मुगलसराय: नाबालिग मज़दूरों सहित 21 बंधुआ मज़दूर स्टेशन पर बदहवास मिले

वाराणसी के लोहता स्थित कंक्रीट स्लीपर निर्माण कंपनी में काम कर रहे उड़ीसा के ये बंधक मज़दूर मौका पाकर भागकर पीडीडीयू स्टेशन पहुंचे थे। इससे पूर्व 39 बंधुआ मज़दूर भी बरामद हो चुके हैं।

उड़ीसा से लाकर नाबालिग मजदूरों से बंधुआ बनाकर काम कराने का मामला सामने आय है। सोमवार को बच्चों के भाग कर पीडीडीयू (मुगलसराय) जंक्शन पर पहुंचने पर मामले का खुलासा हुआ।

बरामद बच्चों में 11 नाबालिग और दस बालिग मिले। ये सभी मज़दूर वाराणसी (उत्तरप्रदेश) के लोहता क्षेत्र में स्थित एक कंक्रीट स्लीपर निर्माण कंपनी में काम कर रहे थे।

पीडीडीयू जंक्शन पर आरपीएफ, बचपन बचाओ आंदोलन संस्था ने बच्चों को बरामद कर इसकी जानकारी वाराणसी पुलिस को दी है। इसके आधार पर वाराणसी पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है। वहीं नाबालिग बच्चों को बचपन बचाओ आंदोलन संस्था के सुपुर्द किया गया है। 

ज्ञात हो कि पिछले साल अगस्त महीने में भी चंदौली के मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र से नाबालिग बच्चों के बंधुआ मजदूरी का मामला सामने आया था। तब सीडब्लूसी और पुलिस की रेड में कुल 39 लोग रेस्क्यू किये गए, जिसमें 2 नाबालिग शामिल थे। ज्यादातर बच्चे बिहार और झारखंड के थे।

स्टेशन पर मिले 21 बंधुआ मज़दूर

रेलवे सुरक्षा बल के निरीक्षक संजीव कुमार दल बल के साथ सोमवार की सुबह स्टेशन पर गश्त कर रहे थे। इसी बीच मुगलसराय रेलवे स्टेशन के फुटओवर ब्रिज पर 21 मजदूर सहमे हाल में दिखे।

बच्चों से पूछने पर पता चला कि वे एक वर्ष से वाराणसी के लोहता स्थित कंक्रीट स्लीपर निर्माण कंपनी में काम कर रहे हैं। उनका सुपरवाइजर ने कई महीने से पैसे भी नहीं दिए हैं। घर जाने की बात पर वह धमका रहा है। ऐसे में मौका पाकर वे वहां से भाग निकले हैं।

नाबालिगों ने बताया कि वे सभी ओड़िसा रायगढ़ के रहने वाले हैं। निरीक्षक संजीव कुमार ने बच्चों को अपने कब्जे में लेकर इसकी सूचना वरीय मंडल सुरक्षा अधिकारी जेथिन बी राज को दी। इसके साथ ही बचपन बचाओ आंदोलन को सूचित किया।

सीनियर कमांडेंट के निर्देश के बाद आरपीएफ और बचपन बचाओ आंदोलन के को आर्डिनेटर देश राज सिंह, कृष्णराज शर्मा ने वाराणसी के श्रम विभाग के साथ कंक्रीट फैक्टरी में पहुंच कर सत्यापन किया। बरामद बच्चों में 11 नाबालिग और दस बालिग मिले। सभी को आगे की कार्रवई के लिए बचपन बचाओ आंदोलन संस्था के हवाले कर दिया गया।

बीते साल भी बंधुआ मजदूरी का मामला आया था सामने

पिछले साल अगस्त महीने में भी उत्तर प्रदेश के चंदौली के मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र से नाबालिग बच्चों के बंधुआ मजदूरी का मामला सामने आया था। तब सीडब्लूसी और पुलिस की रेड में कुल 39 लोग रेस्क्यू किये गए, जिसमें 2 नाबालिग शामिल थे। ज्यादातर बच्चे बिहार और झारखंड के थे।

मामला तब खुला था, जब आरोपियों के चंगुल से भागी एक नाबालिक बच्ची किसी तरह से भागकर मुगलसराय स्टेशन पहुंची, जहां आरपीएफ ने बच्ची को प्राप्त कर सीडब्ल्यूसी के सामने पेश किया, और उसने काउंसलिंग के दौरान आप-बीती बताई थी।

पीड़ित बच्ची ने बताया था कि ग्लेवे कंपनी के नाम पर उसे यह कह कर बुलाया गया कि, 15 हजार की नौकरी दी जाएगी, ऑफिस में काम करने की नौकरी होगी। लेकिन वहाँ आने पर उससे साढ़े आठ हजार रुपये ले लिए गए और लगातार ट्रेनिंग के नाम पर कुछ और ही चीज बताई जाने लगी। जिसके बाद यह लड़की ने यहां से जाने के लिए कहा तो वहां मौजूद लोगों ने उसे डरा धमका कर रोक दिया।

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