश के सरकारी डॉक्टरों की 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल; नर्सिंग स्टाफ का भी समर्थन

यह पहला मौका है जब प्रदेश में सभी विभागों के सरकारी डॉक्टर्स और जूडा भी किसी हड़ताल में शामिल है। सरकारी डॉक्टर्स के स्थानीय संगठनों ने भी अधिकारियों को हड़ताल का पत्र सौंपा है।

मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा सकती हैं. प्रदेश भर में शासकीय डॉक्टर्स (government doctors) 15 फरवरी से हड़ताल पर रहेंगे. वहीं 17 फरवरी से कामकाज छोड़ अनिश्चितकालीन हड़ताल (strike) करेंगे. शासकीय डॉक्टरों के हड़ताल के दौरान लोगों को प्राइवेट हॉस्पिटल (private hospital) के डॉक्टरों का सहारा होता था. लेकिन इस बार 17 फरवरी से होने जा रहे अनिश्चीतकालीन हड़ताल का नर्सिंग होम एसोसिएशन के तहत प्राइवेट डॉक्टर्स भी इस हड़ताल का समर्थन करेंगे. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में 17 फरवरी से प्रदेशभर के सरकारी डॉक्टर्स अपनी मांगों को लेकर कामबंद हड़ताल पर जाने वाले हैं. शासकीय डॉक्टरों का अब प्राइवेट डॉक्टर्स का भी साथ मिल गया है. मध्य प्रदेश के यूनाइटेड डॉक्टर्स फेडरेशन और एम पी नर्सिंग होम एसोसिएशन ने भी महासंघ को अपना समर्थन देने के लिए लेटर लिखा है. जिसमें लिखा गया है कि शासन से अनुरोद है कि आंदोलनरत चिकित्सकों की मांगों को लेकर शीघ्रता से विचार कर इसका निराकरण करें. यूडीएफ का प्रत्येक सदस्य इसका समर्थन करता है. वहीं निजी डॉक्टरों का शासकीय डॉक्टरों का समर्थन करना और एक साथ काम काज बंद करना मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बुरा असर डाल सकता है.

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के सरकारी डॉक्टरों ने केन्द्र सरकार की DACP नीति को लागू करने, पुरानी पेंशन बहाली, मेडिकल वर्क में प्रशासनिक अधिकारियों की दखलअंदाजी जैसी मांगों को लेकर शासकीय/स्वशासी चिकित्सक महासंघ बनाया है. इसी के तहत शासकीय डॉक्टर्स ने बीते 27 जनवरी से 07 फरवरी तक पूरे मध्य प्रदेश में ‘चिकित्सा बचाओ,चिकित्सक बचाओ’ यात्रा निकाली. स्वशासी चिकित्सक महासंघ ने अब तय किया है कि इन मांगों को लेकर 15 फरवरी से फिर आंदोलन की शुरुआत होगी. 17 फरवरी से सभी डाक्टर्स काम बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे.

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