हिमाचल: मनरेगा में सौ दिनों का रोजगार नहीं मिलने मजदूरों ने किया धरना-प्रदर्शन

मजदूरों ने लिखित सामूहिक आवेदन भी किए। ऑनलाइन हाजिरी, बीस कार्यों की शर्त हटाने, मजदूरी 350 रुपये करने आदि का माँगपत्र खंड विकास अधिकारी के मार्फत मुख्यमंत्री को भेजा।

धर्मपुर (मंडी)। मनरेगा में सौ दिनों का रोजगार नहीं मिलने के कारण खंड विकास अधिकारी कार्यालय के बाहर सैकड़ों मजदूरों ने धरना-प्रदर्शन किया।

मजदूरों ने लिखित में सामूहिक आवेदन भी किए तथा ऑनलाइन हाजिरी, बीस कार्यों की शर्त हटाने समेत मनरेगा में मजदूरी 350 रुपये करने के लिए खंड विकास अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांगपत्र भेजा।

धरने का नेतृत्व मनरेगा और निर्माण मजदूर फेडरेशन हिमाचल प्रदेश के राज्य महासचिव भूपेंद्र सिंह, धर्मपुर खंड अध्यक्ष करतार सिंह चौहान ने किया। भूपेंद्र ने कहा कि इस साल अभी तक पंचायतों में 50 दिनों से भी कम काम मजदूरों को मिला है। अब केंद्र सरकार ने जो तीन समय ऑनलाइन हाजिरी लगाने और 20 कार्यों की शर्त रखी है इससे पंचायतों में काम ठप हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले ही मनरेगा के बजट में कटौती कर दी है। अब इस तरह की अड़चनें डालने से काम ही बंद कर दिए हैं। इससे हजारों गरीब परिवारों को मिल रहे रोजगार के अवसर ही खत्म हो गए हैं। इस मौके पर यूनियन ने मांग की कि मनरेगा मजदूरों को राज्य सरकार की निर्धारित 350 रुपये दिहाड़ी दी जाए। मजदूर विरोधी नीतियों पर केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया गया है। इसे और तेज कर दिया जाएगा। इस मौके पर पंचायतों से आए हुए मनरेगा मजदूर और जन प्रतिनिधि मौजूद रहे। इस अवसर पर बाला राम, बलदेव ठाकुर, कर्मसिंह, कश्मीर सिंह, मोहन लाल, रामचंद, ओमचन्द, राकेश शर्मा, हिमा देवी, पुष्पलता, अन्नू, रानी, प्रतिमा, सुनीता और शारदा आदि उपस्थित रहे।

खंड विकास कार्यालय में ग्राम पंचायत चोलथरा, सरौन, गरयोह, कोट, टिहरा, तनिहार, ग्रोड़ू, सधोट, पिपली, सज्याओपिपलु, जोढन, डरवाड़, घरवासड्डा, लौंगनी, सरी, बिंगा, ब्रांग, सिद्धपुर, दतोहली-परडाना, दतवाड़, नेरी, संधोल, कोठहुवां इत्यादि पंचायतों के पांच सौ से अधिक मजदूरों ने रोजगार के लिए सामूहिक आवेदन किया।

अमर उजाला से साभार

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